स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद हरीश रावत धरने पर बैठे
देहरादून–पंचायत जन अधिकार मंच उत्तराखंड के तत्वावधान में आज राजीव गांधी काम्प्लेक्स, डिस्पेंसरी रोड, देहरादून में पंचायत के अधिकारों एवं द्वितीय चरण के मतदान में सरकार के समर्थक प्रत्याशियों के खिलाफ मतदाता को जागरूक करने को लेकर भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी की मूर्ति के सामने उपवास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को अपना समर्थन देने आए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने पंचायत राज एक्ट बनाकर कोशिश की थी कि राज्य में पंचायतें मजबूत हो, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उस एक्ट में कई अव्यावहारिक संशोधन करके राज्य की पंचायतों को कमजोर करने के साथ-साथ पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग करके चोर दरवाजे से पंचायतों पर काबिज होने का प्रयास किया है।
पंचायत जन अधिकार मंच ने सरकार के इस गलत प्रयास के खिलाफ जो बीड़ा उठाया है हम उसका समर्थन करते हैं। जिस संस्था की स्थापना बापू की कल्पना रही हो, और राजीव गांधी ने उस कल्पना को साकार किया हो तो संघ विचारधार के लोग उस संस्था के अस्तित्व पर चोट अवश्य करेंगे। इसलिए पंचायतों की रक्षा के लिये सबको एकजुट होने की जरूरत है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पंचायत जनाधिकार मंच के आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि यह आंदोलन विकास की बुनियादी इकाई की रक्षा का आंदोलन है। इसमें सरकार ने कानून में कई गलत प्रावधान करके इससे ग्रामीण सरकार को कमजोर करने का काम किया है। हम सब लोग मिलकर सरकार के इस गलत कारनामे के खिलाफ संघर्ष करेंगे।अब दो से अधिक बच्चों का कानून पंचायतों के लिए बना है कल यही कानून सभी नागरिकों पर लागू हो सकता है, इसलिए इस लड़ाई में सबको भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत है। पंचायत जनाधिकार मंच के संस्थापक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसमें एक संस्था में दो पद्धति से चुनाव कराए जा रहे हैं। सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए राज्य में तीनों पंचायतों में एक ही कानून से एक पद्धति से चुनाव करने चाहिए थे। लेकिन ऐसा करने के बजाय सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई और वहां भी मुंह की खानी पड़ी। इसके अलावा पंचायत चुनाव की अधिसूचना से पहले आरक्षण में गड़बड़ियां, अधिसूचना के बाद आरक्षण में बदलाव, पहले चरण के मतदान में कई जगह से मतपत्रों के फटे होने की सूचना तथा सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा जबरदस्ती अपने पक्ष में मतदान करवाने की सूचना के साथ-साथ अब मत पेटियो में गड़बड़ी या फिर चुनाव के परिणामों में गड़बड़ी की आशंका से लोग डरे हुए हैं। पंचायत जनाधिकार मंच ऐसे सभी लोगों को नियम कायदे कानून की जानकारी देकर जागरूक करने के साथ साथ संघर्ष में उनके साथ खड़ा है। मंच लगातार पंचायतों की मजबूती की लड़ाई लड़ता रहेगा। बिष्ट ने कहा कि सभी मतदाता दलगत भावना से ऊपर उठकर मतदान करके अपने क्षेत्र में योग्य प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करें।कार्यक्रम में सामाजिक एवं राजनीतिक दलों से जुड़े अनेक वरिष्ठ नेताओं व सदस्यों ने अपने ओजस्वी विचार व्यक्त किये। जिनके माध्यम से उत्तराखंड में पंचायत के द्वितीय चरण के सम्मानित मतदाताओं को राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को कमजोर करने के षड्यंत्र के बारे में जानकारी देते हुए सरकार के गलत फैसले का समर्थन करने वालों के खिलाफ मतदान करने का आह्वान किया गया। पंचायत जन अधिकार मंच आयोजित इस उपवास कार्यक्रम में पूर्व प्रमुख प्रभु लाल बहुगुणा, देहरादून जिले के संयोजक अश्विन बहुगुणा, सुरेंद्र अग्रवाल, नीनू सहगल, श्री अशोक वर्मा,अमरजीत सिंह, शांति रावत, कमलेश रमन, रेनू नेगी, बलवंत सिंह बिष्ट,संजय भट्ट, पूरण सिंह रावत आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कार्यक्रम में आशा टम्टा, सुरेंद्र रागड़, बाला शर्मा, डॉक्टर प्रतिमा सिंह, देवकी प्रधान, सत्येंद्र पंवार,नंदन घुगत्याल आदि अनेक लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम को अपना समर्थन देने आए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने पंचायत राज एक्ट बनाकर कोशिश की थी कि राज्य में पंचायतें मजबूत हो, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने उस एक्ट में कई अव्यावहारिक संशोधन करके राज्य की पंचायतों को कमजोर करने के साथ-साथ पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग करके चोर दरवाजे से पंचायतों पर काबिज होने का प्रयास किया है।
पंचायत जन अधिकार मंच ने सरकार के इस गलत प्रयास के खिलाफ जो बीड़ा उठाया है हम उसका समर्थन करते हैं। जिस संस्था की स्थापना बापू की कल्पना रही हो, और राजीव गांधी ने उस कल्पना को साकार किया हो तो संघ विचारधार के लोग उस संस्था के अस्तित्व पर चोट अवश्य करेंगे। इसलिए पंचायतों की रक्षा के लिये सबको एकजुट होने की जरूरत है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पंचायत जनाधिकार मंच के आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि यह आंदोलन विकास की बुनियादी इकाई की रक्षा का आंदोलन है। इसमें सरकार ने कानून में कई गलत प्रावधान करके इससे ग्रामीण सरकार को कमजोर करने का काम किया है। हम सब लोग मिलकर सरकार के इस गलत कारनामे के खिलाफ संघर्ष करेंगे।अब दो से अधिक बच्चों का कानून पंचायतों के लिए बना है कल यही कानून सभी नागरिकों पर लागू हो सकता है, इसलिए इस लड़ाई में सबको भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत है। पंचायत जनाधिकार मंच के संस्थापक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसमें एक संस्था में दो पद्धति से चुनाव कराए जा रहे हैं। सरकार को उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए राज्य में तीनों पंचायतों में एक ही कानून से एक पद्धति से चुनाव करने चाहिए थे। लेकिन ऐसा करने के बजाय सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई और वहां भी मुंह की खानी पड़ी। इसके अलावा पंचायत चुनाव की अधिसूचना से पहले आरक्षण में गड़बड़ियां, अधिसूचना के बाद आरक्षण में बदलाव, पहले चरण के मतदान में कई जगह से मतपत्रों के फटे होने की सूचना तथा सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा जबरदस्ती अपने पक्ष में मतदान करवाने की सूचना के साथ-साथ अब मत पेटियो में गड़बड़ी या फिर चुनाव के परिणामों में गड़बड़ी की आशंका से लोग डरे हुए हैं। पंचायत जनाधिकार मंच ऐसे सभी लोगों को नियम कायदे कानून की जानकारी देकर जागरूक करने के साथ साथ संघर्ष में उनके साथ खड़ा है। मंच लगातार पंचायतों की मजबूती की लड़ाई लड़ता रहेगा। बिष्ट ने कहा कि सभी मतदाता दलगत भावना से ऊपर उठकर मतदान करके अपने क्षेत्र में योग्य प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करें।कार्यक्रम में सामाजिक एवं राजनीतिक दलों से जुड़े अनेक वरिष्ठ नेताओं व सदस्यों ने अपने ओजस्वी विचार व्यक्त किये। जिनके माध्यम से उत्तराखंड में पंचायत के द्वितीय चरण के सम्मानित मतदाताओं को राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को कमजोर करने के षड्यंत्र के बारे में जानकारी देते हुए सरकार के गलत फैसले का समर्थन करने वालों के खिलाफ मतदान करने का आह्वान किया गया। पंचायत जन अधिकार मंच आयोजित इस उपवास कार्यक्रम में पूर्व प्रमुख प्रभु लाल बहुगुणा, देहरादून जिले के संयोजक अश्विन बहुगुणा, सुरेंद्र अग्रवाल, नीनू सहगल, श्री अशोक वर्मा,अमरजीत सिंह, शांति रावत, कमलेश रमन, रेनू नेगी, बलवंत सिंह बिष्ट,संजय भट्ट, पूरण सिंह रावत आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कार्यक्रम में आशा टम्टा, सुरेंद्र रागड़, बाला शर्मा, डॉक्टर प्रतिमा सिंह, देवकी प्रधान, सत्येंद्र पंवार,नंदन घुगत्याल आदि अनेक लोग मौजूद थे।
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