मानवीय त्रुटि के कारण कांग्रेस ध्वज उल्टा फहराया

देहरादून-उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस पार्टी के 133वें स्थापना दिवस  के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, कांग्रेस भवन में कार्यक्रम का आयोजन कर पार्टी स्थापना दिवस मनाया गया।वही जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष  प्रीतम सिंह द्वारा पार्टी ध्वजारोहण किया गया तो झंडा उल्टा लगा हुआ था , जिसके कारण कांग्रेस के नेताओं को काफी शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ा। और झंडारोहण उल्टा होने पर मानवीय त्रुटि बताकर बात टाल दी।वहीकांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं व कांग्रेसजनों द्वारा वन्दे मातरम् व राष्ट्रीय गान गाया गया। इस अवसर पर कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कांग्रेस स्थापना दिवस पर सभी कांग्रेसजनों को बधाई देते
 हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी सबसे पुरानी लोकतांत्रिक पार्टी है। आजादी के आन्दोलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सबसे बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी में सबसे अग्रणी भूमिका निभाई थी। भारत के स्वर्णिम इतिहास के पन्नों में 28 दिसम्बर, 1885 का दिन भारत की महान जनता के दिलो-दिमाग पर अमिट स्मृति और  आत्मविश्वास को जगाने वाला यादगार दिन है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कर रहे ए.ओ. डब्लू ह्रयूम, एनी बेसेन्ट, बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृश्ण गोखले, राना डे आदि उपस्थित भारत के अन्य नेताओं ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि जिस संस्था का भारत की जनता के उत्पीड़न के विरोध तथा मानवीय अधिकारों और राज सत्ता में सुनवाई के हक की लड़ाई के लिए गठित किया जाने वाला यह संगठन एक दिन भारत की जनता को एकसूत्र में बांध कर उनमें  आत्मविश्वास, राष्ट्रीयता बोध, सांस्कृतिक चेतना और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष  का जज्बा पैदा कर देश के नव निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभायेगा। प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास बलिदान का रहा है। देश की आजादी से लेकर आज तक उसने हमेंशा देश की एकता, अखण्डता व सम्प्रभुता के लिए अनेकों बलिदान दिये हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी  एवं राहुल गांधी  ने कांग्रेस के इसी स्वर्णिम इतिहास और नीतियेां को आगे बढ़ाने का काम किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समाज के सभी सम्प्रदायों को सद्भाव प्रदान करने वाली पार्टी के रूप में जानी जाती है। आज कांग्रेसजन एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि आपने विचार किया होगा कि जब हमारे विपक्ष के लोग ’’कांग्रेस  मुक्त भारत‘‘ का आह्नवान करते हैं तो निश्चित  रूप से आपके हृदय में यह बात एक तीर की तरह चुभती होगी, ऐसा मेरा मानना है, उनकी इस हिटलरी मानसिकता को भी आप भलीभांति समझते होंगे
क्योंकि हिटलर ने भी जर्मनी में ठीक इसी तरह से यहूदियों से मुक्त करने का आह्नवान किया था, यहां तक कि उन्हें गैस चेम्बरों में डालकर मौत के घाट उतार दिया था। एक विचारधारा की हत्या करने का आह्नवान ठीक उसी मानसिकता का परिचायक है। आप कांग्रेस विचारधारा के पोशक एवं संवाहक हैं, तो क्या आपके और हमारे लिए इस देश में रहने का हमारा मौलिक अधिकार वे समाप्त करना चाहते हैं, इस पर आप कांग्रेस के रक्षक होने के नाते इस मानसिकता के खिलाफ समय की आवष्यकता को देखते हुए हमें तन-मन-धन से खड़ा होना है। प्रीतम सिंह ने कांग्रेस के इतिहास पर प्रकाेष्ट डालते हुए कहा कि 132 साला इस सफर में देश के प्रतिभावान, विद्धान और हित चिन्तक जिनमें डब्लू. सी बैनर्जी, दादा भाई नैरोजी, फिरोज शाह मेहता, बाल गंगाधर तिलक, पं0 मदन मोहन मालवीय, हकीम अजमल खान, चितरंजन दास, लाला लाजपतराय, मौलाना अबुल कलाम आजाद, गोपाल कृश्ण गोखले, महात्मा गांधी, रविन्द्र नाथ टैगोर, पं0 जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, विरसा मुण्डा, सी. राजगोपालाचारी, खान अब्दुल गफ्फार खां, गोपीनाथ बारदोलई, डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद, सुभाश चन्द्र बोस, वीर टिकेन्द्र जीत सिंह, रानी गायदलू, सरदार भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर, सरोजनी नायडू, के0 कामराज, लालबहादुर शास्त्री, इन्दिरा गांधी, अरूणा आसफअली, राजीव गांधी सरीखी महान विभूतियाें ने राष्ट्री के जनमानस को गहराई तक प्रभावित किया।

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