अमेरिकी आई. टी. विशेषज्ञ सुनील और नीता वाधवानी पहुंचे परमार्थ

ऋषिकेश–परमार्थ निकेतन में भारतीय मूल के अमेरिकी आई. टी. विशेषज्ञ सुनील उनकी धर्मपत्नी नीता वाधवानी,स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट की। तत्पश्चात परमार्थ गंगा तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती एवं विश्व शान्ति हवन में सहभाग किया। सुनील वाधवानी के बड़े भाई मानिक वाधवानी ने 45 वर्ष पूर्व प्रशासनिक पद पर रहकर गढ़वाल क्षेत्र को सेवायें दी हैं। दूसरे बड़े भाई रमेश वाधवानी, जिन्हें हाल ही में भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा गया है।जिन्होंने अमेरिका में रोबाॅटिक्स सांइस एवं स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भारत की ख्याति को ऊँचाईयों पर पहुंचाया। अब अमेरिका में रहते हुुये स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में वे भारत सरकार के साथ मिलकर स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवायें प्रदान कर रहे हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ईश्वर ने वाधवानी परिवार को तकनीक के क्षेत्र में अद्भुत क्षमतायें प्रदान की हैं।
 जिसका उपयोग उन्होंने व्यापक स्तर पर समाज के लिये किया हैं। सुनील वाधवानी भी अमेरिका में आई. टी. के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दे रहे हैं। सुनील वाधवानी की कम्पनी, भारत सरकार के साथ मिलकर भारत के कई प्रदेशों में लगभग 500 अस्पतालों को स्वास्थ्य प्रबंधन को  मजबूत करने का कार्य कर रही है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सुनील वाधवानी  से चर्चा के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड पहाड़ी राज्य होने के साथ ही हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा हैं।चिकित्सा के क्षेत्र में भी उन्नति की है परन्तु पहाड़ी राज्य होने के साथ उसकी अपनी अलग समस्यायें है, यहां पर चिकित्सा सुविधाओं के साथ स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में बहुत कार्य करने की जरूरत है क्योंकि पहाड़ के लोगों की समस्यायें भी पहाड़ जैसी ही है अतः आप यहां पर भी इन कार्यो के आगे बढ़ाने में सहयोग करे तो विलक्षण परिणाम प्राप्त होंगे तथा निर्धन वर्ग की बहुत बड़ी सेवा होगी। सुनील वाधवानी ने कहा कि आने वाले समय में हम सरकार के साथ  बैठक कर उत्तराखण्ड राज्य की चिकित्सा, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे और इन कार्यो को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।स्वामी चिदानन्द सरस्वती का निरंतर यह प्रयास होता है कि परोपकारी और सेवाभावी भारतीय और अप्रवासी भारतीयों को उत्तराखंड और भारत के विकास हेतु जोड़ें और विकास कार्यों में सहयोग प्रदान करने हेतु प्रेरित करें। उनका प्रयास होते है कि जो व्यक्ति जिस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है वह अपने तकनीक, ज्ञान, प्रतिभा और समय का उपयोग अपने राष्ट्र की प्रगति हेतु करें ताकि हमारा राष्ट्र नित नई ऊचाँईयों को छू सकें।
 

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