शिव सेना ने प्रदेश सरकार पर स्मार्ट सिटी परियोजना के सुस्त रवैये पर लगाए आरोप
देहरादून -शिव सेना के प्रदेश प्रमुख गौरव कुमार ने मांग की है कि प्रदेश सरकार को बिना देरी किए स्मार्ट सिटी परियोजना की दिशा में कार्य शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने परियोजना की कामयाबी के लिए शहरवासियों की भागीदारी को पूरी तरह से सुनिश्चित किए जाने की बात भी की है।और कहा है कि जब केंद्र सरकार ने स्मार्ट शहरों की चौथी सूची में देहरादून को शामिल किए जाने के बाद परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश सरकार के सुस्त रवैये पर गौरव कुमार ने सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा है कि दूनवाासियों को अपने शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ा था लेकिन सूची में आने के बाद अब इस दिशा में क्रियान्वयन को लेकर हो रही देरी शर्मशार करने वाली बात है।गौरव कुमार ने कहा कि राजधानी बनने के बाद से लेकर आज तक दून की आवोहवा, यातायात के बोझ और लोगों की बढ़ती जरूरतों के साथ बेतरतीब निर्माण कार्यों से शहर का स्वरूप अस्तव्यस्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर देश दुनिया के शहर तेजी से विकसित हो रहे हैं वहीं विकास के नाम पर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहा दून घुटकर दम तोड़ने की स्थित में पहुंच गया है।
गौरव कुमार ने कहा कि केंद्र की स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किए जाने से यह आस जगी थी कि इस परियोजना के तहत अब दून में पेयजल किल्लत, चौबीस घंटे बिजली, सुन्दर सडकें ,अर्बन मोबिलिटी और ग्रीन ट्रांस्पोर्ट जैसी सुविधाओं का विकास होगा, लेकिन तकरीबन एक माह बीतने को है और प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में किसी भी तरह की गतिविधि का संचालित न होना प्रदेश सरकार के सुस्त रवैये को दर्शाता है।
उन्होंने कहा है कि दूनवाासियों को अपने शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ा था लेकिन सूची में आने के बाद अब इस दिशा में क्रियान्वयन को लेकर हो रही देरी शर्मशार करने वाली बात है।गौरव कुमार ने कहा कि राजधानी बनने के बाद से लेकर आज तक दून की आवोहवा, यातायात के बोझ और लोगों की बढ़ती जरूरतों के साथ बेतरतीब निर्माण कार्यों से शहर का स्वरूप अस्तव्यस्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर देश दुनिया के शहर तेजी से विकसित हो रहे हैं वहीं विकास के नाम पर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहा दून घुटकर दम तोड़ने की स्थित में पहुंच गया है।
गौरव कुमार ने कहा कि केंद्र की स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किए जाने से यह आस जगी थी कि इस परियोजना के तहत अब दून में पेयजल किल्लत, चौबीस घंटे बिजली, सुन्दर सडकें ,अर्बन मोबिलिटी और ग्रीन ट्रांस्पोर्ट जैसी सुविधाओं का विकास होगा, लेकिन तकरीबन एक माह बीतने को है और प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में किसी भी तरह की गतिविधि का संचालित न होना प्रदेश सरकार के सुस्त रवैये को दर्शाता है।
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