इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया टनल का लोकापर्ण
देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-72 ए में मां डाट काली मंदिर के समीप 2 लेन इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया टनल का विधिवत लोकापर्ण किया। भारत रत्न इंजीनियर एम0 विश्वेश्वरैया टनल की लम्बाई 340 मीटर (5 मीटर दोनो ओर पोर्टल सहित), ऊंचाई 5.50 मीटर, टनल के केरिज वे की चैड़ाई 7.50 मीटर, टनल का फुटपाथ दोनों ओर 1.50 मीटर चैड़े है। टनल से देहरादून की ओर पहुॅंच मार्ग 255 मीटर व सहारनपुर की ओर पहुॅंच मार्ग 205 मीटर है। टनल का निर्माण कार्य निर्धारित समय से 08 माह पूर्व पूर्ण हो गया है। टनल निर्माण लागत में 9 करोड़ रूपये की बचत हुई है। टनल निर्माण की स्वीकृत लागत 71.93 करोड़ रूपये थी तथा मूल अनुबन्ध 56.01 करोड़ रूपये का था।इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि
भारत रत्न इंजीनियर एम0 विश्वेश्वरैया टनल हमारे प्रतिभावान व परिश्रमी इंजीनियरों को समर्पित हैं। टनल का निर्माण कार्य निर्धारित समय से 08 माह पूर्व पूर्ण करने व टनल निर्माण लागत में 9 करोड़ की बचत के लिए कार्यदायी संस्था बधाई व प्रंशसा की पात्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही टनल के प्रवेश द्वारों पर देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक दिखाने व सौन्दर्यीकरण के लिए भी कार्य किया जाए। इन्हें पर्यटकों के लिए सेल्फी पाॅइन्ट के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने डाट काली मन्दिर की पुरानी टनल के जीर्णाेद्धार की बात कही। राज्य सरकार द्वारा सड़कों के सुधारीकरण व सुगम बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इससे आम जन व पर्यटकों को सुविधा होगी। इस वर्ष राज्य में रिकार्ड पर्यटक आए। राज्य सरकार के खनन राजस्व में वृद्धि 400 करोड़ रूपये से बढ़कर 800 करोड़ रूपये हो गई है। वन विकास निगम से भी 100 करोड़ रूपये की आय होने की संभावना है। इस प्रकार हम राजस्व घाटा पूरा करने व प्रगति की ओर बढ़ने की ओर अग्रसर है।
2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य अपनी रजत जयन्ती मना रहा होगा तो , राज्य आन्दोलनकारियों के सपनो के अनुरूप एक उन्नत व समृृद्ध राज्य होगा। हम भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रहे है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध इस लड़ाई में जनता, जनप्रतिनिधि, मंत्री, सहयोगी व नौकरशाही हमारे साथ है। इस संघर्ष में हमको सबका सहयोग मिल रहा है।इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, भरत सिंह चौधरी, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, मुख्य अभियन्ता हरि ओम शर्मा, प्रमुख अभियन्ता आर सी पुरोहित,
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