रिस्पना पुल तथा आसपास बिजली के झूलते तारों की शिकायत

देहरादून --मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में समाधान पोर्टल तथा जनशिकायतों हेतु निर्धारित 1905 नम्बर पर प्राप्त शिकायतों के निवारण की समीक्षा की।मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत अब प्रत्येक माह के अंतिम बुधवार को समाधान पोर्टल तथा 1905 नम्बर पर प्राप्त शिकायतों और उनके निवारण की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों और जिलाधिकारियों को समाधान पोर्टल की नियमित समीक्षा तथा शिकायतों के त्वरित निवारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने विशेष रूप से जिलाधिकारियों को जनपदों में शिकायतों के प्रभावी निस्तारण पर ध्यान देने को कहा। समीक्षा के दौरान पिछली समीक्षा बैठक के 05 लंबित प्रकरणों की स्थिति भी देखी गई। बताया गया कि सभी प्रकरण निस्तारित हो गये है तथा शिकायतकर्ताओं ने संतुष्टि व्यक्त की है। आज की बैठक में डी0एम0 स्तर पर चमोली, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर,
हरिद्वार, देहरादून, पौडी गढ़वाल के कुल 16 प्रकरणों पर शिकायतकर्ताओं से सीधे बात की गई। इसके साथ ही निदेशालय स्तर की 04 शिकायतें और सचिव स्तर की 09 शिकायतों की समीक्षा की गई।सचिव, समाज कल्याण को कारण बताओ नोटिस। पोर्टल पर आटो एस्केलेशन व्यवस्था लागू करने के निर्देश।बैठक में समाज कल्याण और जनजाति कल्याण के कुल तीन प्रकरण थे परन्तु इन विभागों का कोई अधिकारी उपस्थित नही था। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने सम्बन्धित सचिवों का स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिये।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक और आपदा प्रबन्धन विभाग को भी आड़े हाथों लिया जिन्होंने आज की बैठक के ठीक एक दिन पूर्व शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर कार्यवाही प्रारंभ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से शिकायतों को देखें। उन्होंने समाधान पोर्टल पर ‘आॅटो एस्केलेशन’ भी लागू करने का निर्देश दिया, जिससे एक तय समय सीमा में निस्तारण न होने पर शिकायत सीधे अगले उच्चाधिकारी के पास पहुंच जाय।बैठक में शिकायतकर्ता ने बताया कि वन विभाग मंगलौर और रूड़की के कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मिलीभगत से मंगलौर से देवबंद रोड के किनारे ग्राम उदलहेडी के सोलर प्लांट तक शाखा तराशने(लाॅपिंग, छटांई) के नाम पर अवैध तरीके से पूर्व स्वीकृत 44 के स्थान पर 106 पेड़ों की कटान और छटांई हुई है। हरिद्वार डी0एफ0ओ0 ने वीडियों कांफ्रेंसिंग में बताया कि उक्त प्रकरण में रेन्ज आॅफिसर, फारेस्टर तथा फारेस्टगार्ड की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके वेतन से 43 हजार 500 रूपये की वसूली का आदेश दिया गया है तथा विभागीय कार्यवाही करते हुए उनका स्थानांतरण भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सचिव सुराज एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन को एफआईआर करवाने और आवश्यकता पडने पर विजिलेंस जांच कराने के निर्देश दिये।देहरादून के  कदम सिंह हटवाल ने राजस्व अभिलेखों मे नाम गलत दर्ज होने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिकायतकर्ता को सुना तथा डी.एम. देहरादून को पटवारी की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिये। सी.एम. ने कहा कि यदि पटवारी दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकांश शिकायतकर्ताओं से सीधे बात की। जिन शिकायतकर्ताओं से मुख्यमंत्री की बात नही हो पाई उन प्रकरणों में डी.एम. को निर्देश दिये गये कि वे स्वयं बात कर विभागीय कार्यवाही को क्राॅसचेक करें। हरिद्वार से  दिनेश कुमार ने अपने गांव के खेल के मैदान में अवैध भवन की शिकायत की थी। डी.एम. ने बताया कि शिकायत का समाधान हो गया है। जब सी.एम. ने शिकायतकर्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि पटवारी ने ठीक से पैमाइश नहीं की है। इसको गंभीरता से लेते हुए सीएम ने डीएम को एसडीएम स्तर से खेल मैदान की पुनः पैमाइश कराने के निर्देश दिये।एक प्रकरण में शिकायतकर्ता ने देहरादून में रिस्पना पुल तथा आसपास बिजली के झूलते तारों की शिकायत की थी। सचिव ऊर्जा  राधिका झा ने बताया कि अनुरक्षण कार्यों के अन्र्तगत अगले तीन माह में पूरे प्रदेश में यह समस्या दूर करा दी जायगी। जगतपुरा, रूद्रपुर(उधमसिंहनगर) में डेढ़ बीघा पुलिस चौकी की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये गये। उधमसिंहनगर के ही देवेन्द्र कुमार की शिकायत पर एडीबी को भावना काॅलोनी में 31 मार्च तक नालियाँ बनाने के निर्देश दिये गये।ग्राम कसाड़ी, जनपद पिथौरागढ़ के  नवल किशोर को वर्ष 2014 से दैवीय आपदा का मुआवजा न मिलने की शिकायत पर सीएम ने डीएम से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की। शिकायत सही पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने को भी कहा। 


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