मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छात्र-छात्राओं के सभी प्रश्नो के जवाब दिये
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के लगभग 2500 छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया। ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन‘‘ की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जन संवाद की श्रृंखला प्रारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से प्रदेश एवं देश के विकास में बढ़ चढ़ कर योगदान करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी बच्चों को स्वच्छता, जलसंचय, वृक्षारोपण, नशा मुक्ति एवं नशे के विरोध तथा भ्रष्टाचार की समाप्ति का संकल्प भी दिलवाया।
राज्य के इतिहास में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा राज्य भर में ब्लोॅक स्तर तक विद्यालयी छात्र-छात्राओं के मध्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद हुआ। लगभग 2 घण्टे तक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र तथा राज्य के दूरस्थ क्षेत्रो के छात्र-छात्राओं के मध्य अनौपचारिक तथा रोचक बातचीत हुई। उत्साहित तथा जिज्ञासु छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रीय, सामाजिक समस्याओं से लेकर जिले, राज्य तथा राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ ही मुख्यमंत्री के निजी जीवन से सम्बन्धित रोचक प्रश्न भी किए गए। वही दूसरी ओर छात्र-छात्राओं के आत्मविश्वास से प्रभावित मुख्यमंत्री ने सभी सवालों के जबाव बड़ी सहजता व गम्भीरता से दिए।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश भर के 119 तहसील तथा स्वान केन्द्रों, 56 विलेज लेवल एंटर प्रेन्योर सेन्टर, 13 जिला एनआईसी तथा 13 जिला स्वान केन्द्र पर आए लगभग 2500 छात्र-छात्राओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे संवाद किया। उन्होने भारत छोड़ो आन्दोलन की 75वी वर्षगांठ पर देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीद वीर केसरी चन्द और शहीद वीर दुर्गामल्ल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान का स्मरण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने घर-गांवों-स्कूल को स्वच्छ रखने, जल संचय में योगदान देने, वृक्ष लगाने, नशा न करने तथा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा तक प्रयास करने का आह्वाहन भी किया। छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार, पलायन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था, राजनीति, किसानों के कल्याण, स्वच्छता, जलसंक्षण, पर्यावरण आदि विषयो पर वार्तालाप किया। जहां एक ओर कक्षा सात के छात्रों ने सवाल पूछा, वहीं दूसरी ओर कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राओं ने भी सवाल पूछे। इस अवसर पर सभी जनपदों के जिलाधिकारी और महानिदेशक शिक्षा भी उपस्थित थे। संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और छात्र-छात्राओं के मध्य लगभग दो घण्टे चले संवाद के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न/विषय निम्नवत है। देहरादून के मालदेवता से छात्रा पवित्रा खनका ने प्रश्न किया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले 4 माह में ऐसा कौन सा सबसे प्रभावी निर्णय लिया गया है जो उत्तराखण्ड के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेन्स की नीति अभी तक का महत्वपूर्ण निर्णय रहा है। भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्रोत संस्थागत या शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार होता है। केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किए है तथा अभी तक भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नही लगा है। इसी प्रकार यदि उच्च स्तर से भ्रष्टाचार समाप्त होता है तो देश तथा राज्य की तस्वीर बदलेगी। प्रत्येक चेहरे पर मुस्कान होगी।बागेश्वर से छात्र चन्द्रशेखर गुसांई ने प्रश्न किया कि उत्तराखण्ड में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय से अधिक है फिर भी बागेश्वर जनपद में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क आदि की कमी की समस्याएं क्यों है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।
परन्तु हमारे राज्य में भौगोलिक तथा विकास सम्बन्धित विषमताएं है। यदि उधमसिंह नगर तथा बागेश्वर की तुलना की जाए तो यह गैप बहुत बड़ा है। हमने सम्बन्धित जिलाधिकारियो, सीडीओ तथा अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये है कि प्रति जिले में प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़ाई जाय इस पर फोकस किया जाय। प्रभारी मंत्रीगणों को जिस जिले की जिम्मेदारी दी गई है वह उस जिले विशेष की चिन्ता करे। परन्तु इन सब प्रयासों में जन सामान्य की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है। हमें अब चर्चा से आगे बढ़कर धरातल पर कार्य करना होगा। यह काम करने का समय है। चर्चा बहुत हो गई। सफलता या असफलता का विचार किए बिना हमें इस दिशा में निरन्तर प्रयास करने होंगे। हम कौन सी चीजो का उत्पादन स्वयं कर सकते है तथा कौन सी वस्तुओं का हमें आयात करना होगा, हमें इस विषय पर व्यवहारिक होकर सोचना होगा। कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण तथा प्राकृतिक संसाधनों द्वारा राज्य की आय के साधन बढ़ाने होंगे। हम परिश्रमी है परन्तु हमें स्वयं में व्यवसायिक गुण विकसित करने होंगे।
पौड़ी की छात्रा प्रांजली अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान आरम्भ किया, हमारे राज्य में इस दिशा में क्या-क्या प्रयास किए जा रहे है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह अत्यन्त चिन्ता का विषय है कि पौड़ी तथा पिथौरागढ़ में लिंगानुपात सामान्य से कम है। राज्य सरकार द्वारा इसकी पुष्टि हेतु पुनः अध्ययन करवाया गया। अल्ट्रासांउण्ड मशीनों की जांच तथा भू्रण हत्या के खिलाफ सख्य कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। कम लिंगानुपात वाले जनपदों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। अपनी बेटियों की रक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जनपद चम्पावत से अंकित भण्डारी द्वारा जनपद में चिकित्सा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभावों पर मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछा गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि राज्य में 2900 चिकित्सकों के पद उपलब्ध है जिनमें से 1100 डाॅक्टर कार्यरत है। श्रीनगर मेडिकल काॅलेज सेना द्वारा संचालित करने पर सहमति कर दीगई है। सेना से सेवानिवृत 120 डाॅक्टरों ने उत्तराखण्ड में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव रखा हैं । लगभग 200 नये डाॅक्टर अगले माह तक नियुक्त कर दिए जाएंगे। पहली बार इतनी बड़ी संख्या मे चिकित्सकों की तैनाती पर्वतीय जनपदों में की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रो में गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाए सुनिश्चित करवाई जाए। जिला चिकित्सालयों में आधुनिक लैब, नवीनतम उपकरण आदि उपलब्ध करवाये जाय। आज 750 प्रकार की जेनेरिक दवाइयां जो सस्ती तथा प्रभावी है राज्य भर में उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, राज्य व्याधि निधि योजना जैसी जनहितकारी योजनाएं भी स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हेतु चलाई जा रही है।
उत्तरकाशी जिले में 19 स्थानों से छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री से वीडियो क्रान्फे्रसिंग द्वारा संवाद किया। जनपद से छात्र योगेश नौटियाल द्वारा प्रश्न किया गया कि पलायन को रोकने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन के तीन मुख्य कारण शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार का अभाव है। यदि गांवो में स्वास्थ्य, रोजगार सुविधाएं होंगी तो पलायन का काफी हद तक नियन्त्रित किया जा सकता है। हमें कुछ मूलभूत परिवर्तन करने होंगे। रोजगार का सबसे अच्छा साधन कृषि है। चकबन्दी के लिए गांवो के लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए। कृषि भूमि में बिखराव होने के कारण सुरक्षा, पानी, यातायात तथा समय की बहुत हानि होती है। परती तथा बंजर भूमि को कैसी उपजाऊ बनाया जाय इस दिशा में प्रयास करने होंगे। खेती के पैटर्न को भी बदलने की आवश्यकता है। शिक्षित युवाओं को कृषि में रूचि लेनी होगी। गावों में स्वरोजगार को बढ़ाना होगा।
जनपद नैनीताल की छात्रा सुप्रिया ने प्रश्न किया कि केन्द्र व राज्य में एक ही दल की सरकार होने का क्या लाभ उत्तराखण्ड राज्य को मिल रहा है? मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फैशन डिजायन, प्लास्टिक टेक्नाॅलजी तथा हाॅस्पिटिलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। हरिद्वार, देहरादून तथा नैनीताल में अंडरग्राउण्ड केबलिंग की जाएगी। आल वेदर रोड, चारधाम रेल नेटवर्क के साथ ही हरिद्वार में जाम की समस्या से निजात हेतु एलीवेटेड रोड बनाई जायेगी। यह सब केन्द्र सरकार के सहयोग से ही होगा।उधम सिंह नगर की छात्रा रूचि साहनी ने प्रश्न किया कि सरकार किसानो के हित के लिए क्या कदम उठा रही है? मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को अन्नदाता की चिन्ता है उसके लिए परती भूमि की उर्वरकता बढ़ाने, प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने, अच्छे बीजो के उत्पादन के प्रयास किये जा रहे है। आगामी 25 सितम्बर से किसानों को कृषि सम्बन्धित कार्यो हेतु 2 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख तक का ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा।रूद्रप्रयाग से सातवी कक्षा के छात्र शिव मोहन शुक्ला ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि योजनाओं का लाभ सभी लोगो तक पहुचे तथा बच्चों के लिए खेल सुविधाओं के विकास के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है? मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयो में बच्चों में खेलो को प्रोत्साहित करने हेतु दी जाने वाली राशि 25 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये कर दी गई है। सरकारी योजनाओं का लाभ अभी तक पंहुचे उसके लिये जिलाधिकारियों और सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाया गया है। यदि किसी को कोई शिकायत आती है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।पिथौरागढ़ से छात्रा प्रीति ने समाज में बेटियो एवं महिलाओं के प्रति होने वाले भेदभाव तथा इस सम्बन्ध सुधार हेतु में सरकार द्वारा की गई पहल पर प्रश्न पूछे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बेटियों के कल्याण व विकास हेतु प्रतिबद्ध है। बेटियों को सभी संवैधानिक अधिकार समान रूप से प्राप्त है। बेटियों की समाज में भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लिंगानुपात बढ़ाने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। सामाजिक विसंगतियों के कारण बेटियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है जिसके कारण उन्हें अशिक्षा तथा कुपोषण का भी शिकार होना पड़ता है। राज्य में शीघ् ही दो महिला बैंक खोले जा रहे हैं। जिसमें सभी कार्मिक महिलाएं होंगी। गर्भवती महिलाओं को पोषण भत्ता दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में महिलाओं हेतु 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण है। शीघ् ही राज्य सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु स्थानीय अनाजों से बने फूड पैक को प्रोत्साहित करेगी जिसे स्वंय सहायता समूहो द्वारा बनाया जायेगा।जनपद टिहरी से मनीषा डोभाल ने स्वच्छता अभियान तथा जल सरंक्षण के सम्बन्ध में प्रश्न किये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 25 जून से जल सरंक्षण हेतु अभियान चलाया गया है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि रेत व पानी के मिश्रण की एक बोतल सिस्टर्न में डाले। इस प्रकार प्रतिदिन एक करोड़ लीटर तक की बचत की जा सकती है। उन्होंने एक व्यक्ति एक वृक्ष के अभियान में भी भागीदारी की अपील की।जनपद अल्मोड़ा से आयुष्मान जोशी ने बताया कि आई0आई0टी0 रूड़की में इंजीनियरिंग फिजिक्स की शाखा नहीं है। मुख्यमंत्री ने उनको आश्वस्त किया कि उस विषय की जानकारी लेंगे। आई0आई0टी0 रूड़की केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अन्तर्गत आता है, आवश्यकता पड़ने पर भारत सरकार से बात की जायेगी।
चमोली से अमीषा शाह ने प्रश्न किया कि स्वच्छ भारत अभियान को राज्य में प्रभावी बनाने के लिए जो लोग गंदगी फैलाते है उन्हें दण्डित क्यों नही किया जा रहा हैं?मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता हेतु सरकारी अभियानो के अलावा इस कार्य में सक्रिय जनसहभागिता भी आवश्यक है। यद्यपि गंदगी फैलाने वालो के लिये राज्य में कानून है और उसका उपयोग भी किया जाता है, परन्तु इस विषय पर प्रभावी कार्यवाही जन सहयोग से ही हो सकेगी। सभी को संकल्प लेना होगा कि वे डस्टबिन के अतिरिक्त कहीं और कूड़ा न फेंके।
हरिद्वार से आरजू तथा सिमरन ने प्रश्न किया कि सरकार विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे है? मुख्यमंत्री ने कहा कि संसाधनों की गुणवता में सुधार के अतिरिक्त शिक्षकों द्वारा इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है। राजकीय विद्यालयो के शिक्षक प्रथम श्रेणी के होते है। अच्छे शिक्षक कई बार संसाधनो की कमी का अहसास नही होने देते। सरकार प्रत्येक ब्लाॅक में माॅडल स्कूल खोलने जा रही है। भविष्य में आर्थिक स्थिति के अनुसार इनका विस्तार भी किया जायेगा। कनिका ने प्रश्न किया कि मुख्यमंत्री अपने राजनैतिक व्यस्तताओं के बीच समय की कमी के कारण परिवार को किस प्रकार समय देते है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जब हम बडे़ उद्देश्यों के लिए बड़ी सोच के साथ कार्य करते है तो हम सब घरों को अपना घर मानते है। सारा समाज हमारा घर व परिवार है, तो हमें कोई समस्या नहीं होती।
राज्य के इतिहास में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा राज्य भर में ब्लोॅक स्तर तक विद्यालयी छात्र-छात्राओं के मध्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद हुआ। लगभग 2 घण्टे तक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र तथा राज्य के दूरस्थ क्षेत्रो के छात्र-छात्राओं के मध्य अनौपचारिक तथा रोचक बातचीत हुई। उत्साहित तथा जिज्ञासु छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रीय, सामाजिक समस्याओं से लेकर जिले, राज्य तथा राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ ही मुख्यमंत्री के निजी जीवन से सम्बन्धित रोचक प्रश्न भी किए गए। वही दूसरी ओर छात्र-छात्राओं के आत्मविश्वास से प्रभावित मुख्यमंत्री ने सभी सवालों के जबाव बड़ी सहजता व गम्भीरता से दिए।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश भर के 119 तहसील तथा स्वान केन्द्रों, 56 विलेज लेवल एंटर प्रेन्योर सेन्टर, 13 जिला एनआईसी तथा 13 जिला स्वान केन्द्र पर आए लगभग 2500 छात्र-छात्राओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे संवाद किया। उन्होने भारत छोड़ो आन्दोलन की 75वी वर्षगांठ पर देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीद वीर केसरी चन्द और शहीद वीर दुर्गामल्ल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान का स्मरण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने घर-गांवों-स्कूल को स्वच्छ रखने, जल संचय में योगदान देने, वृक्ष लगाने, नशा न करने तथा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा तक प्रयास करने का आह्वाहन भी किया। छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार, पलायन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था, राजनीति, किसानों के कल्याण, स्वच्छता, जलसंक्षण, पर्यावरण आदि विषयो पर वार्तालाप किया। जहां एक ओर कक्षा सात के छात्रों ने सवाल पूछा, वहीं दूसरी ओर कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राओं ने भी सवाल पूछे। इस अवसर पर सभी जनपदों के जिलाधिकारी और महानिदेशक शिक्षा भी उपस्थित थे। संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और छात्र-छात्राओं के मध्य लगभग दो घण्टे चले संवाद के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न/विषय निम्नवत है। देहरादून के मालदेवता से छात्रा पवित्रा खनका ने प्रश्न किया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले 4 माह में ऐसा कौन सा सबसे प्रभावी निर्णय लिया गया है जो उत्तराखण्ड के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेन्स की नीति अभी तक का महत्वपूर्ण निर्णय रहा है। भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्रोत संस्थागत या शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार होता है। केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किए है तथा अभी तक भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नही लगा है। इसी प्रकार यदि उच्च स्तर से भ्रष्टाचार समाप्त होता है तो देश तथा राज्य की तस्वीर बदलेगी। प्रत्येक चेहरे पर मुस्कान होगी।बागेश्वर से छात्र चन्द्रशेखर गुसांई ने प्रश्न किया कि उत्तराखण्ड में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय से अधिक है फिर भी बागेश्वर जनपद में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क आदि की कमी की समस्याएं क्यों है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।
परन्तु हमारे राज्य में भौगोलिक तथा विकास सम्बन्धित विषमताएं है। यदि उधमसिंह नगर तथा बागेश्वर की तुलना की जाए तो यह गैप बहुत बड़ा है। हमने सम्बन्धित जिलाधिकारियो, सीडीओ तथा अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये है कि प्रति जिले में प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़ाई जाय इस पर फोकस किया जाय। प्रभारी मंत्रीगणों को जिस जिले की जिम्मेदारी दी गई है वह उस जिले विशेष की चिन्ता करे। परन्तु इन सब प्रयासों में जन सामान्य की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है। हमें अब चर्चा से आगे बढ़कर धरातल पर कार्य करना होगा। यह काम करने का समय है। चर्चा बहुत हो गई। सफलता या असफलता का विचार किए बिना हमें इस दिशा में निरन्तर प्रयास करने होंगे। हम कौन सी चीजो का उत्पादन स्वयं कर सकते है तथा कौन सी वस्तुओं का हमें आयात करना होगा, हमें इस विषय पर व्यवहारिक होकर सोचना होगा। कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण तथा प्राकृतिक संसाधनों द्वारा राज्य की आय के साधन बढ़ाने होंगे। हम परिश्रमी है परन्तु हमें स्वयं में व्यवसायिक गुण विकसित करने होंगे।
पौड़ी की छात्रा प्रांजली अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान आरम्भ किया, हमारे राज्य में इस दिशा में क्या-क्या प्रयास किए जा रहे है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह अत्यन्त चिन्ता का विषय है कि पौड़ी तथा पिथौरागढ़ में लिंगानुपात सामान्य से कम है। राज्य सरकार द्वारा इसकी पुष्टि हेतु पुनः अध्ययन करवाया गया। अल्ट्रासांउण्ड मशीनों की जांच तथा भू्रण हत्या के खिलाफ सख्य कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। कम लिंगानुपात वाले जनपदों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। अपनी बेटियों की रक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जनपद चम्पावत से अंकित भण्डारी द्वारा जनपद में चिकित्सा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभावों पर मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछा गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि राज्य में 2900 चिकित्सकों के पद उपलब्ध है जिनमें से 1100 डाॅक्टर कार्यरत है। श्रीनगर मेडिकल काॅलेज सेना द्वारा संचालित करने पर सहमति कर दीगई है। सेना से सेवानिवृत 120 डाॅक्टरों ने उत्तराखण्ड में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव रखा हैं । लगभग 200 नये डाॅक्टर अगले माह तक नियुक्त कर दिए जाएंगे। पहली बार इतनी बड़ी संख्या मे चिकित्सकों की तैनाती पर्वतीय जनपदों में की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रो में गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाए सुनिश्चित करवाई जाए। जिला चिकित्सालयों में आधुनिक लैब, नवीनतम उपकरण आदि उपलब्ध करवाये जाय। आज 750 प्रकार की जेनेरिक दवाइयां जो सस्ती तथा प्रभावी है राज्य भर में उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, राज्य व्याधि निधि योजना जैसी जनहितकारी योजनाएं भी स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हेतु चलाई जा रही है।
उत्तरकाशी जिले में 19 स्थानों से छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री से वीडियो क्रान्फे्रसिंग द्वारा संवाद किया। जनपद से छात्र योगेश नौटियाल द्वारा प्रश्न किया गया कि पलायन को रोकने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन के तीन मुख्य कारण शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार का अभाव है। यदि गांवो में स्वास्थ्य, रोजगार सुविधाएं होंगी तो पलायन का काफी हद तक नियन्त्रित किया जा सकता है। हमें कुछ मूलभूत परिवर्तन करने होंगे। रोजगार का सबसे अच्छा साधन कृषि है। चकबन्दी के लिए गांवो के लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए। कृषि भूमि में बिखराव होने के कारण सुरक्षा, पानी, यातायात तथा समय की बहुत हानि होती है। परती तथा बंजर भूमि को कैसी उपजाऊ बनाया जाय इस दिशा में प्रयास करने होंगे। खेती के पैटर्न को भी बदलने की आवश्यकता है। शिक्षित युवाओं को कृषि में रूचि लेनी होगी। गावों में स्वरोजगार को बढ़ाना होगा।
जनपद नैनीताल की छात्रा सुप्रिया ने प्रश्न किया कि केन्द्र व राज्य में एक ही दल की सरकार होने का क्या लाभ उत्तराखण्ड राज्य को मिल रहा है? मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फैशन डिजायन, प्लास्टिक टेक्नाॅलजी तथा हाॅस्पिटिलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। हरिद्वार, देहरादून तथा नैनीताल में अंडरग्राउण्ड केबलिंग की जाएगी। आल वेदर रोड, चारधाम रेल नेटवर्क के साथ ही हरिद्वार में जाम की समस्या से निजात हेतु एलीवेटेड रोड बनाई जायेगी। यह सब केन्द्र सरकार के सहयोग से ही होगा।उधम सिंह नगर की छात्रा रूचि साहनी ने प्रश्न किया कि सरकार किसानो के हित के लिए क्या कदम उठा रही है? मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को अन्नदाता की चिन्ता है उसके लिए परती भूमि की उर्वरकता बढ़ाने, प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने, अच्छे बीजो के उत्पादन के प्रयास किये जा रहे है। आगामी 25 सितम्बर से किसानों को कृषि सम्बन्धित कार्यो हेतु 2 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख तक का ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा।रूद्रप्रयाग से सातवी कक्षा के छात्र शिव मोहन शुक्ला ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि योजनाओं का लाभ सभी लोगो तक पहुचे तथा बच्चों के लिए खेल सुविधाओं के विकास के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है? मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयो में बच्चों में खेलो को प्रोत्साहित करने हेतु दी जाने वाली राशि 25 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये कर दी गई है। सरकारी योजनाओं का लाभ अभी तक पंहुचे उसके लिये जिलाधिकारियों और सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाया गया है। यदि किसी को कोई शिकायत आती है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।पिथौरागढ़ से छात्रा प्रीति ने समाज में बेटियो एवं महिलाओं के प्रति होने वाले भेदभाव तथा इस सम्बन्ध सुधार हेतु में सरकार द्वारा की गई पहल पर प्रश्न पूछे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बेटियों के कल्याण व विकास हेतु प्रतिबद्ध है। बेटियों को सभी संवैधानिक अधिकार समान रूप से प्राप्त है। बेटियों की समाज में भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लिंगानुपात बढ़ाने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। सामाजिक विसंगतियों के कारण बेटियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है जिसके कारण उन्हें अशिक्षा तथा कुपोषण का भी शिकार होना पड़ता है। राज्य में शीघ् ही दो महिला बैंक खोले जा रहे हैं। जिसमें सभी कार्मिक महिलाएं होंगी। गर्भवती महिलाओं को पोषण भत्ता दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में महिलाओं हेतु 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण है। शीघ् ही राज्य सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु स्थानीय अनाजों से बने फूड पैक को प्रोत्साहित करेगी जिसे स्वंय सहायता समूहो द्वारा बनाया जायेगा।जनपद टिहरी से मनीषा डोभाल ने स्वच्छता अभियान तथा जल सरंक्षण के सम्बन्ध में प्रश्न किये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 25 जून से जल सरंक्षण हेतु अभियान चलाया गया है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि रेत व पानी के मिश्रण की एक बोतल सिस्टर्न में डाले। इस प्रकार प्रतिदिन एक करोड़ लीटर तक की बचत की जा सकती है। उन्होंने एक व्यक्ति एक वृक्ष के अभियान में भी भागीदारी की अपील की।जनपद अल्मोड़ा से आयुष्मान जोशी ने बताया कि आई0आई0टी0 रूड़की में इंजीनियरिंग फिजिक्स की शाखा नहीं है। मुख्यमंत्री ने उनको आश्वस्त किया कि उस विषय की जानकारी लेंगे। आई0आई0टी0 रूड़की केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अन्तर्गत आता है, आवश्यकता पड़ने पर भारत सरकार से बात की जायेगी।
चमोली से अमीषा शाह ने प्रश्न किया कि स्वच्छ भारत अभियान को राज्य में प्रभावी बनाने के लिए जो लोग गंदगी फैलाते है उन्हें दण्डित क्यों नही किया जा रहा हैं?मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता हेतु सरकारी अभियानो के अलावा इस कार्य में सक्रिय जनसहभागिता भी आवश्यक है। यद्यपि गंदगी फैलाने वालो के लिये राज्य में कानून है और उसका उपयोग भी किया जाता है, परन्तु इस विषय पर प्रभावी कार्यवाही जन सहयोग से ही हो सकेगी। सभी को संकल्प लेना होगा कि वे डस्टबिन के अतिरिक्त कहीं और कूड़ा न फेंके।
हरिद्वार से आरजू तथा सिमरन ने प्रश्न किया कि सरकार विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे है? मुख्यमंत्री ने कहा कि संसाधनों की गुणवता में सुधार के अतिरिक्त शिक्षकों द्वारा इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है। राजकीय विद्यालयो के शिक्षक प्रथम श्रेणी के होते है। अच्छे शिक्षक कई बार संसाधनो की कमी का अहसास नही होने देते। सरकार प्रत्येक ब्लाॅक में माॅडल स्कूल खोलने जा रही है। भविष्य में आर्थिक स्थिति के अनुसार इनका विस्तार भी किया जायेगा। कनिका ने प्रश्न किया कि मुख्यमंत्री अपने राजनैतिक व्यस्तताओं के बीच समय की कमी के कारण परिवार को किस प्रकार समय देते है? मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जब हम बडे़ उद्देश्यों के लिए बड़ी सोच के साथ कार्य करते है तो हम सब घरों को अपना घर मानते है। सारा समाज हमारा घर व परिवार है, तो हमें कोई समस्या नहीं होती।
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