सोच-समझ कर अपने मत का प्रयोग करें–कृष्णनन
देहरादून–मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के स्टार प्रचारक एवं केंद्रीय कमेटी सदस्य विजू कृष्णनन ने कहा है की मोदी सरकार के राज में आम जनता सुरक्षित नहीं हैं। वे आज मसूरी, राजपुर व अन्य विधानसभाओं में बैठकों को सम्बोधित कर रहे थे उन्होंने मसूरी में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जनसंपर्क कर नुक्कड़ सभाओं में उक्त विचार रखें। दिल्ली विश्वविधालय के इतिहास के प्रवक्ता शिद्धश्वर प्रसाद ने देहरादून के राजपुर, कैंट विधानसभाओं में अनेक बैठकों में भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा हैं। कि भाजपा का चरित्र इन पांच सालों में पूरी तरह बेनकाब हो चुका हैं।इन पांच सालों में इस पार्टी ने आमजनता की सेवा करने के बजाय कुछ चन्द बड़े घरानों की सेवा करने में लगाया हैं।भाजपा वाले कभी अपने को चायवाला, कभी पकोड़ेवाला तो अब चौकीदार बता कर जनता के भावनाओं से खेल रहे है तथा अपनी विफलताओं को छुपा रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ के सचिव एजाज अहमद ने विचार व्यक्त करते हुए कहा हैं कि आज मोदी सरकार अपनी खामियों को छुपाने के लिए जनता को तरह-तरह से गुमराह कर वोट बटोर कर किसी तरह सत्ता हासिल करना चाहती है जबकि पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने शिक्षण संस्थानों को कमजोर करने का काम किया है।
इसलिए जनता को सोच-समझ कर अपने मत का प्रयोग करना चाहिये।अन्य वक्ताओं ने इस अवसर पार्ट पार्टी व पार्टी प्रत्याशी के सन्दर्भ में विचार व्यक्त किये तथा कहा है कि कॉमरेड पुरोहित 1982 से कारबारी में किसान आंदोलन से राजनीति तथा आम जनता के मध्य सक्रिय रहे हैं व क्षेत्र पंचायत में प्रमुख चुने गए हैं। इसके साथ ही 1989 में साक्षरता आन्दोलन में जुड़ कर इस राज्य में भारत ज्ञान-विज्ञान समिति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा जनता के बीच साक्षरता व विज्ञान आंदोलन को पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। राजेन्द्र पुरोहित क्षेत्र में मज़दूरों, किसानों, कर्मचारियों, रेशम किट पालकों, जनता की जन समस्यों के समाधान के लिए निरन्तर सक्रिय हैं और किसान सभा के ज़िला सचिव व राज्य के संयुक्त सचिव भी हैं। इस अवसर पर प्रत्याशी राजेन्द्र पुरोहित ने कहाँ कि अगर वह जीत कर संसद पहुचते है तो बढ़ते पलायन पर अंकुश लगाने, राज्य में बेहतरीन शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, उद्योग-धंधों का विकास, मलिन बस्तियों का नियमितीकरण, कृषि क्षेत्र की बेहतरी व किसानों को उपज का पूरा दाम देने के साथ-साथ श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 18000, श्रम क़ानूनों का पालन, जल, जंगल, ज़मीन की रक्षा,शिक्षा में जीडीपी का 6 प्रतिशत तथा स्वास्थ्य पर 5 प्रतिशत, राज्य में सार्वभोमिक राशन प्रणाली लागू करना, जन-स्वास्थ्य सुविधा नीति लागू करना, काम के अधिकार को संवैधानिक अधिकार के रूप में शामिल करना, वृद्धावस्था पेंशन 6000 रुपये करना आदि समस्याओं को उठाएंगे।
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