उक्रांद की मांग आगामी परिसीमन आधार क्षेत्रफल हो
देहरादून– उक्रांद के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहाकि उत्तराखंड राज्य पुर्नगठन विधेयक -2000 में राज्य की 70 विधान सभा शामिल थी।वैसे तो कई खामियां विधेयक में रही है लेकिन उत्तराखंड क्रान्ति दल राज्य के गठन से है विधानसभा ओ का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार को मानकर चली व सड़को से लेकर मुख्य निर्वाचन आयोग और उच्चत्तम न्यायालय तक गया।2002 के चुनाव के बाद हमारा राज्य में पुनः परिसीमन हुआ जिसमें फिर जनसंख्या का आधार बनाकर 6 सीटे पहाड़ की और कम कर दी।जिसका दल ने पुरजोर विरोध किया।2026 में पुनः पूरे देश का परिसीमन होना है जिसमे पहाड़ की और सीटे कम होकर मैदानी जनपदों में बढ़नी है।जिससे पहाड़ी राज्य का औचित्य ही खत्म हो गया है। 07 जनवरी 2020 को होने वाले सत्र में दल मांग करते हुए विधानसभा में धरना देगा।जिसमें आगामी परिसीमन का आधार क्षेत्रफल हो।