धरती का तापमान निरन्तर बढ़ रहा है पर्यावरण की चिंता सम्पूर्ण विश्व को करना चाहिए-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नगर पालिका परिषद् डोईवाला द्वारा आयोजित डस्टबिन वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति पर माल्यापर्ण किया तथा नीम का पौधा रोपण किया। मुख्यमंत्री रावत ने इस अवसर पर डस्टबिन वितरित किए। इस अवसर पर सोरस सेगरेशन केम्पेन का भी शुभारम्भ भी किया गया। मुख्यमंत्री रावत ने उपस्थित लोगो को अपने घर, दुकान अथवा प्रतिष्ठान के गीले तथा सूखे कूड़े को पृथक करने तथा गीले कूड़े के लिए हरा तथ सूखे कूड़े के लिए नीले रंग का कूड़ेदान का प्रयोग करने तथा स्वच्छ भारत मिशन में योगदान देने की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पर्यावरण दिवस मात्र एक कर्मकाण्ड बन कर न रह जाय हमें इस अभियान को व्यवहारिक रूप से सफल बनाना होगा ताकि जैसी धरती हमारे पुरखे हमारे लिए छोड़ गये थे वैसी ही धरती हम आने वाली पीढ़ियों को सौंप सके।
विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि आज पर्यावरण को लेकर पूरा विश्व चिन्तित है। धरती का तापमान निरन्तर बढ़ रहा है। लाखों लोग प्रदूषण के दुष्प्रभाव के कारण प्रतिवर्ष अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे है। वैश्विक तापमान को कम करना होगा यह सारी दुनिया स्वीकार करती है। वास्तव में पर्यावरण की चिंता सम्पूर्ण विश्व की चिंता है। कूड़े से निकलने वाली मिथेन जैसी जहरीली गैसों से ओजोन परत का क्षरण हो रहा है। यदि ओजोन परत का क्षरण बढ़ता रहा तो हमें अनेक समस्याओं का सामना करना पडे़गा। मुख्यमंत्री रावत ने अपील की कि अधिक से अधिक पेड़ लगाये। उन्होंने कहा कि मानसून आरम्भ होने वाला है। वर्षा का मौसम पेड़ो के विकास में सहायक होता है। यदि जुलाई के प्रथम सप्ताह अधिक से अधिक वृक्षारोपण करे तो पौधो को स्वच्छ जल, वायु व मिटटी पर्याप्त मात्रा में मिलेगी। यह वृश्रारोपण का सर्वाधिक अनुकूल समय है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जल संचय एव सरंक्षण में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर जन जागरूकता बढ़ाने का है। यदि सरकारे एवं संस्थाऐं आम आदमी को जल संचय का महत्व समझाने में सफल रहती है तभी यह अभियान सफल माना जाएगा। आम आदमी की सहभागिता किसी भी अभियान को सफल बनाने में आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 20 लाख टाॅयलेटस है। राज्य की 1.10 करोड़ की आबादी है। प्रति व्यक्ति द्वारा शौचालय प्रयोग के दौरान एक दिन में लगभग 7 से 10 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति एक लीटर पानी भी रोज बचाता है तो सम्पूर्ण राज्य में हम लगभग 1 करोड़ लीटर पानी बचा सकते है।यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से अपील की इसके लिए हमें अपने टाॅयलेट के सिस्टर्न में एक लीटर की प्लास्टिक की बोतल में आधा रेत व आधा पानी भरकर रखना होगा। इस प्रकार यदि एक परिवार प्रतिदिन 15 बार सिस्टर्न चलाता है तो प्रतिदिन 15 लीटर पानी की बचत होगी। ऐसा करने से सिस्टर्न की कार्यकुशलता पर कोई प्रभाव नहीं पडे़गा, किन्तु प्रदेश भर में एक वर्ष में लगभग 547.50 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी। उन्होंने कहा कि हमें इस उपाय को अपने घरों के अतिरिक्त कार्यालयों तथा होटलो में भी अपनाना होगा। इस अभियान में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उत्तराखण्ड का यह अभियान पूरे देश में पहुचना चाहिए।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सभी लोग टाॅयलेटस के सिस्टर्न में रेत से भरी बोतल डालने के बाद अपने इस पहल को वट्सएप, फेसबुक तथा ट्वीटर आदि सोशल मीडिया पर डाले ताकि इसे महाअभियान बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य स्थापना के समय हमारे जल स्रोतो से 72 एमएलडी जल प्रवाहित होता था जो कि वर्तमान में लगभग 40 एमएलडी हो गया है। साथ ही राज्य की आबादी भी पांच गुना बढ़ गई है, परन्तु जल आपूर्ति आधी हो गई है। जल स्रोतों को पुर्नजीवित एवं रिचार्ज कैसे किया जाय इस पर गम्भीर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त चिंता का विषय है कि आज रिवर बेल्ट पर भारी संख्या में मकान बना दिए गए है। पक्के फर्श का प्रचलन हो गया है। नालियों का जाल बिछ गया है। उक्त कारणों से भू-जल रिचार्ज में बाधा उत्पन्न हो गई ।
भू-जल रिचार्ज एवं जल स्रोतों को पुर्नजीवित करने हेतु भी आम जन की सक्रिय भागीदारी अति आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा रिस्पना एवं बिन्दाल नदियों को पुर्नजीवित करने का निर्णय लिया है। रावत ने कहा कि मकानो के निमार्ण के समय वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी हमें लगाने चाहिए।
इस अवसर पर नगर पालिका परिषद् डोईवाला के सदस्य तथा स्थानीय जनता उपस्थित थी।
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