कोरोना वायरस का संक्रमण डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक
ऋषिकेश–दुनियाभर में कोरोना वायरस कोविड19 का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 5 जुलाई 20 तक विश्वभर में 1,11,25,245 कोविड संक्रमित मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं। जबकि कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा 5,28,204 तक पहुंच चुका है। भारत में भी यह संख्या दिन- प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है। वैसे तो कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता हैं।मगर चिकित्सकों के मुताबिक इससे उन लोगों को ज्यादा खतरा है जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है अथवा जो लोग उम्रदराज हैं। आमतौर पर कोरोना से संक्रमित मरीजों में 80 प्रतिशत में केवल माइल्ड लक्षण ही मिलते हैं। 15% मरीजों में गंभीर बीमारी होती है और शेष 5 फीसदी लोगों में यह संक्रमण जानलेवा हो सकता है।
द लांसेट जर्नल के एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग उम्रदराज हैं। या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, गुर्दे के रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं। उनमें कोरोना वायरस से गंभीर बीमारी और जान जाने का ज्यादा खतरा है। चीन में वुहान के दो अस्पतालों के 191 मरीजों पर किए गए शोध में भी यह बात सामने आ चुकी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज के रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य सामान्य लोगों के मुकाबले बहुत कम होती है। इससे रक्त में ग्लूकोज की अधिकता हो जाती है और संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ता है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने मधुमेह के रोगियों को कोरोना काल में विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने जोर दिया कि हमें कोरोनाकाल में इस बात पर गंभीरता से ध्यान देना होगा कि इस अवधि के दौरान मधुमेह को कैसे नियंत्रित रखा जाए।
संस्थान के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. रविकांत ने बताया कि भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक भारत में 2019 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या 7 करोड़ थी और यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार बढ़ने और डायबिटीक मरीजों में इसके गंभीर परिणाम के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा डाइबिटीज के मरीजों के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जिसमें मरीजों को कोविड संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानियां बताई गई हैं। डायबिटीज के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने जाने पर वायरस के शरीर में जीवित रहने के आसार बढ़ जाते हैं। लिहाजा डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे प्राथमिक ध्यान देने वाली बात है कि उनकी ब्लड शुगर मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए।
संस्थान के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. रविकांत ने बताया कि भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक भारत में 2019 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या 7 करोड़ थी और यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार बढ़ने और डायबिटीक मरीजों में इसके गंभीर परिणाम के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा डाइबिटीज के मरीजों के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जिसमें मरीजों को कोविड संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानियां बताई गई हैं। डायबिटीज के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने जाने पर वायरस के शरीर में जीवित रहने के आसार बढ़ जाते हैं। लिहाजा डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे प्राथमिक ध्यान देने वाली बात है कि उनकी ब्लड शुगर मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए।
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