उत्तराखंड से टीबी रोग के खात्मे को 2025 तक का लक्ष्य
देहरादून-चिकित्सा स्वास्थ एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय में जिला क्षय रोग अधिकारियों, सुपरवाइजर्स एवं जिला समन्वयकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण में विषेशज्ञों ने टीबी की बीमारी से जुड़े नई टेक्नीकल ऑपरेनल गॉइडलाइन के बारे में दी जानकारी।टीबी रोग निवारण कार्यक्रम में गति लाने के लिए नई टेक्नीकल ऑपरेशनल गॉइडलाइन के तहत होगा कार्य। टीबी रोग के उत्तराखंड से खात्मे के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय में जिला क्षय रोग अधिकारियों, सुपरवाइजर्स एवं जिला समन्वयकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ सोमवार को किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को मिशन निदेशक (एमडी एनएचएम) चन्द्रेश कुमार ने प्रदेश के 13 जनपदों से प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार से आए विशेषज्ञों ने टीबी की बीमारी से जुड़ी नई टेक्नीकल ऑपरेशनल गॉइडलाइन के बारे में विस्तार से बताते हुए कार्यक्रम को लेकर विभिन्न बदलावों की जानकारी दी। स्वास्थ्य निदेशालय के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में टीबी की बीमारी के प्रदेश से सम्पूर्ण उन्नमूलन को लेकर मंथन किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मिशन निदेशक चन्देश यादव ने प्रतिभागियों से कहा
कि वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी की बीमारी से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से टीबी रोग के उन्मूलन कार्य में गति लाने और कार्य के दौरान आने वाली सभी शंकाओं को प्रशिक्षण के दौरान दूर करने की बात कही। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के राज्य प्रभारी अधिकारी (एनएचएम) डॉ. वीएस टोलिया ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई टेक्नीकल ऑपरेशन गॉइडलाइन का लक्ष्य टीबी रोग के उन्मूलन की दिशा में बेहद कारगर साबित होगी।प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ आर विश्नोई, डॉ. एस भटनागर एवं डॉ उमेश त्रिपाठी ने टीबी रोग को लेकर भारत सरकार द्वारा नई टेक्नीकल ऑपरेशनल गॉइडलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने प्रदेश में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर कई महत्वपूर्ण और नवीनतम जानकारियां भी प्रशिक्षणार्थियों के साथ साझा कीं। निदेशक डॉ एलएम उप्रेती, निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डॉ आरएस असवाल, राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ वागीश काला, आई0ई0सी0 अधिकारी अनिल सती, जिला क्षय रोग अधिकारियों में डॉ मनोज वर्मा, डॉ अजय कुमार, डॉ एनके सिन्हा, डॉ एचसी गड़गोटी, डॉ एनएच टोलिया, डॉ केसी ठाकुर, डॉ आरके जोशी, डॉ अविनाश खन्ना, डॉ सुजाता सिंह, डॉ अशोक कुमार तोमर आदि सहित प्रदेश के सभी 13 जिलों से आए हुए टीबी कार्यक्रम से जु़ड़े अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
कि वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी की बीमारी से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से टीबी रोग के उन्मूलन कार्य में गति लाने और कार्य के दौरान आने वाली सभी शंकाओं को प्रशिक्षण के दौरान दूर करने की बात कही। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के राज्य प्रभारी अधिकारी (एनएचएम) डॉ. वीएस टोलिया ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई टेक्नीकल ऑपरेशन गॉइडलाइन का लक्ष्य टीबी रोग के उन्मूलन की दिशा में बेहद कारगर साबित होगी।प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ आर विश्नोई, डॉ. एस भटनागर एवं डॉ उमेश त्रिपाठी ने टीबी रोग को लेकर भारत सरकार द्वारा नई टेक्नीकल ऑपरेशनल गॉइडलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने प्रदेश में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर कई महत्वपूर्ण और नवीनतम जानकारियां भी प्रशिक्षणार्थियों के साथ साझा कीं। निदेशक डॉ एलएम उप्रेती, निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डॉ आरएस असवाल, राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ वागीश काला, आई0ई0सी0 अधिकारी अनिल सती, जिला क्षय रोग अधिकारियों में डॉ मनोज वर्मा, डॉ अजय कुमार, डॉ एनके सिन्हा, डॉ एचसी गड़गोटी, डॉ एनएच टोलिया, डॉ केसी ठाकुर, डॉ आरके जोशी, डॉ अविनाश खन्ना, डॉ सुजाता सिंह, डॉ अशोक कुमार तोमर आदि सहित प्रदेश के सभी 13 जिलों से आए हुए टीबी कार्यक्रम से जु़ड़े अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
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