आप ने मोदी के "महँगाई रूपी रावण" के पुतले का दहन किया
देहरादून- आम आदमी पार्टी के राष्ट्रव्यापी महँगाई के विरोधी में आंदोलन समापन के तहत दशहरा पर्व के दिन मोदी के "महँगाई रूपी रावण" के पुतले दहन कर विरोध-प्रदर्शन व घरना-प्रदर्शन किया गया. इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि बढ़ती हुई महंगाई का प्रमुख कारण हैं पेट्रोल डीजल और रसोई गैस एक तरफ रसोई गैस की सब्सिडी हर महीने खत्म की जा रही हैं। तो वही पेट्रोल- डीजल को फ्री हैंड करके अभी तक पेट्रोल -डीजल के रेट कम नहीं किया गया जबकि अंतराष्ट्रीय मार्किट में कच्चे तेल की कीमत बहुत कम हैं।
उन्होंने कहा कि इसका लाभ सीधा-सीधा रिलायंस और आणी को दे रही हैं मोदी सरकार वर्तमान में केन्द्र में भाजपाई के कुशासित मोदी-राज में देश का हर आम आदमी केन्द्र की जनविरोधी नीतियों व निर्णयों से खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है, उस पर भाजपा के मोदी राज में पेट्रोल-डीजल व घरेलू गैस की दिन-प्रतिदिन बेहताशा बढ़ती कीमतों के कारण बढ़ती महँगाई ने देश की आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. बहुत हुई महँगाई की मार, अबकि बार मोदी सरकार" के नारे के साथ साढ़े तीन साल पहले सत्ता में आई मोदी सरकार हर मोर्चों पर विफल सिद्ध हुयी है. आम आदमी पार्टी ने हमेशा से ही देश के हर आम आदमी की समस्याओं व संघर्ष में उसकी आवाज को बुलंद किया है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी द्रारा राष्ट्रव्यापी "महँगाई विरोधी आंदोलन" के तहत विगत दिनों एस्लेहाँल चौक देहरादून पर विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. दशहरा पर्व पर इसका समापन "महँगाई के रावण" का पुतला दहन कर किया गया प्रदेश सचिव राजेश बहुगुणा, प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामबाबू पाँडे, अजय शर्मा, राव नसीम, जिलाध्यक्षा उमा सिसौदिया, जिला सचिव अभिषेक बहुगुणा, कुलदीप सहदेव, युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सोमेश बुड़ाकोटी, विशाल चौधरी, वीरेन्द्र पोखरियाल, जीतेन्द्र पन्त, अमित बिश्नोई, दिनेश पेटवाल, नवीन पिरशाली, सुधीर पन्त, सुदेश चौरसिया, विनोद बजाज, अशोक सेमवाल, शैलेश तिवारी, शिवम चौधरी, अश्वनी पाँडे, सरिता गिरी, पूजा भल्ला, संध्या तिवारी, शीतल चौहान, रूकमणी पेटवाल, शहजाद युसुफ, गजेन्द्र ठाकुर, मनोज बिजणवान, नईम राव, धर्मेन्द्र ठाकुर, मनीष उपाध्याय, प्रियान्शु जैन, निखिल गुप्ता, गौरव कौशिक, प्रदीप सैनी, विप्लव मौर्य, नदीम राव, जगदीश कोहली सहित अनेक कार्यकर्तगण उपस्थित थे.
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