मसूरी इंटरनेशनल स्कूल में टैलेन्ट फिएस्टा 2017 का हुआ आयोजन
मसूरी इंटरनेशनल स्कूल ने टैलेन्ट फिएस्टा 2017 का आयोजन किया, जिसमें विद्यार्थियों ने प्रतिस्पर्धी का प्रदर्शन करते हुए अपने-अपने सदन के लिए कीमती पाॅइन्ट्स जुटाने में योगदान दिया।
इस साल का टैलेन्ट फिएस्टा ‘सप्त’ की थीम पर आधारित था और कार्यक्रम के दौरान स्कूल के नैतिक मूल्यों को बरक़रार रखते हुए पारम्परिक से आधुनिक और भारतीय से अन्तरराष्ट्रीय हर प्रकार के परफोर्मेन्स पेश किए गए।
कार्यक्रम की शुरूआत पवित्र गायत्री हवन के साथ हुई। जिसके बाद विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रों में अपने अनूठे कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे पूरे स्कूल में आध्यात्मिक शांति का माहौल बन गया। शुक्ल यजुर्वेद से मंत्रों का उच्चारण किया गया, जिसे सामान्य भाषा में शांति पाठ के नाम से जाना जाता है। इन्स्ट्रूमेन्टल म्युज़िक सेक्शन के तहत 28 अलग-अलग तरह के वाद्य यंत्रों पर परफोर्मेन्स दिया गया। प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ लक्ष्मी सदन ने राग भीमपलासी बजाया, गायत्री सदन ने राग मधुबंती पर प्रदर्शन दिया। जबकि संतोषी सदन ने 8 तालाें के केहरवाटल में राग पटदीप बजाया। अंत में तीनों सदनों ने 7 तालों के रूपकताल पर राग जोग में जुगलबंदी प्रस्तुत की। वाद्य संगीत के अलावा एमआईएस के प्रतिभाशाली कलाकारों ने कार्यक्रम के दौरान दिए गए विषयों पर अपनी बेहतरीन कला का प्रदर्शन किया। उन्हें पारम्परिक एवं आधुनिक कला के मिश्रण की थीम पर चित्रकारी, कविता लेखन, फूलों की रंगोली एवं आभूषण डिज़ाइनिंग आदि में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिला,
इन उभरते सितारों ने एक्शन सोंग पर अपने परफोर्मेन्स से कार्यक्रम में मौजूद दर्शकों को मंत्रुग्ध कर दिया। खूबसूरत परिधानों में लिपटे तीनों सदनों के विद्यार्थियों ने थिरका देने वाले संगीत पर एनीमल सोंग (पशुओं पर आधारित गीत), एक रेनबो कलर सोंग (इंद्रधनुष पर आधारित गीत) और एक स्प्रिंग सोंग (वसंत पर आधारित गीत) प्रस्तुत किया।
इस साल एमआईएस ने शास्त्रीय जुगलबंदी एवं वेस्टर्न फ्यूज़न डांस फाॅर्म का शानदार संयोजन भी पेश किया। दक्षिणी भारत के पारम्परिक शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम, उत्तरी भारत के शास्त्रीय नृत्य कथक और पूर्वी भारत के लोकप्रिय नृत्य मणिपुरी (जिसे जगोई के नाम से भी जाना जाता है) का शानदार संयोजन प्रस्तुत किया गया। ये नृत्य तीनों सदनों द्वारा क्रमशः राग देश, राग मुल्तानी और राग भैरवी पर पेश किए गए। वेस्टर्न फ्यूज़न कैटेगरी में विद्यार्थियों ने जैज़, सालसा और रशियन फोक (रूसी लोकनृत्य) पर मनभावन प्रदर्शन दिया।
इस साल का अंतिम परफोर्मेन्स, फैशन शो ‘सप्त’ की थीम पर आधारित था जिसमें हमारी सांस्कृतिक धराहर और विरासत का अनूठा मिश्रण पेश किया गया। लक्ष्मी सदन ने भारत की 7 नदियों पर आधारित साड़ी शो पेश किया, वहीं गायत्री सदन ने 7 इंद्रधनुषी रंगों में लंहगा शो प्रस्तुत किया। संतोषी सदन ने पारम्परिक सलवार कमीज पहन कर संगीत की सात धुनों पर परफोर्म किया।
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