देवस्थानम बोर्ड की वेबसाईट में 51मंदिरों की जानकारी मौजूद
देहरादून–-देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास सभागार में आयोजित उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की पहली बैठक में वेबसाईट https://badrinath kedarnath. gov.in को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के अनुरूप/ अधिगृहित किये जाने पर भी विचार विमर्श हुआ। ताकि तीर्थ यात्रियों को वेबसाइट के माध्यम से भी धामों की जानकारी प्राप्त हो सके। बैठक में कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा पर आये प्रभावों पर चर्चा हुई। महामारी पर नियंत्रण के बाद शीघ्र चार धाम यात्रा की उम्मीद जताई गयी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित देवस्थानम बोर्ड की बैठक में कहा गया कि सूचना-प्रौद्योगिकी एवं प्रचार-प्रसार के इस दौर में वेबसाईट के माध्यम से धार्मिक मान्यताओं/ परंपराओं के अनुरूप चारोंधामों के तीर्थ यात्रियों कों त्वरित जानकारी मिल सके। इसके लिए लिए उन्होंने देवस्थानम बोर्ड से जुड़े अधिकारियों एवं नेशनल इंफोरमेटिक सेंटर (निक) देहरादून को भी उचित दिशानिर्देश दिये।
वेबसाईट में देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ धाम,श्री गंगोत्री-यमुनोत्री एवं अधीनस्थ मंदिरों, पंच बदरी-पंच केदार, पंच-प्रयाग सहित श्री गंगोत्री एवं श्री यमुनोत्री धाम के बावत जानकारी उपलब्ध की जायेगी।उत्तराखंड के चार धामों के लिए मानचित्र के अनुसार तीर्थ स्थलों की स्थिति एवं पहुंच मार्ग, महत्व, जानकारी, आवास आदि सुविधाएं, पूजा परंपरा की भी जानकारी वेबसाइईट में सम्मलित होगी। पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वेबसाइट के देवस्थानम बोर्ड के अनुरूप अपडेट होने तक वर्तमान प्रचलित वेबसाईट में सभी जानकारियां आन लाईन प्राप्त की जा सकती है। बदरी-केदार की आन लाईन पूजायें बुक करवायी सकती हैं तथा आनलाईन डोनेशन भी भेज सकते हैं।वेबसाईट में विभिन्न मंदिरों की पूजाओं के विवरण के अलावा धर्मशालाओं, विश्राम गृहों एवं कार्यालयों, संस्कृत स्कूलों, फार्मेसी आदि का विवरण उपलब्ध है।पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर कहाकि देवस्थानम की वेबसाईट अपडेशन से तीर्थ यात्रियों को बेहतर जानकारी एवं सुविधाएं मिलेगी।यह प्राथमिकता का विषय है। पहले से ही आनलाईन डोनेशन देनेवाले दानीदाताओं को कर मुक्ति प्रमाणपत्र 80 - जी दिया जाता रहा है । 2019 में निक के सहयोग से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में आनलाईन पूजा के लिए साफ्टवेयर तैयार हो चुका हैं। जोकि सफलता पूर्वक कार्य कर रहा है।वित्तसचिव सौजन्या देवस्थानम् बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ शामिल हुये।वेबसाइट www.badarikedar.org को राजीव नौटियाल एवं अमरीकी अप्रवासी भारतीय पंकज कुमार ने निशुल्क तैयार किया ।अब श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड में विलय हो चुका है अत: वेबसाईट, फेस बुक सहित सोशियल मीडिया का चारधाम के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड द्वारा अपडेशन का कार्य शुरू हो रहा है। इसके लिए आयुक्त,देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ के द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं।इस संदर्भ में देवस्थानम बोर्ड के एक्ट में वर्णित 51 मंदिरों के संबंध में जानकारियां जुटाई गयी हैं। मंदिर समिति ( वर्तमान में देवस्थानम बोर्ड) कर्मचारियों द्वारा पांच लाख रुपये की धनराशि कोरोना बचाव हेतु मुख्य मंत्री कोष में में दी है। मंदिरों के संरक्षण हेतु संग्रहालय बनाये जाने उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों के प्रचार-प्रसार, धार्मिक यात्राओं के संचालन हेतु अंतर्विभागीय समन्वयन समिति बनाये जाने, मंदिर परिसंपत्तियों का अधिग्रहण, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारियों के समायोजन, चारधाम निधि हेतु 10 करोड़ की स्वीकृति, हक हकूकधारियों के हितों को यथावत की सुरक्षित रखने पर चर्चा बिंदु बोर्ड बैठक में शामिल किये गये।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित देवस्थानम बोर्ड की बैठक में कहा गया कि सूचना-प्रौद्योगिकी एवं प्रचार-प्रसार के इस दौर में वेबसाईट के माध्यम से धार्मिक मान्यताओं/ परंपराओं के अनुरूप चारोंधामों के तीर्थ यात्रियों कों त्वरित जानकारी मिल सके। इसके लिए लिए उन्होंने देवस्थानम बोर्ड से जुड़े अधिकारियों एवं नेशनल इंफोरमेटिक सेंटर (निक) देहरादून को भी उचित दिशानिर्देश दिये।
वेबसाईट में देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ धाम,श्री गंगोत्री-यमुनोत्री एवं अधीनस्थ मंदिरों, पंच बदरी-पंच केदार, पंच-प्रयाग सहित श्री गंगोत्री एवं श्री यमुनोत्री धाम के बावत जानकारी उपलब्ध की जायेगी।उत्तराखंड के चार धामों के लिए मानचित्र के अनुसार तीर्थ स्थलों की स्थिति एवं पहुंच मार्ग, महत्व, जानकारी, आवास आदि सुविधाएं, पूजा परंपरा की भी जानकारी वेबसाइईट में सम्मलित होगी। पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वेबसाइट के देवस्थानम बोर्ड के अनुरूप अपडेट होने तक वर्तमान प्रचलित वेबसाईट में सभी जानकारियां आन लाईन प्राप्त की जा सकती है। बदरी-केदार की आन लाईन पूजायें बुक करवायी सकती हैं तथा आनलाईन डोनेशन भी भेज सकते हैं।वेबसाईट में विभिन्न मंदिरों की पूजाओं के विवरण के अलावा धर्मशालाओं, विश्राम गृहों एवं कार्यालयों, संस्कृत स्कूलों, फार्मेसी आदि का विवरण उपलब्ध है।पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर कहाकि देवस्थानम की वेबसाईट अपडेशन से तीर्थ यात्रियों को बेहतर जानकारी एवं सुविधाएं मिलेगी।यह प्राथमिकता का विषय है। पहले से ही आनलाईन डोनेशन देनेवाले दानीदाताओं को कर मुक्ति प्रमाणपत्र 80 - जी दिया जाता रहा है । 2019 में निक के सहयोग से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में आनलाईन पूजा के लिए साफ्टवेयर तैयार हो चुका हैं। जोकि सफलता पूर्वक कार्य कर रहा है।वित्तसचिव सौजन्या देवस्थानम् बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ शामिल हुये।वेबसाइट www.badarikedar.org को राजीव नौटियाल एवं अमरीकी अप्रवासी भारतीय पंकज कुमार ने निशुल्क तैयार किया ।अब श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड में विलय हो चुका है अत: वेबसाईट, फेस बुक सहित सोशियल मीडिया का चारधाम के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड द्वारा अपडेशन का कार्य शुरू हो रहा है। इसके लिए आयुक्त,देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ के द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं।इस संदर्भ में देवस्थानम बोर्ड के एक्ट में वर्णित 51 मंदिरों के संबंध में जानकारियां जुटाई गयी हैं। मंदिर समिति ( वर्तमान में देवस्थानम बोर्ड) कर्मचारियों द्वारा पांच लाख रुपये की धनराशि कोरोना बचाव हेतु मुख्य मंत्री कोष में में दी है। मंदिरों के संरक्षण हेतु संग्रहालय बनाये जाने उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों के प्रचार-प्रसार, धार्मिक यात्राओं के संचालन हेतु अंतर्विभागीय समन्वयन समिति बनाये जाने, मंदिर परिसंपत्तियों का अधिग्रहण, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारियों के समायोजन, चारधाम निधि हेतु 10 करोड़ की स्वीकृति, हक हकूकधारियों के हितों को यथावत की सुरक्षित रखने पर चर्चा बिंदु बोर्ड बैठक में शामिल किये गये।
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