भाजपा सरकार द्वारा राज्यभर में कांग्रेस कार्यकर्ताआें के उत्पीड़न के विरोध में धरना

देहरादून-उत्तराखण्ड की जन विरोधी भाजपा सरकार द्वारा राज्यभर में कांग्रेस कार्यकर्ताआें के लगातार किये जा रहे उत्पीड़न के विरोध में कांग्रेस विधानमण्डल दल द्वारा गांधी पार्क देहरादून में एक दिवसीय धरना दिया। कांग्रेस विधानमण्डल दल के सभी विधायकगणों, पूर्व विधायकों, विधानसभा चुनाव 2017 के प्रत्याशियों सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने किया।  धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  प्रीतम सिंह ने कहा कि जब से राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार सत्तारूढ़ हुई है तब से विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं का अकारण लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई संस्थाओं के प्रतिनिधियों को लगातार षड़यंत्र के तहत पदच्युत करने की साजिश की जा रही है। कांग्रेस के बहुमत वाली सहकारी संस्थाओं, जिला पंचायतों, विकासखण्ड प्रमुखों के खिलाफ साजिश के तहत डरा धमका कर अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटाने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा सरकार द्वारा सत्ता के मद में चूर होकर धारचूला से लेकर मोरी तक के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमें दर्ज कर राजनैतिक बदले की भावना से कार्य किया जा रहा है। प्रीतम सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का न तो लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास है और न ही लोकतंत्र में। उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की बजाय अलोकतांत्रिक एवं अमर्यादित रवैया अपना कर लोकतंत्र को शर्मशार करने का काम कर रही है। उत्तराखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायतों में निर्वाचित सदस्यों के अधिकारों पर प्रहार कर लोकतंत्र की पहली सीढ़ी को कमजोर करने का प्रयास कर रही है जिसकी कड़े शब्दों में निन्दा की जानी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी  ने संविधान के 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतों को जो शक्ति दी थी वर्तमान सरकार पंचायतों के इन अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा उत्तराखण्ड में धन बल एवं बाहुबल का प्रयोग कर लोकतंत्र की हत्या करने तथा देवभूमि की गरिमा को कलंकित करने का काम लगातार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से राजनितिक षड़यन्त्र के तहत फर्जी मुकदमें दर्ज कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। राज्य सरकार के इशारे पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अलोकतांत्रिक तरीके से मुकदमें दर्ज किये जा रहे हैं, जो निन्दनीय है, जिसकी जितनी भी भर्तसना की जाय कम है।  उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर लोकतंत्र के सभी मानकों एवं मापदण्डों पर कुठाराघात करते हुए अलोकतांत्रिकता का अपना घिनौना चेहरा सबके सामने लाते हुए कांग्रेस पार्टी शासित पंचायतों को जनता की आवाज उठाने से रोकने के लिए उनके विरूद्ध झूठे मुकदमें दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित एवं अपमानित किया जा रहा है परन्तु कांग्रेस पार्टी भारतीय लोकतंत्र एवं न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास रखती है तथा उसका सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय जनता पार्टी की प्रचण्ड बहुमत वाली सरकार ने उत्तराखण्ड की जनता के विश्वास पर चोट करते हुए विगत 6 महीनों में अनेक जन विरोधी निर्णय लिये हंै। कांग्रेस पार्टी भाजपा के इन जन विरोधी निर्णयों एवं विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की निन्दा करते हुए सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ती रहेगी। नेता प्रतिपक्ष डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश ने राज्य सरकार के कार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का सदैव लोकतंत्र एवं लोकशाही में गहरा विश्वास रहा है। कांग्रेस पार्टी एवं उसके नेता न्यायपालिका का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार बढ़ती मंहगाई, भ्रष्टाचार तथा केन्द्र सरकार की विफलताओं को छिपाने तथा अपने मुख्यमंत्रियों तथा मंत्रियों के भ्रष्टाचार को दबाने के लिए विपक्षी दल के नेताओं के साथ जिस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है वह राज्य सरकार के तानाशाही रवैये को उजागर करती है। भारतीय जनता पार्टी विशेषकर मुख्यमंत्री को अपने इस कृत्य के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से माफी मांगनी चाहिए तथा उनके विरूद्ध लगाये गये झूठे मुकदमों को वापस लिया जाना चाहिए। भाजपा के इस षड़यंत्र का कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट होकर डटकर मुकाबला करेंगे तथा भारतीय जनता पार्टी की जन विरोधी नीतियों केा जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे। डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय संविधान एवं संवैधानिक संस्थाओं में पूर्ण विश्वास रखती है, परन्तु जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी द्वारा देश में दो संविधान ‘‘एक अपने मंत्रियों तथा मुख्यमंत्रियों के लिए तथा दूसरा विपक्षी दलों के नेताओं के लिए’’ लागू करने की नीति पर काम किया जा रहा है वह स्वस्थ लोकतंत्र की परम्परा के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है। यह भारतीय जनता पार्टी के फासीवादी एवं तानाशाही चरित्र का द्योतक है, जिसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल सहन नहीं करेगा। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार के इशारे पर की जा रही इस प्रकार की कार्रवाई की निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालतों तक में भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के उपरान्त भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है वहीं विपक्षी दल के नेताओं के विरूद्ध झूठे मुकदमें दर्ज कर उनके राजनैतिक चरित्र हनन की कार्रवाई की जा रही है, जिसे कांग्रेस का कार्यकर्ता सहन नहीं करेगा। सत्ता प्राप्ति के लिए

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