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Showing posts from July 22, 2019

जो न्याय के सिपाही हैं, सदैव न्याय प्रिय, सत्यप्रिय बने -राज्यपाल

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देहरादून–राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य स राजभवन में उत्तराखण्ड सरकार के 23 प्रशिक्षु सहायक अभियोजन अधिकारियों के बैच से मुलाकात की। राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने कहा कि न्यायालयों में अभियोजन अधिकारी महिलाओं से जुडे़ मामलों पर संवेदनशीलता व ईमानदारी से कार्य करें। अभियोजन अधिकारी न्याय के कार्यों में बिना किसी दबाव के निडरता से कार्य करें। निर्धन एवं पीड़ित लोगों की सहायता हेतु स्वप्रेरणा से आगे आये। न्याय भावना, नैतिक मूल्यों को न्याय कार्यों में सर्वोपरि रखें।यह विचार राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि अभियोजन अधिकारियों का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पुलिस अपराधियों को पकड़ सकती है लेकिन जब तक न्यायालय में उनका दोष सिद्ध नहीं होता और उन्हें सजा नहीं होती तब तक न्याय नहीं होता। इस कार्य के लिए अभियोजन अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आज के बदलते दौर में, साइबर अपराध और वित्तीय अपराध के नये तरीके सामने आ रहे हैं ऐसे में अभियोजन पक्ष को भी सदैव अपडेट रहना होगा। राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने कहा कि अभियोजन अधिकारी अपने कार्य के प्रति सदैव ईमानदा

पर्यावरण संरक्षण के लिए वेस्ट को बेस्ट में बदले- मुख्यमंत्री

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देहरातून– मुख्यमंत्री आवास में घरेलू कूड़े से जैविक खाद बनाने की विधि का प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि घर के कूड़े कचरे को कम्पोस्ट में बदलकर अच्छी खाद तैयार करने की यह आसान विधि है। हर व्यक्ति अपने घरों में इस विधि को अपना सकता है। इस विधि से वेस्ट को बेस्ट में बदलकर हम स्वच्छता अभियान में भी बड़ा योगदान दे सकते हैं। यह विधि कचरे से होने वाले वायु व जल प्रदूषण को रोकने में भी कारगर साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी काॅलोनियों में जैविक व अजैविक कूड़े का पृथ्थकीकरण करते हुए जैविक कूडे़ की विकेन्द्रित कम्पोस्टिंग सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं।  सिंचाई विभाग व वेस्ट वाॅरियर टीम ने घरेलू कूडे से जैविक खाद बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी गई। इस विधि में गीले व सूखे कूड़े को अलग करना होगा। खाद बनाने के लिए पहले सूखे कूड़े को एकत्र कर उसके ऊपर काॅकपिट की लेयर बनाई जाती है। इसके उपरान्त उसके ऊपर गीला कूड़ा डाला जाता है तथा काॅकपिट की लेयर बनाई जाती है। यह खाद दो से तीन माह में तैयार हो जाती है।  इस अवसर पर सचिव डाॅ. भूपेन्द्र कौर औलख