अंतरराज्जीय एटीएम कटिंग गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार
देहरादून–गौरव कुमार पुत्र स्व0 राकेश कुमार, सीनियर रीजनल रिप्रजेन्टेटिव फाइनेन्शिएल सॉफ्टवेयर एंड सिस्टम नि0 दीपनगर, अजबपुर कलां देहरादून ने थाना राजपुर पर लिखित शिकायत की 27-28 अक्टूबर रात्रि को एसबीआई एटीएम निकट डीआईटी कालेज, मक्कावाला देहरादून में कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एटीएम मशीन को काट कर उसमें रखा कैश चोरी कर लिया हैं। तथा एटीएम मशीन को भी क्षतिग्रस्त किया गया है, इस एटीएम पर बैंक द्वारा गार्ड नियुक्त रहते है। परंतु मिली जानकारी के अनुसार उस रात्रि गार्ड अनुपस्थित था। पुलिस ने इस शिकायत पर करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जिसमें आमीन पुत्र नसरू निवासी- 87 विश्म्बरा, थाना शेरगढ, जनपद मथुरा, उम्र 20 वर्ष। आफताब खान पुत्र मुजीर निवासी- नगला कानपुर थाना हसनपुर, जिला पलवल, हरियाणा उम्र 20 वर्ष। जबकि तीन अभियुक्तों की पुलिस तलाश कर रही हैं। जो ये है मौहम्मद हाशिम उर्फ मुच्छल पुत्र शहाबुद्दीन, निवासी- ग्रा0 मौहम्मदपुर अहीर, जिला मेवात, हरियाणा। शौकत पुत्र अज्ञात, निवासी- ग्रा0 शिकारपुर, मेवात, हरियाणा। पेशा- वैल्डिंग का कार्य तालीम पुत्र हब्बी, निवासी- ग्रा0 नगला कानपुर, थाना हसनपुर, जिला पलवल, हरियाणा पकड़े गए अपराधियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि आफताब खान ने बताया गया कि मैं कक्षा 12 तक पढा हूँ।
तथा पूर्व में दिल्ली एनसीआर में टैक्सी चलाने का कार्य करता था। वहां मेरी पहचान वसीम अकरम पुत्र अख्तर निवासी: ग्राम टुण्डलाका पुलहाना मेवात, जो मेरे साथ टैक्सी चलाने का कार्य करता था, से हुई थी। छः माह पूर्व मेरे द्वारा टैक्सी चलाने का काम छोड दिया था। माह अगस्त में वसीम अकरम ने मुझसे सम्पर्क कर मेरी मुलाकात मौहम्मद हाशिम उर्फ मुच्छल से करायी तथा बताया कि मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम एक शातिर किस्म का अपराधी हैं।जो पूर्व में एटीएम काटकर चोरी करने की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। इसी वर्ष माह अगस्त में मुच्छल, उसके साथी सद्दाम, जो वैल्डिंग का काम करता है, के साथ मिलकर मैने, वसीम व मेरे गांव के एक अन्य साथी बिलाल ने सोलन हिमाचल प्रदेश में एटीएम काटकर पैसे चोरी करने की घटना को अंजाम दिया था। देहरादून में हमारे द्वारा की गयी घटना से 01 सप्ताह पूर्व मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम ने मुझसे सम्पर्क कर अपने साथी शौकत, जो वैल्डिंग का कार्य करता है। किया के साथ मिलकर देहरादून में एटीएम काटने की घटना को अंजाम देने तथा इसके लिये स्विफ्ट डिजायर गाडी व गैस कटर का इन्तेजाम करने की बात कही गयी थी। मौ0 हाशिम उर्फ मुच्छल इस प्रकार की घटनाओं में अक्सर स्विफ्ट डिजायर कार ही इस्तेमाल करता था। सोलन की घटना में भी हमारे द्वारा स्विफ्ट डिजायर कार का इस्तेमाल किया गया था। गैस कटर व सिलेण्डर मैने मुच्छल द्वारा बतायी गयी दुकान से खरीद लिया था तथा गाडी का इन्तेजाम करने के लिये मैने अपने एक दोस्त तालीम पुत्र हब्बी से सम्पर्क किया, जो मेरे गांव में ही अपने मामा के घर पर रहता था तथा मूल रूप से ग्राम विश्म्बरा, थाना शेरगढ जिला मथुरा का रहने वाला था। मेरे द्वारा उक्त घटना को अंजाम देने के सम्बन्ध में तालीम को बताया गया तथा गाडी की व्यवस्था करने को कहा गया। जिस पर तालीम ने मेरी मुलाकात अपने गांव के ही एक युवक आमीन पुत्र नसरू निवासी: ग्राम विश्मबरा, थाना शेरगढ, जिला मथुरा से करायी, जिसके भाई के पास एक स्विफ्ट डिजायर कार थी और वह स्वयं भी टैक्सी चलाने का कार्य करता था। मेरे द्वारा आमीन को अपनी योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उसे अपनी टीम में शामिल कर लिया गया। उसके पश्चात मुच्छल से सम्पर्क करने पर उसने मुझे एक फर्जी नम्बर प्लेट संख्या: यू0के0-07-टीबी-1702 बनवाने तथा 25-अक्टूबर -2019 को देहरादून पहुंचने की बात कही गयी। मेरे कहने पर तालीम ने पुन्हाना मेवात से फर्जी नम्बर प्लेट संख्या: यू0के0-07-टीबी-1702 बनवायी। उसके पश्चात मैं, तालीम व आमीन 24 अक्टूबर -2019 को मेरे गांव कानपुर नगला में मिले, उसके बाद हम तीनों आमीन के भाई अकरम की टैक्सी संख्या: एचआर-74-बी-6879 से देहरादून को रवाना हुए। रास्ते में मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम द्वारा मुझसे सम्पर्क कर अपने व शौकत के फ्लाइट से देहरादून आने तथा हमें उनसे एयरपोर्ट के पास मिलने के लिये बताया गया। दिनाँक: 25-10-2019 को देहरादून पहुंचने के बाद हमारी मुलाकात मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम से थानो रोड पर स्थित एक पैट्रोल पम्प पर हुई। हमारे द्वारा अपने साथ लाया गया गैस कटर व सिलेण्डर थानो रोड पर ही झाडियों में छुपा दिया गया था। देहरादून पहुंचने पर हमारे द्वारा त्यागी रोड पर एक कमरा किराये पर लिया गया तथा दिनाँक: 26/27 अक्टूबर- को घटना को अंजाम देने के लिए देहरादून व मसूरी के आस-पास के ए0टी0एम0 की रैकी की गयी। इस दौरान डीआईटी कालेज के पास स्थित एसबीआई के एटीएम में गार्ड न मिलने व उक्त एटीएम के एकान्त स्थान पर होने के कारण हमारे द्वारा उसे घटना के लिये चिन्हित किया गया। योजना के अनुसार 27-10अक्टूबर2019 को हम दोबारा थानो रोड पर गये तथा वहां से छुपाये गये गैस कटर व सिलेण्डर को लेकर आये, इसी बीच तालीम द्वारा गाडी की नम्बर प्लेट संख्या: एचआर-74-बी-6879 को बदल कर उस पर फर्जी नम्बर प्लेट संख्या: यू0के0-07-टीबी -1702 लगा दी। रात्रि समय लगभग पौने दो बजे हम सभी स्विफ्ट डिजायर कार से उक्त एटीएम पर पहुंचे। वहाँ पहुंचकर मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम तथा आमीन गाडी में ही रूक गये। मैं तथा शौकत गैस कटर व सिलेण्डर लेकर एटीएम के अन्दर गये और शटर को अन्दर से बन्द कर दिया, तालीम शटर के पास रहकर निगरानी करने लगा। शौकत के द्वारा गैस कटर से एटीएम को काटकर उसमें रखी पैसों की 04 कैश ट्रे को निकाल लिया। उक्त चारों कैश ट्रे को बैग में रखकर हम सभी वहां से निकल गये। रास्ते में मसूरी डाइवर्जन से पहले एक पुल पर मुच्छल द्वारा उक्त सभी कैश ट्रे को खोलकर उसमें रखा सारा पैसा निकालकर उसे एक बैग में भर लिया तथा उक्त कैश ट्रे को पुल से नीचे फेंक दिया। उसके पश्चात हम सभी रिस्पना पुल होते हुए डोईवाला की ओर गये तथा रास्ते में कुवांवाला के जंगलो के पास हमने उक्त सिलेण्डर व गैस कटर को झाडियों में छुपा दिया, जिससे भविष्य में दोबारा देहरादून में इस प्रकार की घटना को अंजाम देने के लिये हम उनका इस्तेमाल कर सकें। चुराये गये पैसे को बैग से निकालकर हमारे द्वारा ड्राइवर की बगल वाली सीट की खिडकी के पेंच खोलकर उसके अन्दर छुपा दिया तथा वापस रिस्पना पुल होते हुए आशारोडी के रास्ते गाजियाबाद की ओर रवाना हो गये। आशारोडी चैक पोस्ट पर सुबह करीब 04:00 बजे पुलिस द्वारा हमारी कार को चैकिंग के लिये रोका, पुलिसवालों द्वारा गाडी की चैकिंग की गयी पर उसमें कुछ नाजायज नहीं मिला। पुलिस द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस व आईडी मांगने पर हमारे द्वारा आमीन के भाई अकरम का डीएल, जो गाडी में पडा रहता था, पुलिस को दिखा दिया तथा आमीन ने अपनी एक आईडी पुलिस को दी, जिसकी उनके द्वारा फोटो खींच ली गयी। देहरादून से बाहर निकलने के बाद हमारे द्वारा फर्जी नम्बर प्लेट को हटाकर असली नम्बर प्लेट लगा ली। गाजियाबाद पहुंचने के बाद हमारे द्वारा गाडी में छुपाये पैसे निकालकर उन्हें आपस में बाट लिया गया। उक्त घटना में हमें लगभग 15 लाख रूपये मिले थे। जिसमें से मुच्छल ने हम तीनों में से प्रत्येक को 02 लाख 90 हजार रूपये दिये बाकी के पैसे मुच्छल व शौकत नें रख लिये। मुच्छल व शौकत को गाजियाबाद में छोडकर हम तीनों अपने-अपने गांव चले गये। आज भी मैं, मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम के कहने पर आमीन को साथ लेकर एक अन्य घटना को अंजाम देने के लिये मुच्छल से मिलने जा रहा था तभी पुलिस टीम द्वारा हमें गिरफ्तार कर लिया गया। पैसों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर अभियुक्त आफताब द्वारा बताया गया कि कुछ दिन पूर्व उसकी बहन की सगाई हुई थी, जिसमें लूटी गयी रकम में से काफी पैसा खर्च हो गया।
तथा पूर्व में दिल्ली एनसीआर में टैक्सी चलाने का कार्य करता था। वहां मेरी पहचान वसीम अकरम पुत्र अख्तर निवासी: ग्राम टुण्डलाका पुलहाना मेवात, जो मेरे साथ टैक्सी चलाने का कार्य करता था, से हुई थी। छः माह पूर्व मेरे द्वारा टैक्सी चलाने का काम छोड दिया था। माह अगस्त में वसीम अकरम ने मुझसे सम्पर्क कर मेरी मुलाकात मौहम्मद हाशिम उर्फ मुच्छल से करायी तथा बताया कि मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम एक शातिर किस्म का अपराधी हैं।जो पूर्व में एटीएम काटकर चोरी करने की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। इसी वर्ष माह अगस्त में मुच्छल, उसके साथी सद्दाम, जो वैल्डिंग का काम करता है, के साथ मिलकर मैने, वसीम व मेरे गांव के एक अन्य साथी बिलाल ने सोलन हिमाचल प्रदेश में एटीएम काटकर पैसे चोरी करने की घटना को अंजाम दिया था। देहरादून में हमारे द्वारा की गयी घटना से 01 सप्ताह पूर्व मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम ने मुझसे सम्पर्क कर अपने साथी शौकत, जो वैल्डिंग का कार्य करता है। किया के साथ मिलकर देहरादून में एटीएम काटने की घटना को अंजाम देने तथा इसके लिये स्विफ्ट डिजायर गाडी व गैस कटर का इन्तेजाम करने की बात कही गयी थी। मौ0 हाशिम उर्फ मुच्छल इस प्रकार की घटनाओं में अक्सर स्विफ्ट डिजायर कार ही इस्तेमाल करता था। सोलन की घटना में भी हमारे द्वारा स्विफ्ट डिजायर कार का इस्तेमाल किया गया था। गैस कटर व सिलेण्डर मैने मुच्छल द्वारा बतायी गयी दुकान से खरीद लिया था तथा गाडी का इन्तेजाम करने के लिये मैने अपने एक दोस्त तालीम पुत्र हब्बी से सम्पर्क किया, जो मेरे गांव में ही अपने मामा के घर पर रहता था तथा मूल रूप से ग्राम विश्म्बरा, थाना शेरगढ जिला मथुरा का रहने वाला था। मेरे द्वारा उक्त घटना को अंजाम देने के सम्बन्ध में तालीम को बताया गया तथा गाडी की व्यवस्था करने को कहा गया। जिस पर तालीम ने मेरी मुलाकात अपने गांव के ही एक युवक आमीन पुत्र नसरू निवासी: ग्राम विश्मबरा, थाना शेरगढ, जिला मथुरा से करायी, जिसके भाई के पास एक स्विफ्ट डिजायर कार थी और वह स्वयं भी टैक्सी चलाने का कार्य करता था। मेरे द्वारा आमीन को अपनी योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उसे अपनी टीम में शामिल कर लिया गया। उसके पश्चात मुच्छल से सम्पर्क करने पर उसने मुझे एक फर्जी नम्बर प्लेट संख्या: यू0के0-07-टीबी-1702 बनवाने तथा 25-अक्टूबर -2019 को देहरादून पहुंचने की बात कही गयी। मेरे कहने पर तालीम ने पुन्हाना मेवात से फर्जी नम्बर प्लेट संख्या: यू0के0-07-टीबी-1702 बनवायी। उसके पश्चात मैं, तालीम व आमीन 24 अक्टूबर -2019 को मेरे गांव कानपुर नगला में मिले, उसके बाद हम तीनों आमीन के भाई अकरम की टैक्सी संख्या: एचआर-74-बी-6879 से देहरादून को रवाना हुए। रास्ते में मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम द्वारा मुझसे सम्पर्क कर अपने व शौकत के फ्लाइट से देहरादून आने तथा हमें उनसे एयरपोर्ट के पास मिलने के लिये बताया गया। दिनाँक: 25-10-2019 को देहरादून पहुंचने के बाद हमारी मुलाकात मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम से थानो रोड पर स्थित एक पैट्रोल पम्प पर हुई। हमारे द्वारा अपने साथ लाया गया गैस कटर व सिलेण्डर थानो रोड पर ही झाडियों में छुपा दिया गया था। देहरादून पहुंचने पर हमारे द्वारा त्यागी रोड पर एक कमरा किराये पर लिया गया तथा दिनाँक: 26/27 अक्टूबर- को घटना को अंजाम देने के लिए देहरादून व मसूरी के आस-पास के ए0टी0एम0 की रैकी की गयी। इस दौरान डीआईटी कालेज के पास स्थित एसबीआई के एटीएम में गार्ड न मिलने व उक्त एटीएम के एकान्त स्थान पर होने के कारण हमारे द्वारा उसे घटना के लिये चिन्हित किया गया। योजना के अनुसार 27-10अक्टूबर2019 को हम दोबारा थानो रोड पर गये तथा वहां से छुपाये गये गैस कटर व सिलेण्डर को लेकर आये, इसी बीच तालीम द्वारा गाडी की नम्बर प्लेट संख्या: एचआर-74-बी-6879 को बदल कर उस पर फर्जी नम्बर प्लेट संख्या: यू0के0-07-टीबी -1702 लगा दी। रात्रि समय लगभग पौने दो बजे हम सभी स्विफ्ट डिजायर कार से उक्त एटीएम पर पहुंचे। वहाँ पहुंचकर मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम तथा आमीन गाडी में ही रूक गये। मैं तथा शौकत गैस कटर व सिलेण्डर लेकर एटीएम के अन्दर गये और शटर को अन्दर से बन्द कर दिया, तालीम शटर के पास रहकर निगरानी करने लगा। शौकत के द्वारा गैस कटर से एटीएम को काटकर उसमें रखी पैसों की 04 कैश ट्रे को निकाल लिया। उक्त चारों कैश ट्रे को बैग में रखकर हम सभी वहां से निकल गये। रास्ते में मसूरी डाइवर्जन से पहले एक पुल पर मुच्छल द्वारा उक्त सभी कैश ट्रे को खोलकर उसमें रखा सारा पैसा निकालकर उसे एक बैग में भर लिया तथा उक्त कैश ट्रे को पुल से नीचे फेंक दिया। उसके पश्चात हम सभी रिस्पना पुल होते हुए डोईवाला की ओर गये तथा रास्ते में कुवांवाला के जंगलो के पास हमने उक्त सिलेण्डर व गैस कटर को झाडियों में छुपा दिया, जिससे भविष्य में दोबारा देहरादून में इस प्रकार की घटना को अंजाम देने के लिये हम उनका इस्तेमाल कर सकें। चुराये गये पैसे को बैग से निकालकर हमारे द्वारा ड्राइवर की बगल वाली सीट की खिडकी के पेंच खोलकर उसके अन्दर छुपा दिया तथा वापस रिस्पना पुल होते हुए आशारोडी के रास्ते गाजियाबाद की ओर रवाना हो गये। आशारोडी चैक पोस्ट पर सुबह करीब 04:00 बजे पुलिस द्वारा हमारी कार को चैकिंग के लिये रोका, पुलिसवालों द्वारा गाडी की चैकिंग की गयी पर उसमें कुछ नाजायज नहीं मिला। पुलिस द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस व आईडी मांगने पर हमारे द्वारा आमीन के भाई अकरम का डीएल, जो गाडी में पडा रहता था, पुलिस को दिखा दिया तथा आमीन ने अपनी एक आईडी पुलिस को दी, जिसकी उनके द्वारा फोटो खींच ली गयी। देहरादून से बाहर निकलने के बाद हमारे द्वारा फर्जी नम्बर प्लेट को हटाकर असली नम्बर प्लेट लगा ली। गाजियाबाद पहुंचने के बाद हमारे द्वारा गाडी में छुपाये पैसे निकालकर उन्हें आपस में बाट लिया गया। उक्त घटना में हमें लगभग 15 लाख रूपये मिले थे। जिसमें से मुच्छल ने हम तीनों में से प्रत्येक को 02 लाख 90 हजार रूपये दिये बाकी के पैसे मुच्छल व शौकत नें रख लिये। मुच्छल व शौकत को गाजियाबाद में छोडकर हम तीनों अपने-अपने गांव चले गये। आज भी मैं, मुच्छल उर्फ मौहम्मद हाशिम के कहने पर आमीन को साथ लेकर एक अन्य घटना को अंजाम देने के लिये मुच्छल से मिलने जा रहा था तभी पुलिस टीम द्वारा हमें गिरफ्तार कर लिया गया। पैसों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर अभियुक्त आफताब द्वारा बताया गया कि कुछ दिन पूर्व उसकी बहन की सगाई हुई थी, जिसमें लूटी गयी रकम में से काफी पैसा खर्च हो गया।
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