क्वारंटाइन व आइसोलेशन केंद्रों पर पतंजलि का निःशुल्क औषधियों का वितरण
हरिद्वार– कोरोना वायरस के संक्रमण से आज पूरे विश्व में हाहाकार मचा है। केन्द्र सरकार तथा सभी राज्य सरकारें इसकी रोकथाम के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। किन्तु यह केवल सरकार का ही दायित्व नहीं है, देश की सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आकर सरकार का साथ देना होगा। इस महामारी से मुकाबला करने के लिए पतंजलि योगपीठ की आर्थिक सहायता तथा स्वास्थ्यपरक सेवाएँ निरंतर जारी हैं।
इसी कड़ी में पतंजलि ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सरोज नैथानी तथा उनके अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपस्थिति में जिला अस्पताल तथा हरिद्वार स्थित क्वारंटाइन व आइसोलेशन केंद्रों पर औषधियों का निःशुल्क वितरण किया जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गिलोय घनवटी, तुलसी घनवटी, अश्वगंधा कैप्सूल, श्वसारी वटी तथा अणु तेल आदि सम्मिलित हैं। यह वायरस हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे श्वासगत व्याधियाँ तेजी से बढ़ती हैं। अनुसंधान से स्पष्ट है कि यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों तथा कम इम्यूनिटी पॉवर वाले व्यक्तियों पर ज्यादा प्रभाव डालता है, अतः इससे बचने या इसके प्रभाव को कम करने के लिए हमें अपनी इम्यूनिटी पॉवर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि पतंजलि की गुणवत्तायुक्त औषधियाँ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में भी आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा चूहों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है।
इसी कड़ी में पतंजलि ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सरोज नैथानी तथा उनके अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपस्थिति में जिला अस्पताल तथा हरिद्वार स्थित क्वारंटाइन व आइसोलेशन केंद्रों पर औषधियों का निःशुल्क वितरण किया जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गिलोय घनवटी, तुलसी घनवटी, अश्वगंधा कैप्सूल, श्वसारी वटी तथा अणु तेल आदि सम्मिलित हैं। यह वायरस हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे श्वासगत व्याधियाँ तेजी से बढ़ती हैं। अनुसंधान से स्पष्ट है कि यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों तथा कम इम्यूनिटी पॉवर वाले व्यक्तियों पर ज्यादा प्रभाव डालता है, अतः इससे बचने या इसके प्रभाव को कम करने के लिए हमें अपनी इम्यूनिटी पॉवर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि पतंजलि की गुणवत्तायुक्त औषधियाँ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं। पतंजलि अनुसंधान संस्थान में भी आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा चूहों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है।
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