सरकारी कार्यालयों में एलईडी बल्बों का उपयोग किया जाय- सी एम
देहरादून –प्रदेश में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। उत्पादों की ब्रांडिंग व पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय। स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर ध्यान दिया जाय। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में एल.ईडी. ग्राम लाईट प्रशिक्षण व उत्पादन कार्यक्रम की बैठक के दौरान कही।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एल.ई.डी ग्राम लाईट प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रत्येक जनपद व ब्लॉक लेबल पर किये जाय। प्रारम्भिक चरण में 50 ब्लॉकों से एलईडी ग्राम लाईट प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को एलईडी के उपकरणों को बनाने के लिए जो रॉ मैटीरियल उपलब्ध कराया जा रहा है, वह उच्च क्वालिटी का हो। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय। स्वयं सहायता समूहों द्वारा जो एलईडी उपकरण बनाये जा रहे हैं, इसकी अच्छी मार्केंटिंग कैसे हो इसके लिए योजना बनाई जाय। जिससे स्वयं सहायता समूहों को उनकी मेहनत का अच्छा प्रतिफल मिल सके।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में एलईडी के बल्बों का उपयोग किया जाय। इसके अलावा राष्ट्रीय पर्वों व राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यालयों को एलईडी बल्बों का उपयोग किया जाय। स्वयं सहायता समूहों को एलईडी उपकरणों को बनाने के लिए प्रशिक्षण व इसका प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति बनाई जाय। समिति में परियोजना अधिकारी उरेडा, जिला सेवायोजन अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य होंगे। एलईडी ग्राम लाईट के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को एलईडी झूमर, झालर, एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाईट, सोलर इमरजेन्सी लाईट आदि उपकरण बनाये जा रहे हैं। इसके प्रथम चरण में पायलेट बेस पर देहरादून के थानो व नैनीताल के कोटाबाग में प्रशिक्षण दिया गया।बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव रणजीत सिन्हा, जिलाधिकारी पौड़ी, धीराज सिंह गर्ब्याल, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, राम विलास यादव, सीडीओ देहरादून जी.एस. रावत, सीडीओ नैनीताल विनीत कुमार, निदेशक आईसीडीएस झरना कामठान, मुख्य परियोजना निदेशक उरेडा ए.के. त्यागी आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में एलईडी के बल्बों का उपयोग किया जाय। इसके अलावा राष्ट्रीय पर्वों व राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यालयों को एलईडी बल्बों का उपयोग किया जाय। स्वयं सहायता समूहों को एलईडी उपकरणों को बनाने के लिए प्रशिक्षण व इसका प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति बनाई जाय। समिति में परियोजना अधिकारी उरेडा, जिला सेवायोजन अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य होंगे। एलईडी ग्राम लाईट के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को एलईडी झूमर, झालर, एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाईट, सोलर इमरजेन्सी लाईट आदि उपकरण बनाये जा रहे हैं। इसके प्रथम चरण में पायलेट बेस पर देहरादून के थानो व नैनीताल के कोटाबाग में प्रशिक्षण दिया गया।बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव रणजीत सिन्हा, जिलाधिकारी पौड़ी, धीराज सिंह गर्ब्याल, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, राम विलास यादव, सीडीओ देहरादून जी.एस. रावत, सीडीओ नैनीताल विनीत कुमार, निदेशक आईसीडीएस झरना कामठान, मुख्य परियोजना निदेशक उरेडा ए.के. त्यागी आदि उपस्थित थे।
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