शहीद स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई
देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क देहरादून में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं के आपसी सामंजस्य से 95 हजार पाकिस्तानी सेना को 13 दिन के युद्ध के बाद घुटने टेकने को विवश कर दिया। इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 248 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। जबकि 78 सैनिक घायल हुए थे।
उत्तराखण्ड के 74 रणबांकुरों को वीरता पदक से नवाजा गया। देश की आजादी के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए जो भी युद्ध हुए, उसमें उत्तराखण्ड की अहम भूमिका रही है। राष्ट्रवाद एवं पर्यावरण के प्रति उत्तराखण्ड के लोग काफी जागरूक हैं। अब तक एक परमवीर चक्र, 06 अशोक चक्र, 100 वीर चक्र एवं 1262 वीरता पदक उत्तराखण्ड के हिस्से में आये हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि सैनिकों एवं उनके आश्रितों को हर सम्भव मदद दी जाय। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की पेंशन चार हजार से बढ़ाकर आठ हजार रूपये की। किसी अभियान में शहादत देने वाले सेना और अर्द्धसेना जवानों को उनकी योग्यता के अनुरूप राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति दी जा रही है।
शहीद जवानों के आश्रितों को योग्यतानुसार राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। सैनिक परिवारों को गृह कर में पूरी छूट दी गई है। 25 लाख तक की सम्पति पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 फीसदी की छूट दी गई है। लैंसडाउन केंट के लिए पेयजल के समाधान के लिए 33 करोड़ रूपये की स्वीकृति देकर पानी पहुंचाया गया। रानीखेत मेें भी सेंटर में पेयजल के लिए स्वीकृति दी जा रही है। शहीद सैनिकों के बच्चों को कक्षा एक से आठ तक 06 हजार एवं 09वीं कक्षा से पोस्ट ग्रेजुएशन तक 10 हजार रूपये की छात्रवृत्ति राज्य सरकार दे रही है।इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, वाइस एडमिरल एच.सी.एस बिष्ट, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर के.बी.चन्द एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं के आपसी सामंजस्य से 95 हजार पाकिस्तानी सेना को 13 दिन के युद्ध के बाद घुटने टेकने को विवश कर दिया। इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 248 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। जबकि 78 सैनिक घायल हुए थे।
उत्तराखण्ड के 74 रणबांकुरों को वीरता पदक से नवाजा गया। देश की आजादी के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए जो भी युद्ध हुए, उसमें उत्तराखण्ड की अहम भूमिका रही है। राष्ट्रवाद एवं पर्यावरण के प्रति उत्तराखण्ड के लोग काफी जागरूक हैं। अब तक एक परमवीर चक्र, 06 अशोक चक्र, 100 वीर चक्र एवं 1262 वीरता पदक उत्तराखण्ड के हिस्से में आये हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि सैनिकों एवं उनके आश्रितों को हर सम्भव मदद दी जाय। राज्य सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की पेंशन चार हजार से बढ़ाकर आठ हजार रूपये की। किसी अभियान में शहादत देने वाले सेना और अर्द्धसेना जवानों को उनकी योग्यता के अनुरूप राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति दी जा रही है।
शहीद जवानों के आश्रितों को योग्यतानुसार राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। सैनिक परिवारों को गृह कर में पूरी छूट दी गई है। 25 लाख तक की सम्पति पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 फीसदी की छूट दी गई है। लैंसडाउन केंट के लिए पेयजल के समाधान के लिए 33 करोड़ रूपये की स्वीकृति देकर पानी पहुंचाया गया। रानीखेत मेें भी सेंटर में पेयजल के लिए स्वीकृति दी जा रही है। शहीद सैनिकों के बच्चों को कक्षा एक से आठ तक 06 हजार एवं 09वीं कक्षा से पोस्ट ग्रेजुएशन तक 10 हजार रूपये की छात्रवृत्ति राज्य सरकार दे रही है।इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, वाइस एडमिरल एच.सी.एस बिष्ट, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर के.बी.चन्द एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
Comments
Post a Comment