कैलाश मानसरोवर यात्रा में महिला सहित 941 श्रद्धालु ने पूर्ण यात्रा
पिथौरागढ़ –श्री कैलाश मानसरोवर की अद्धभुत धार्मिक यात्रा पूर्ण होने में अब कुछ ही दिन शेष है। 18 वें अंतिम जत्थे ने भी रविवार को प्रस्थान कर लिया था। 15 जत्थे ने अपनी यात्रा पूर्ण कर ली हैं। 03 दल अपनी यात्रा में हैं। नजंग से गूंजी तक लगभग 40 किमी की पैदल यात्रा अत्यंत दुर्गम एवम वीरान स्थानों से गुजरती हैं।चौमास माह की भारी बारिश में यात्रा को ओर भी दु:साध्य बना देती हैं। ऐसे हालातों में एस डी आर एफ टीम कैलाश मानसरोवर यात्रियों के साथ यात्रा पथ पर होती हैं।वर्ष 2019 कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान एस डी आर एफ की टीमों ने 22 रेस्कयू कार्यों को अंजाम देकर 245 यात्रियों की यात्रा को निष्कंटक एवम सकुशल पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। सम्पूर्ण यात्रा में 18 दलों में कुल 201 महिला यात्री सहित 941 श्रद्धालु सम्मलित हैं। इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार आर्य के नेतृत्व में एस डी आर एफ की दो टीमें यात्रा मार्ग में तैनात रही।टीम के द्वारा अनेक स्थानों पर यात्रियों के चोटिल होने या घायल होने अथवा मार्ग पार करने की असमर्थता में अपनी पूरी सामर्थ्य एवम रेस्कयू कार्य कुशलता से अवरुद्ध स्थानों में मार्ग पार कराए गये है।
16 वें दल में एक यात्री मनोहर दुबे, मध्यप्रदेश निवासी को ह्रदय घात होने एवमं उसे बचाने को अपनी पूर्ण सामर्थ्य लगा देने का जिक्र दल में सम्मलित दल चिकित्सक के द्वारा किया गया हैं। वीडियो के माध्यम से कहा गया हैं। कि सभी जवान फर्स्ट एड मेडिकल सम्बन्धी बेहतरीन ज्ञान रखते , यात्री को बचाने की कोशिश में बेहतरीन टेक्निक(CPR) का इस्तेमाल किया गया। एस डी आर एफ टीमों के द्वारा यात्री दल के अतिरिक्त छोटी कैलाश यात्रा में सम्मलित यात्रियों की यात्रा के दौरान सहायता की गयी। नजंग के करीब एक वाकये में दल पर जंगली मधुमक्खीयों के हमले के दौरान यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया।
एक हादसे के दौरान भूस्खलन क्षेत्र में यात्री के चट्टानों के मध्य फंसने पर अकल्पनीय पारंगतता से यात्री को बार निकाला हैं। इस वाक्ये का जिक्र यात्री दल के LO विंग कमांडर के द्वारा भी वीडियो के माध्यम से किया हैं।अधिकांश यात्रियों ने अपने वीडियो किल्प के माध्यम से एस डी आर एफको मानव सेवा समर्पित बल बताते हुए इसके बिना यात्रा की कल्पना करना बेमानी बताया, सभी यात्रियों ने अपने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि आने वाले समय मे अन्य रेस्कयू एजेंसियों भी इस बल से सीख लेंगी, यात्रियों के द्वारा सकुशल यात्रा सम्पन्न होने में असीम सहयोग के लिए एस डी आर एफ के जवानों एवमं ऑफीसर्स की धन्यवाद किया।
16 वें दल में एक यात्री मनोहर दुबे, मध्यप्रदेश निवासी को ह्रदय घात होने एवमं उसे बचाने को अपनी पूर्ण सामर्थ्य लगा देने का जिक्र दल में सम्मलित दल चिकित्सक के द्वारा किया गया हैं। वीडियो के माध्यम से कहा गया हैं। कि सभी जवान फर्स्ट एड मेडिकल सम्बन्धी बेहतरीन ज्ञान रखते , यात्री को बचाने की कोशिश में बेहतरीन टेक्निक(CPR) का इस्तेमाल किया गया। एस डी आर एफ टीमों के द्वारा यात्री दल के अतिरिक्त छोटी कैलाश यात्रा में सम्मलित यात्रियों की यात्रा के दौरान सहायता की गयी। नजंग के करीब एक वाकये में दल पर जंगली मधुमक्खीयों के हमले के दौरान यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया।
एक हादसे के दौरान भूस्खलन क्षेत्र में यात्री के चट्टानों के मध्य फंसने पर अकल्पनीय पारंगतता से यात्री को बार निकाला हैं। इस वाक्ये का जिक्र यात्री दल के LO विंग कमांडर के द्वारा भी वीडियो के माध्यम से किया हैं।अधिकांश यात्रियों ने अपने वीडियो किल्प के माध्यम से एस डी आर एफको मानव सेवा समर्पित बल बताते हुए इसके बिना यात्रा की कल्पना करना बेमानी बताया, सभी यात्रियों ने अपने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि आने वाले समय मे अन्य रेस्कयू एजेंसियों भी इस बल से सीख लेंगी, यात्रियों के द्वारा सकुशल यात्रा सम्पन्न होने में असीम सहयोग के लिए एस डी आर एफ के जवानों एवमं ऑफीसर्स की धन्यवाद किया।
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