फायर विभाग को मिला हाइड्रोलिक सिस्टम वाहन

देहरादून- उत्तराखण्ड सरकार द्वारा क्रय किये गये इस उपकरण में 30 मीटर तक ऊॅचाई की एक सीढी है, जो कि हाइड्रोलिक तकनीक पर कार्य करती है। इसकी प्रभावी ऊॅचाई 32.8 मीटर है, जो इतनी ऊॅचाई के भवनों तक आसानी से अग्नि शमन कार्य कर सकता है या राहत व बचाव कार्य कर सकता है। लगभग 25 टन भार का यह वाहन धरातल से 06 मीटर गहराई मे भी कार्य कर सकता है। इसका प्लेटफार्म केज 400 क्रिग्रा0 भार सहन कर सकता है अर्थात यह 05 वयस्क व्यक्तियों को 32 मीटर की ऊॅचाई तक ले जाने में सक्षम है। साथ ही 32 मीटर ऊॅचाई पर व्यक्ति सुरक्षित रहे, इसके लिए भी इसमें प्राविधान किये गये हैं।यह वाहन पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत साफ्टवेयर पर आधारित है एवं इसमें सभी सुरक्षात्मक उपायों को अपनाया गया है। हाइड्रोलिक सिस्टम वाहन के इंजन से शक्ति प्राप्त करता है एवं वाहन के बूम को 90 सेकेण्ड में पूर्णतः खोल सकता है। यदि स्थान की कमी के कारण वाहन के आउटट्रिगर पूर्णतः नहीं खुल पाते है, तो वाहन में लगा कम्प्यूटर सिस्टम वाहन की बढ सकने वाली अधिकतम ऊॅचाई को दर्शाता है। वाहन के आउटट्रिगर चालक के अनुसार कार्य करते हैं। वाहन चालक को वाहन का
तिरछापन कोण में बता सकता है। अतः ऊॅचाई-नीचे स्थान पर वाहन स्वयं को संतुलित कर लेता है। मल्टीपल लेबल सेफ्टी के अनुसार वाहन अधिक यदि 32 मीटर की ऊॅचाई पर वाहन का हाइड्रोलिक सिस्टम कार्य नहीं करता है तो बैट्री से इसे चलाया जा सकता है। बैट्री भी किसी कारण कार्य करने में सक्षम न हो तो इसमें एक अलग से पेट्रोल इंजन का प्राविधान भी किया गया है। पेट्रोल इंजन के भी न चलने की दशा में वाहन के ब्लीड डाउन सिस्टम से पूरी तरह एक्सटेंन्डेड बूम में नीचे लाया जा सकता है। साथ ही सभी सिस्टम फेल होने की दशा में इसे मैकेनिकली भी नीचे लाया जा सकता है।
 32 मीटर ऊॅचांई पर अग्निशमन एवं जीव रक्षा कार्य कर रहे अग्निशमन कर्मी को यह वाहन अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। प्लेटफार्म को एकदम रोकने पर वाहन को सिस्टम ओवरराइड कर देता है, जिससे प्लेटफार्म की गति धीरे-धीरे रूकती है एवं झटके नहीं लेती है। किसी भी ठोस धरातल के टकराने की स्थिति में वाहन में लगा सेंसर आपरेटर को अलार्म दे देता है। वाहन के केज में ही 3000 ली0 ब्रीदेबल हवा का प्राविधान किया गया है एवं 04 एयरमास्क दिये गये हैं जिससे धुंए एवं जहरीले वातावरण में भी अग्निशमन कर्मी कार्य कर सकता है, साथ ही घायल व्यक्ति को भी सांस दी जा सकती है। 32 मीटर की ऊॅचाई पर भी हाइड्रोलिक कटर, स्पे्रडर, सर्कुलर शाँ जैसे हाइड्रोलिक उपकरणों को चलाया जा सकता है जो पावर, वाहन के हाइड्रोलिक सिस्टम से ही लेगा। इस हेतु भी हाइड्रोलिक पावर आउटलेट दिया गया है। केज से एक ही अग्निशमन कर्मी फुहार एवं जेट के रूप में पानी का प्रयोग कर सकता है। 32 मीटर ऊॅचाई पर अग्निशमन एवं बचाव कर्मी, वाहन में बैठे अन्य आपरेटर से बिना रेडियो वाकी-टाकी के बात कर सकता है।यह एक विश्वस्तरीय बेहतर तकनीकी का बहुउपयोगी वाहन है, जो कि अग्निशमन एवं आपात सेवा के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

Comments

Popular posts from this blog

गुमखाल में कार खाई में गिरी तीन की मौत

बद्रीनाथ दर्शन कर लौटे रहे श्रद्धालु की कार खाई में गिरी दो घायल

गोचर में खाई में गिरने से हुई बुजुर्ग की मौत