सेमिनार में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता

देहरादून – अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आ रहे बदलाव विषय पर पोलेंड की राजधानी वारशॉ में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में दून विश्वविद्याल के प्रोफेसर हर्ष डोभाल ने भारतीय परिपेक्ष्य रखा। सेमिनार में दुनियाभर से 50 पत्रकारों एवं शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को आमंत्रित किया गया सेमिनार में संकल्प पारित किया गया जिसमें पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की गई। साथ ही
पत्रकारिता पर बाजार के दबाव और इसके दूरगामी परिणामों से निपटने की जरूरत पर बल दिया गया। प्रतिभागियों ने यह भी संकल्प लिया कि पत्रकारिता भले की किसी भी फारमेट में की जा रही हो, पत्रकारिता के मूल्यों बचाए रखना जरूरी है।
 सेमिनार में भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, पोलेंड, फ्रांस, आयरलैंड, जर्मनी, साउथ अफ्रीक, यूक्रेन, लेबनान और पाकिस्तान सहित दुनिया के कई अन्य देशों के पत्रकारों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन इंटरनेशनल कम्युनिकेशन फोरम, जर्नलिस्ट सोलिडेरिटी फाउंडेशन, पोलिश नेशनल फाउंडेशन और पोलिश जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने मिलकर किया। सेमिनार में प्रमुख तौर पर मीडिया की प्रतिष्ठा, नागरिक पत्रकारिता की विकास में भूमिका, संघर्ष के दौर में पत्रकारिता, मीडिया की स्वतंत्रता, प्रजातंत्र में मीडिया की भूमिका, मीडिया और अध्यात्म सहित कई अन्य विषयों पर चर्चा हुई दून विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर एच.सी पुरोहित ने बताया कि प्रोफेसर हर्ष डोभाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय परिपेक्ष्य को दुनिया के सामने रखा। वह इससे पहले इजराइल में पी.टी.आई के संवाददाता रहे हैं। इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी दून विश्वविद्याल के लिए भी गर्व की बात है।  

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