बेमौसमी मटर की खेती से काश्तकारों को अच्छे दाम मिलेंगे -मुख्यमंत्री

चमोली-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हिमनी क्षेत्र में मटर की खेती के लिए बहुत अच्छा क्लाइमेट है यहाॅ पर बेमौसमी मटर की खेती कर किसान बहुत अच्छी आजीविका कमा सकते है। उन्होंने कहा कि बेमौसमी मटर की खेती से काश्तकारों को अच्छे दाम तो मिलेंगे ही, साथ ही मटर के छिलके दुधारू पशुओं को खिलाकर दुग्ध उत्पादकता को भी बढाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मटर की जड़ों में नाइट्रोजन ग्रन्थियां होती है, जो मिट्टी की उत्पादकता और अधिक बढाने में मददगार साबित होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षो में मटर की खेती को बढाने के लिए काश्तकारों को अच्छी किस्म का बीज व खाद उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अखरोट, सेब व फूल उत्पादन की भी अपार सम्भावनाऐं है। कहा कि सीमांत क्षेत्रों में अखरोट एवं सेब की अच्छी किस्म की पौध काश्तकारों को उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को और मजबूत बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने घेस गांव में फाॅरेस्ट गेस्टहाउस का उच्चीकृत करने, राइका घेस में शिक्षकों की तैनाती करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हिमनी जैसे सीमांत गांवों में 2018 तक प्राथमिकता के आधार पर बिजली पहुॅचायी जायेगी तथा जिन परिवारों तक बिजली नही पहुॅच सकी, उन्हें निःशुल्क सोलर ब्रीफकेश उपलब्ध कराया जायेगा। क्षेत्र में मोबाईल नेटवर्क की समस्या पर उन्होंने कहा कि बैलून टैक्नोलाॅजी के माध्यम से क्षेत्र को मोबाईल नेटवर्क से जोडा जायेगा। आॅली बुग्याल में पर्यटक गतिविधियों को बढाने हेतु रोपवे का निर्माण कराये जाने, क्षेत्र के गांवों में विद्युतीकरण करने, संचार सेवा उपलब्ध कराने, कोल्ड स्टोरेज व सतलुज डैम बनाने की मांग मुख्यमंत्री की समक्ष रखी।अर्जुन सिंह बिष्ट ने सीएम को मटर भेंट की
  कुटकी, कूट, अतीश, जटामासी आदि कई प्रकार की जड़ी बूटी किसानों के द्वारा पैदा की जाती है। जड़ी-बूटी का विपणन केन्द्र खोलने, उच्चीकृत राइका घेस में शिक्षकों की तैनाती करने सहित अन्य समस्याओं के निस्तारण करने की मांग रखी।इस मिशन के अन्र्तगत राज्य भर में चकबन्दी को प्रोत्साहित करने के साथ ही लघु, सीमान्त तथा आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख तक का  ऋण कृषि तथा सम्बन्धित गतिविधियों के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। विभागों का एकीकरण किया जा रहा है। नर्सरी एक्ट के अन्र्तगत पौधे की गुणवता की जिम्मेदारी नर्सरी संचालकों  की होगी तथा किसानों को गुणवतापूर्ण पौध आसानी से उपलब्ध होगी। न्याय पंचायत स्तर पर एक फील्ड आॅफिसर तैनात किया जाएगा तथा हर तीन महीने फील्ड आॅडिट किया जाएगा। सचिव स्तर के अधिकारी इस प्रोग्राम की लगातार निगरानी करेगे। क्लस्टर आधारित फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।  किसानो के कल्याण से प्रेरित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्र्तगत आपदाओं के दायरे को बढ़ाया गया है जल भराव, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान जैसी आपदाओं को भी सम्मिलित किया गया है ताकि किसान संकट के समय में अकेला न महसूस करे। सरकार ऐसी व्यवस्था कायम कराना चाहती है जिससे किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य मिल सके। उनके उत्पादों की प्रोसेसिंग कर उन्हें बाजार में बेहतर दाम उपलब्ध हो। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, परंपरागत कृषि विकास योजना, नीम लेपित यूरिया, एकीकृत राष्ट्रीय बाजार जैसी योजनाओं को लागू किया गया है। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक  मगन लाल शाह, कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, जिला पंचायत अध्यक्षा  मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष  मोहन प्रसाद थपलियाल, उपाध्यक्ष अरूण मैठाणी, महामंत्री  पंकज डिमरी, मण्डल अध्यक्ष  गिरीश चन्द्र मिश्रा, ग्राम प्रधान हिमनी हरकी देवी अन्य जनप्रतिनिधियों सहित सचिव डा. डी सेथिल पाडियन, कमिश्नर गढवाल  दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी  आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक  तृप्ति भट्ट, सीडीओ  विनोद गोस्वामी व जिला स्तरीय अधिकारी, क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

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