कोरोना काल में बेसहारा बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना
देहरादून – मुख्यमंत्री जनता दर्शन हॉल में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, विभागीय सचिव हरीश चंद सेमवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान बाल निकेतन की बालिकाओं ने मंच पर मौजूद अतिथियों को हस्तनिर्मित पेंटिंग भेंट की। मौके पर बालिका निकेतन की कुमारी स्मृति और कुमारी तारा को 12वी परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करने पर सम्मानित भी किया गया।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना बहुत संवेदनशील है, इस योजना का तहत आने वाले बच्चे का दर्द कम हो सके। राज्य सरकार इनके अभिभावक बनकर आयी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार करते हुए मंत्री आर्य ने कहा कि कोविड के अलावा अन्य बीमारी को भी इसमें शामिल किया गया। बताया कि धामी सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ प्रदेश के अंत तक बैठे बच्चे को मिलेगा। कहा कि पूरे देश मे उत्तराखंड ऐसा एकमात्र प्रदेश है जहाँ इस योजना का लाभ इन बच्चों को मिलेगा। बताया कि इन बच्चों को मुफ्त शिक्षा, भोजन, प्रतिमाह तीन हज़ार रुपये के अलावा राजकीय सेवाओं में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। बताया कि पूरे प्रदेश में कुल 2347 बच्चों को चिह्नित किया गया है। इस आंकड़े को यही थम जाने की ईश्वर से प्रार्थना भी की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धामी सरकार की बदौलत इन बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सकेगा। 21 वर्ष तक जिलाधिकारी इनकी सम्पतियों का रख रखाव करेंगे। धामी सरकार इसके अलावा राजकीय बालगृह में अनाथ बच्चों को भी 5 प्रतिशत सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने जा रही है। यही नहीं राजकीय संस्थानों में अनाथ बालिकाओं को 18 वर्ष की आयु के बाद उत्तर रक्षा आश्रय गृह बनाया जा रहा है, जो अल्मोड़ा में निर्माणाधीन है। धामी सरकार ने इन बच्चों को इतना सशक्त बनाया है कि किसी अन्य के सामने इन्हें हाथ फैलाने नहीं पड़ेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वात्सल्य शब्द माता-पिता के हृदय में होने वाला बच्चों के प्रति प्रेम है। इस योजना से बच्चों को लाभ देने के बाद भी सरकार उसकी भरपाई नहीं कर सकती। फिर भी मैं इन बच्चों के लिये मामा बनकर काम करूंगा। इसके अलावा सभी 13 जनपद के जिलाधिकारी इनके सह अभिभावक के रूप में काम करेंगे। सीएम धामी ने कहा कि ये सभी बच्चे आगे चलकर अपने अपने क्षेत्र में नेता बनें। उन्होंने इन बच्चों को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का भी उदाहरण पेश किया। इस मौके पर पूरे प्रदेश में 1062 बच्चों को 31 लाख 86 हज़ार रुपए की आर्थिक मदद डीबीटी के जरिये जमा की गई। वही देहरादून में 100 से अधिक बच्चों को प्रमाण पत्र दिए गए।इस अवसर पर डीएम देहरादून आर राजेश, जिला प्रोबेशन अधिकारी देहरादून मीना बिष्ट, चीफ प्रोबेशन अधिकारी मोहित चौधरी, विभागीय उप निदेशक एस के सिंह, भाजपा प्रवक्ता विनय गोयल आदि मौजूद रहे। इसके अलावा पूरे प्रदेश के 13 जिलों से एनआईसी के जरिये स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक, डीएम, तहसील स्तर के अधिकारी आदि जूड़े। कार्यक्रम का संचालन जिला प्रोबेशन अधिकारी मुख्यालय अंजना गुप्ता ने किया।मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 21 वर्ष तक के प्रभावित बच्चों के लिए है। ऐसे बच्चें जिनके माता/पिता/संरक्षक की मृत्यु 1 मार्च 20 से 31 मार्च 22 तक की अवधि के बीच कोविड-19 या अन्य बीमारी से हुई हो। उन्हें राज्य सरकार मदद करने जा रही है। इस योजना में आने वाले बच्चों को पैतृक संपत्ति, उत्तराधिकारो और विधिक अधिकारों को संरक्षित रखने में राज्य सरकार मदद करेगी। इसके अलावा राज्य सरकार आर्थिक मदद के रूप में 21 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह तीन हज़ार रुपए देगी। बताया कि यदि बच्चा 18 वर्ष से कम आयु का है , तो आर्थिक मदद संरक्षक और बच्चे के संयुक्त खाते में डीबीटी के जरिये जमा कराई जाएगी। इस योजना में आर्थिक मदद के लिए आवेदक अपने जिले के जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय द्वारा ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों प्रकार से कर सकता है। बताया कि आवेदन प्रकिया निशुल्क होगी। इसके अलावा आवेदन करवाने का दायित्व संबंधित तहसील के नोडल अधिकारी (नायब तहसीलदार/ प्रभारी नायब तहसीलदार) का रहेगा।
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