सुमाड़ी में एनआईटी भवन निर्माण दो साल में पूर्ण होगा-सी एम
पौड़ी – राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने सुमाड़ी, पौड़ी गढ़वाल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), उत्तराखण्ड के स्थायी परिसर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज एक ऐसे संस्थान का भूमि पूजन व शिलान्यास हुआ है जिसकी वर्षों से प्रतीक्षा थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अथक प्रयासों से सुमाड़ी में एनआईटी का शिलान्यास संभव हुआ है।
उत्तराखण्ड को एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का तोहफा देने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। देवभूमि उत्तराखण्ड में आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान हैं। पिछले 10 वर्षों से एनआईटी का स्थाई कैम्पस नहीं होने के कारण यहां के शिक्षकों व छात्रों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। एनआईटी की आधारशिला रखने के बाद अब इसमें नियमित रूप से पठन-पाठन का कार्य होगा। उम्मीद है कि 2022 में भारत की स्वत्रंता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण कार्यों की निरन्तर निगरानी जरूरी है, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो। इसके लिए सरकार को प्रबंधन एवं शिक्षकों को मेहनत से कार्य करना होगा।
एनआईटी जैसे संस्थानों का मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना है, लेकिन यह टेक्नोलॉजी सस्ती व सुलभ होनी चाहिए। किसी भी खोज व अविष्कार का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि एनआईटी ने पर्वतीय क्षेत्रों के सन्दर्भ में लैण्डस्लाईड व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेष शोध एवं अध्ययन का लक्ष्य रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका वृद्धि विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े विषयों का तकनीकी समाधान भी इस संस्थान की प्राथमिकताओं में होना चाहिए। यहां के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को हिमालय क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न विषयों पर शोध व अनुसंधान करना चाहिए। यह संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों के मन में संशय था कि एनआईटी श्रीनगर में रहेगा या बाहर जायेगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी, तो सबके मन से यह संशय हट गया था।
इसके परिणामस्वरूप ही आज सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया है। एनआईटी में पेयजल की उपलब्धता के लिए 20 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं।केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि आज यहां पर एनआईटी का भूमि पूजन व शिलान्यास हो रहा है। एनआईटी से अनेक प्रतिभाशाली छात्र निकल रहे हैं। यहां के छात्र प्रशासनिक, इंजीनियरिंग व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यहां हम एनआईटी के साथ केन्द्रीय विद्यालय भी बनायें, ताकि यहां के बच्चे यहीं अध्ययन कर सकें। सुमाड़ी में एनआईटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने अनेक प्रयास किये। इस भवन निर्माण का कार्य 02 साल के अन्दर पूर्ण किया जायेगा। परिसर बनने के बाद दुनियाभर से छात्र यहां अध्ययन के लिए आयेंगे।
उत्तराखण्ड को एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का तोहफा देने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। देवभूमि उत्तराखण्ड में आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान हैं। पिछले 10 वर्षों से एनआईटी का स्थाई कैम्पस नहीं होने के कारण यहां के शिक्षकों व छात्रों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। एनआईटी की आधारशिला रखने के बाद अब इसमें नियमित रूप से पठन-पाठन का कार्य होगा। उम्मीद है कि 2022 में भारत की स्वत्रंता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण कार्यों की निरन्तर निगरानी जरूरी है, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो। इसके लिए सरकार को प्रबंधन एवं शिक्षकों को मेहनत से कार्य करना होगा।
एनआईटी जैसे संस्थानों का मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना है, लेकिन यह टेक्नोलॉजी सस्ती व सुलभ होनी चाहिए। किसी भी खोज व अविष्कार का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि एनआईटी ने पर्वतीय क्षेत्रों के सन्दर्भ में लैण्डस्लाईड व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेष शोध एवं अध्ययन का लक्ष्य रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका वृद्धि विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े विषयों का तकनीकी समाधान भी इस संस्थान की प्राथमिकताओं में होना चाहिए। यहां के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को हिमालय क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न विषयों पर शोध व अनुसंधान करना चाहिए। यह संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों के मन में संशय था कि एनआईटी श्रीनगर में रहेगा या बाहर जायेगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी, तो सबके मन से यह संशय हट गया था।
इसके परिणामस्वरूप ही आज सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया है। एनआईटी में पेयजल की उपलब्धता के लिए 20 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं।केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि आज यहां पर एनआईटी का भूमि पूजन व शिलान्यास हो रहा है। एनआईटी से अनेक प्रतिभाशाली छात्र निकल रहे हैं। यहां के छात्र प्रशासनिक, इंजीनियरिंग व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यहां हम एनआईटी के साथ केन्द्रीय विद्यालय भी बनायें, ताकि यहां के बच्चे यहीं अध्ययन कर सकें। सुमाड़ी में एनआईटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने अनेक प्रयास किये। इस भवन निर्माण का कार्य 02 साल के अन्दर पूर्ण किया जायेगा। परिसर बनने के बाद दुनियाभर से छात्र यहां अध्ययन के लिए आयेंगे।
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