परीक्षा के परिणाम को जीवन में हार और जीत की तरह न लें-साध्वी
ऋषिकेश--जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव एवं डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती ने केन्द्रीय विद्यालय, आई डी पी एल के विद्यार्थियों से भेंट कर बोर्ड एग्जाम के समय छात्रों को एग्जाम फोबिया से बाहर निकालने, तनाव रहित एग्जाम देने, आत्म विश्वास और व्यक्तित्व का विकास करने के गुर सीखाये। उन्होने बहुत ही सहजता से छात्रों की जिज्ञासाआें का समाधान किया। साथ ही किशेरावस्था में बच्चों का माता-पिता और शिक्षकों के साथ व्यवहार एवं सम्बंधों पर भी विस्तृत चर्चा की।बच्चों ने साध्वी से अपनी समस्याओं का जिक्र किया, साध्वी भगवती सरस्वती ने बड़ी सहजता के साथ उनका समाधान किया। केन्द्रीय विद्यालय आई डी पी एल की एक बालिका ने साध्वी से पूछा की किस प्रकार हम अपने आत्म विश्वास और व्यक्तित्व का विकास कर सकते है। साध्वी ने कहा कि आत्म विश्वास को बढ़ाने के लिये ’’मैं एक पूर्ण आत्मा हूँ और हम सभी को भगवान ने बनाया है इस विचार को हमेशा दृढ़ बनायें रखना होगा। उन्होने कहा कि हम यह मानते है कि यदि भगवान ने हमें बनाया है और हम यह भी जानते है कि
भगवान कभी भी गलत नहीं करते; वे कभी भी किसी को आधा-अधूरा नहीं बनाते, उन्होने पेड़ों को, फलों को भी पूर्ण बनाया है तो उन्होने हमें भी पूर्ण बनाया होगा इस विश्वास को दृढ़ बनायें रखे। बस समस्या तब उत्पन्न होती है जब हम अपने आप की तुलना दूसरों से करते है तथा हम अपने को दूसरों से कमतर मानने लगते है। कभी आपने देखा कि किसी सेव फल ने संतरा बनने की इच्छा व्यक्त की हो, परन्तु मानव अक्सर वह जो है उससे संतुष्ट न होकर दूसरों जैसा बनने की कोशिश में लगा रहता है तभी हमारा आत्मविश्वास गिरने लगता है।’’बच्चों ने शिक्षक और छात्रों के सम्बंधों के विषय में प्रश्न किया तो साध्वी ने कहा कि जीवन में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है। आज मिस्टर गुगल का भी सीखाने और जानकारी देने में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होनेे कहा कि पूरी प्रकृति, परिवार और सम्पूर्ण संसार ही हमारा शिक्षक है क्योंकि हमें सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। अतः जीवन में हम जहां भी जायें, चैबीस घन्टे हर किसी से बहुत कुछ सीख सकते है। सीखना केवल कक्षा में ही नहीं है बल्कि हर स्थान को ही कक्षा बना लेना है। केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्य रचना एवं अन्य शिक्षकों ने साध्वी जी से जानकारी प्राप्त कि की किस प्रकार छात्रों को तनावरहित और रोचक शिक्षण दिया जायें, साध्वी जी ने सैद्धान्तिक से अधिक प्रायोगिक शिक्षण पद्धति को अपनाने पर जोर दिया।
साध्वी भगवती सरस्वती के साथ केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्रायें एवं परमार्थ निकेतन के देशी विदेशी सैलानियों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस भावना से वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की। साध्वी द्वारा विद्यार्थियों के लिये भेजा पर्यावरण संरक्षण का संदेश सुनाते हुये सभी को पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण का संकल्प कराया।साध्वी के उद्बोधन के पश्चात छात्र-छात्रायें अत्यधिक उत्साहित थे उन्होने कहा कि साध्वी द्वारा बतायी विधाओं के माध्यम से हम तनाव मुक्त होकर बोर्ड एग्जाम दे सकते है। साध्वी ने सभी विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे हमारे देश के ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एग्जाम के विषय में छात्रों के लिये दिये संदेश को अवश्य सुने और उस पर अमल भी करे। उन्होेने कहा कि परीक्षा के परिणाम को जीवन में हार और जीत की तरह न लें।
भगवान कभी भी गलत नहीं करते; वे कभी भी किसी को आधा-अधूरा नहीं बनाते, उन्होने पेड़ों को, फलों को भी पूर्ण बनाया है तो उन्होने हमें भी पूर्ण बनाया होगा इस विश्वास को दृढ़ बनायें रखे। बस समस्या तब उत्पन्न होती है जब हम अपने आप की तुलना दूसरों से करते है तथा हम अपने को दूसरों से कमतर मानने लगते है। कभी आपने देखा कि किसी सेव फल ने संतरा बनने की इच्छा व्यक्त की हो, परन्तु मानव अक्सर वह जो है उससे संतुष्ट न होकर दूसरों जैसा बनने की कोशिश में लगा रहता है तभी हमारा आत्मविश्वास गिरने लगता है।’’बच्चों ने शिक्षक और छात्रों के सम्बंधों के विषय में प्रश्न किया तो साध्वी ने कहा कि जीवन में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है। आज मिस्टर गुगल का भी सीखाने और जानकारी देने में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होनेे कहा कि पूरी प्रकृति, परिवार और सम्पूर्ण संसार ही हमारा शिक्षक है क्योंकि हमें सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। अतः जीवन में हम जहां भी जायें, चैबीस घन्टे हर किसी से बहुत कुछ सीख सकते है। सीखना केवल कक्षा में ही नहीं है बल्कि हर स्थान को ही कक्षा बना लेना है। केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्य रचना एवं अन्य शिक्षकों ने साध्वी जी से जानकारी प्राप्त कि की किस प्रकार छात्रों को तनावरहित और रोचक शिक्षण दिया जायें, साध्वी जी ने सैद्धान्तिक से अधिक प्रायोगिक शिक्षण पद्धति को अपनाने पर जोर दिया।
साध्वी भगवती सरस्वती के साथ केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्रायें एवं परमार्थ निकेतन के देशी विदेशी सैलानियों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस भावना से वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की। साध्वी द्वारा विद्यार्थियों के लिये भेजा पर्यावरण संरक्षण का संदेश सुनाते हुये सभी को पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण का संकल्प कराया।साध्वी के उद्बोधन के पश्चात छात्र-छात्रायें अत्यधिक उत्साहित थे उन्होने कहा कि साध्वी द्वारा बतायी विधाओं के माध्यम से हम तनाव मुक्त होकर बोर्ड एग्जाम दे सकते है। साध्वी ने सभी विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे हमारे देश के ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एग्जाम के विषय में छात्रों के लिये दिये संदेश को अवश्य सुने और उस पर अमल भी करे। उन्होेने कहा कि परीक्षा के परिणाम को जीवन में हार और जीत की तरह न लें।
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