खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण एवं कार्यशाला
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार व विश्व स्वास्थ्य संगठन और उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग तथा यूनिसेफ के समन्वय से खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में इस बात पर बल दिया गया कि खसरा-रूबेला टीकारण अभियान को कारगर तरीके से संचालित करने के लिए केन्द्रीय, राज्य स्तरीय, जनपद स्तरीय विभिन्न विभागों तथा अन्तराष्ट्रीय एजेंसी के साथ-साथ गैर सरकारी संगठन, स्थानीय संस्थाओं और स्वंय सेवकों जैसे मानव संसाधनों तथा अन्य तकनीकि पहलुओं का किस प्रकार से उचित तरीके से समन्वय किया जा सके।
इस अवसर पर अपर सचिव पंकज पाण्डेय ने कहा कि भारत में बडे़ पैमाने पर खसरा और रूबेला वायरस से अनेक बच्चे असमय मृत्यु हो जाती हैं तथा इसके उन्मूलन हेतु सभी बाहरी तथा स्थानीय एजेंसियों/विभागों को एक टीम भावना की तरह कार्य करने की आवश्यकता है, जिसके लिए सभी विभागों को अपने स्तर पर उपलब्ध मानवीय तथा अन्य संसाधनों का सुनियोजित तरीके से कार्य में परिणत करना होगा। उन्होेने कहा कि जनता को जागरूक करने हेतु स्कूलों में अध्यापक-अभिभावक समिति, मौहल्ला स्वच्छता समिति के साथ प्रचार- प्रसार से सभी वैकल्पिक प्रयासों को शामिल किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर उपायुक्त स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार डाॅ प्रदीप हैदर ने कहा कि खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य सीमित समय में बच्चों को खसरा-रूबेला टीके द्वारा प्रतिरक्षित करना है ताकि खसरे के कारण होने वाली बाल मृत्यु और जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम (गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे में होने वाली विसंगतियां ) की सम्भावनाओं को घटाना तथा नौ माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों का कम से कम 95 प्रतिशत् टीकाकरण पूर्ण करना है। उन्होने कहा कि इस अभियान में टीकाकरण की शुरूआत सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह से प्रारम्भ की जायेगी तथा सभी सरकारी, प्राईवेट, नवोदय, सैनिक विद्यालयों सहित ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों के बच्चों को भी आच्छादित किया जायेगा।
इस अवसर पर मिशन निदेशक नीतिन भदौरिया ने कहा कि अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर है कि प्रत्येक स्तर पर कार्य योजना को किस प्रकार से तैयार किया जाता है तथा उसे धरातल पर लागू करने की कितनी कारगर प्रक्रिया है। उन्होने कहा कि सबसे पहले ऐसे क्षेत्र चिन्हित करने होंगे जहां पर खसरा-रूबेला वायरस का अधिक जोर है तथा ऐसे स्थानों पर विशेष फोकस करना होगा जो टीकारण से अधिकतर वंचित रह जाते हैं।
इस अवसर पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ डी.एस रावत, भारत सरकार से डाॅ दानिश अहमद, सहायक आयुक्त टीकारण डाॅ बीना धवन, डाॅ मधुप वाजपेयी, यूनिसेफ से स्टैफनी जे रेजन सहित समेकित बाल विकास सेवा, शिक्षा विभाग, विभिन्न जनपदों के जिला टीकाकरण अधिकारी सहित सम्बन्धित विभगों के अधिकारी उपस्थित थे
इस अवसर पर अपर सचिव पंकज पाण्डेय ने कहा कि भारत में बडे़ पैमाने पर खसरा और रूबेला वायरस से अनेक बच्चे असमय मृत्यु हो जाती हैं तथा इसके उन्मूलन हेतु सभी बाहरी तथा स्थानीय एजेंसियों/विभागों को एक टीम भावना की तरह कार्य करने की आवश्यकता है, जिसके लिए सभी विभागों को अपने स्तर पर उपलब्ध मानवीय तथा अन्य संसाधनों का सुनियोजित तरीके से कार्य में परिणत करना होगा। उन्होेने कहा कि जनता को जागरूक करने हेतु स्कूलों में अध्यापक-अभिभावक समिति, मौहल्ला स्वच्छता समिति के साथ प्रचार- प्रसार से सभी वैकल्पिक प्रयासों को शामिल किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर उपायुक्त स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार डाॅ प्रदीप हैदर ने कहा कि खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य सीमित समय में बच्चों को खसरा-रूबेला टीके द्वारा प्रतिरक्षित करना है ताकि खसरे के कारण होने वाली बाल मृत्यु और जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम (गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे में होने वाली विसंगतियां ) की सम्भावनाओं को घटाना तथा नौ माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों का कम से कम 95 प्रतिशत् टीकाकरण पूर्ण करना है। उन्होने कहा कि इस अभियान में टीकाकरण की शुरूआत सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह से प्रारम्भ की जायेगी तथा सभी सरकारी, प्राईवेट, नवोदय, सैनिक विद्यालयों सहित ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों के बच्चों को भी आच्छादित किया जायेगा।
इस अवसर पर मिशन निदेशक नीतिन भदौरिया ने कहा कि अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर है कि प्रत्येक स्तर पर कार्य योजना को किस प्रकार से तैयार किया जाता है तथा उसे धरातल पर लागू करने की कितनी कारगर प्रक्रिया है। उन्होने कहा कि सबसे पहले ऐसे क्षेत्र चिन्हित करने होंगे जहां पर खसरा-रूबेला वायरस का अधिक जोर है तथा ऐसे स्थानों पर विशेष फोकस करना होगा जो टीकारण से अधिकतर वंचित रह जाते हैं।
इस अवसर पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ डी.एस रावत, भारत सरकार से डाॅ दानिश अहमद, सहायक आयुक्त टीकारण डाॅ बीना धवन, डाॅ मधुप वाजपेयी, यूनिसेफ से स्टैफनी जे रेजन सहित समेकित बाल विकास सेवा, शिक्षा विभाग, विभिन्न जनपदों के जिला टीकाकरण अधिकारी सहित सम्बन्धित विभगों के अधिकारी उपस्थित थे
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