मैड संस्था ने रिस्पना नदी मैं फैले कूड़े की सफाई करते
देहरादून-दून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ऐ डिफ्फेरेंस बाय बीइंग द डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था ने पर्यटन सचिव उत्तराखंड सरकार दिलीप जावलकर से उनके सचिवालय स्थित दफ्तर में भेंट की और रिस्पना नदी के ऊपर एक क्षेत्र में फैल रहे प्लास्टिक पॉलीथीन, बियर बोतलें इत्यादि कूड़ा सामग्री के बारे में अवगत कराया।मैड ने मुख्यतः यही बात रखी कि युवाओं के बीच रिस्पना के उद्गम स्थल का क्षेत्र और शिखर फॉल का क्षेत्र बहुत
लोकप्रिय हो रहा है और इसके साथ साथ अभी भी वह मानसिक्ता जो आनी चाहिए इन जगहों में जाने के लिए कि कूड़ा करकट वहां न फैलाया जाये, उस मानसिक्ता को आने में देरी हो रही है। बात और बिगड़ जाती है जब यह समझ आता है कि कोई भी सरकारी विभाग अब चाहे वो नगर निगम हो या क्षेत्र के आस पास की ग्राम सभाएं हो, उस जगह की सफाई का ज़िम्मा लेने को तैयार नहीं हैं। नतीजा यह है कि उस पूरे क्षेत्र में एक भी डस्टबिन नहीं है और लोग भी वहीँ कूड़ा फ़ेंक आते हैं। गौरतलब है कि विगत सात वर्षों से रिस्पना पुनर्जीवन के अभियान में मैड संगठन ने न सिर्फ रिस्पना पुनर्जीवन की मुहीम से खुद को जोड़ा हुआ है बल्कि इस कोशिश में भी है कि सरकार के सभी विभाग साथ काम करके रिस्पना नदी के पुनर्जीवन पर अमल करें। इस बैठक में मैड की ओर से मैड के संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी और आदर्श त्रिपाठी शामिल थे।
लोकप्रिय हो रहा है और इसके साथ साथ अभी भी वह मानसिक्ता जो आनी चाहिए इन जगहों में जाने के लिए कि कूड़ा करकट वहां न फैलाया जाये, उस मानसिक्ता को आने में देरी हो रही है। बात और बिगड़ जाती है जब यह समझ आता है कि कोई भी सरकारी विभाग अब चाहे वो नगर निगम हो या क्षेत्र के आस पास की ग्राम सभाएं हो, उस जगह की सफाई का ज़िम्मा लेने को तैयार नहीं हैं। नतीजा यह है कि उस पूरे क्षेत्र में एक भी डस्टबिन नहीं है और लोग भी वहीँ कूड़ा फ़ेंक आते हैं। गौरतलब है कि विगत सात वर्षों से रिस्पना पुनर्जीवन के अभियान में मैड संगठन ने न सिर्फ रिस्पना पुनर्जीवन की मुहीम से खुद को जोड़ा हुआ है बल्कि इस कोशिश में भी है कि सरकार के सभी विभाग साथ काम करके रिस्पना नदी के पुनर्जीवन पर अमल करें। इस बैठक में मैड की ओर से मैड के संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी और आदर्श त्रिपाठी शामिल थे।
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