देेहरादून - एक अनुमान के अनुसार भारत में 4 करोड़ हृदय रोगी हैं, जिनमें से 1.9 करोड़ लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और 2.1 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। हमारे देश में कार्डियो वैस्कुलर बीमारियां (सीवीडी) तेजी से महामारी की तरह फैल रही हैं और मृत्यु दर बढ़ने के प्रमुख कारणों में शुमार हो रही हैं। इससे अधिक चिंताजनक बात यह है कि विटामिन डी की कमी सीवीडी के जोखिम को और बढ़ा सकती है। डॉ. अनुराग रावत, इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट, एचआईएचटी अस्पताल, देहरादून ने कहा, भारतीयों में विटामिन डी की कमी के प्रमुख कारण हैं-शाकाहारी भोजन, सूरज की रोशनी से परहेज, बंद कार्यालयों में लंबे समय तक घंटों काम, और बाहरी गतिविधियां न के बराबर, तथा जागरूकता की भारी कमी। अध्ययनों के मुताबिक, विटामिन डी की कमी के कारण कोरोनरी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। विभिन्न हृदय रोगों जैसे इस्केमिक हार्ट रोग (हृदय धमनियों का पतलापन), कंजेस्टिव हार्ट फेल्यर यानी हृदय की विफलता, दिल के दौरे, परिधीय धमनी रोग और स्ट्रोक आदि के पीछे सीरम 25(ओएचडी) की कमी प्रमुख है।कॉड लिवर ऑयल: यह कॉडफिश के