ई-वेस्ट स्टूडियो में ई-कचरे को दुबारा उपयोग कर बनाये 25 कंप्यूटर
देहरादून – प्रदेश के पहले ई-वेस्ट स्टूडियो का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया गया। उनके साथ उद्घाटन समारोह में संजय शामराव धोत्रे, सूचना तकनीकी राज्यमंत्री, भारत सरकार भी उपस्थिति थे।समारोह के अन्य अतिथियों में उत्तराखंड के मुख्य सचिव, ओम प्रकाश, सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी आर.के. सुधांशु, एवं निदेशक आईटीडीए अमित कुमार सिन्हा, भी देहरादून आई० टी० पार्क स्थित सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आई टी डी ए), में उपस्थित थे।
ई-कचरा पुनर्चक्रण और निपटान के बारे में जन जागरूकता के उद्देश्य से बना यह अनोखा स्टूडियो पूरी तरह से पुनर्चक्रण किये हुए ई-कचरे से तैयार किया गया हैं। जिसमें आंतरिक ड्रोन रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया है। इस स्टूडियो को बनाने के लिए एकत्रित किये गए ई-कचरे को पुन: उपयोग कर 25 कंप्यूटर तैयार किये गए जिन्हे की जनपद के 10 प्राथमिक विद्यालयों को भेंट किया गया इतना ही नहीं इस स्टूडियो के माध्यम से लोग ई-कचरे की कलाकृतियां बनाकर यहाँ अपने रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन भी कर सकते हैं।उद्घाटन समारोह के समापन पर आईटीडीए के निदेशक अमित कुमार सिन्हा ने सभी उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि, “जागरूकता की कमी के कारण ई-कचरा, पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता जा रहा है।जिस कारण यह दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा बन चुका है। ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनीटर 2019 के अनुसार, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत ई-कचरा उत्पन्न करने वाला तीसरा सबसे बड़ी देश बन चुका है। ई-कचरे के खतरनाक प्रभावों से पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक है कि हम अपनी ओर से पहल करें”। अमित सिन्हा ने उत्तराखंड स्वान टीम से अरुण सिंह रावत, विश्वनाथ प्रताप व दीपेश चौहान तथा कन्या गुरुकुल महाविद्यालय कैम्पस-2 की छात्राओं रिया पाल, मानसी थापा व शिवांगी सेन को स्टूडियो तैयार करने में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया व उनके द्वारा बनायीं गयी उन्नत चित्रकारियों की सराहना की तथा यह उम्मीद जताई कि यह स्टूडियो ई- कचरे के निस्तारण का न केवल एक उदाहरण बनेगा बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक मंच होगा जो रचनात्मक क्रियाकलापों में रूचि रखते हैं और ई-कचरे के उचित पुनर्चक्रण के बारे में अच्छी जानकारी रखते है या रखना चाहते हैं।
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