शक्तिमान केस को वापस लिया व बरी हुए गणेश जोशी

देहरादून -- भारतीय जनता पार्टी  का हरीश रावत सरकार को घेरने के लिए सत्र के दौरान बीजेपी नेताओं का विधानसभा घेराव करते हुऐ पुलिस के द्वारा लगाए गए बैरिकेटिंग तोड़कर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता विधान सभा की तरफ कूच कर रहे थे।नेताओं  के तीन बैरिकेटिंग तोड़ के बाद पुलिस ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर बस में बैठा दिया था।
बस में बैठने के बाद मदन कौशिक बस से उतरकर विधान सभा की तरफ दौड़ पड़े और उनके पीछे-पीछे कुछ कार्यकर्ता भी विधान सभा की तरफ दौड़ पर वही पर घुड़सवार पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और इसी कोशिश और जद्दोजहद में वह विधानसभा के नजदीक के बैरिकेटिंग पर पहुंच गए तभी ना जाने कहां से विधायक गणेश जोशी आये और पीएसी के सिपाही की लाठी छीनकर घोड़े पर मारना शुरू कर दी जिससे घोड़े पीछे सरकतें चले गये और वहा स्वीट शॉप के पास  रेलिंग खुली होने के कारण उसके पोल पर शक्तिमान का पैर फंस गया जिससे वह नीचे गिर गया और उसका पैर की हड्डी टूट गई । दून पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग पर लाठी मारने के आरोप में विधायक गणेश जोशी जेल गये शक्तिमान की टांग तोड़ने के आरोपी मसूरी विधायक गणेश जोशी को 18 मार्च 2016 भारी पुलिस बल के साथ पटेल नगर इलाके से गिरफ्तार किया तथा विधायक जोशी को विकासनगर की कोर्ट में पेश किया  कोर्ट ने विधायक जोशी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।अब जाकर मसूरी विधायक गणेश जोशी को सरकार की तरफ से बड़ी राहत मिली है. त्रिवेंद्र सरकार ने शक्तिमान मामले पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गणेश जोशी पर लगे मुकदमे को वापस ले लिया है. गृह विभाग ने बकायदा इसकी पुष्टि कर दी है।

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