फर्जी इन्कम टैक्स का ज्वाइंट कमिश्नर बन सरकारी अधिकारियों से करते थे धोखाधड़ी
देहरादून – राजस्व उपनिरीक्षक डिम्पल तहसील विकासनगर ने 13 जुलाई 23 को थाना विकासनगर पर आकर लिखित तहरीर दी गई कि, उन्हें उप जिलाधिकारी विकासनगर शाहपुर कल्याणपुर में एक भूमि की जांच करने को आदेशित किया गया था, उप जिलाधिकारी विकासनगर ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर एक अन्य मोबाइल नंबर से कॉल आयी जिसमें कालर ने स्वंय को ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स देहरादून बताते हुए अपना नाम कमल सिंह बताया तथा हाजी इकबाल की शाहपुर कल्याणपुर स्थित भूमि के संबंध में
उनके यहां जांच प्रचलित होने के सम्बन्ध में बताते हुए छापेमारी की कार्यवाही के लिये इनकम टैक्स विभाग को भूमि से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी मांगी गयी तथा उनके द्वारा इनकम टैक्स ऑफिसर गुलशन कुमार के नाम से एक मोबाइल नंबर देते हुए उन्हें जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया। जिसके बाद वे उप जिलाधिकारी विकासनगर के आदेश पर मौके पर गई तथा गांव के व्यक्तियों से उक्त भूमि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर उक्त जानकारी से दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क कर अवगत कराया गया, उक्त व्यक्ति द्वारा खुद का परिचय इनकम टैक्स ऑफिसर गुलशन कुमार के रूप में दिया गया तथा उसके द्वारा उप जिलाधिकारी विकासनगर से सम्पर्क कर उक्त भूमि की खतौनी उपलब्ध कराने को कहा गया। जिस पर उप जिलाधिकारी विकासनगर द्वारा तहसील विकासनगर से खतौनी की हार्ड कॉपी उन्हें उपलब्ध कराई गई,
इसके पश्चात उनके द्वारा रजिस्ट्ररी उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी विकासनगर को बताया गया। जिस पर उप जिलाधिकारी विकासनगर द्वारा उन्हें रजिस्ट्री की मूल प्रति सब रजिस्ट्रार कार्यालय विकासनगर से प्राप्त करने के सम्बन्ध मंे अवगत कराया गया। इसके पश्चात जब उप जिलाधिकारी विकासनगर द्वारा उक्त व्यक्ति से फोन पर सम्पर्क किया गया तो उक्त व्यक्ति की बाते उन्हे कुछ संदिग्ध प्रतीत हुई। जिस पर उनके द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराते हुए आयकर कार्यालय देहरादून से कमल सिंह जॉइंट कमिश्नर तथा गुलशन कुमार इनकम टैक्स ऑफिसर के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई, जिस पर आयकर कार्यालय द्वारा अवगत कराया कि इस नाम व पदनाम के कोई अधिकारी व कर्मचारी उनके कार्यालय में नहीं हैं। जिससे स्पष्ट है कि उक्त व्यक्तियों द्वारा सरकारी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी की नियत से सरकारी दस्तावेजों का दुरुपयोग करने के लिये उन्हें प्राप्त किया गया।
एस0ओ0जी0 नगर एवं थाना विकासनगर की संयुक्त टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित करते हुए मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। जिस पर पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि गगन पुत्र अमनदीप जो जिला सहारनपुर का रहने वाला है उसके द्वारा लोगों की प्रापर्टी के फर्जी कागजात बनाकर तथा लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है, तकनीकी सहायता एवं मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम द्वारा आरोपी गगन पुत्र अमनदीप को धर्मावाला चौक के पास विकासनगर से इको स्पोर्ट्स कार वाहन संख्या - यू0के0-07-डीडब्ल्यू-1583 के साथ गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अभियुक्त गगन द्वारा धोखाधड़ी का कार्य मैं अपने सहयोगी मुंतज़िर पुत्र इकराम निवासी जुनारदा थाना कोतवाली देहात जिला सहारनपुर का नाम बताया गया जिसे पुलिस टीम द्वारा तकनीकी सहायता से तुरंत हरबर्टपुर विकासनगर से गिरफ्तार किया गया । अभियुक्तों की तलाशी लेने पर उनके पास से भारत सरकार के फर्जी आईडी कार्ड व अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। गगनदीप कुमार पुत्र अमनदीप निवासी- बरसी पो0ओ0टिकरोल थाना तीतरो जिला सहारनपुर उ0प्र0,मुंतज़िर पुत्र इकराम निवासी जुनारदा थाना कोतवाली देहात जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश।पूछताछ में अभियुक्त गगनदीप द्वारा बताया गया कि मैं मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला हूँ तथा जमीन की खरीद फरोख़त का काम करता हु । पिछले साल सितम्बर में मैं धोखाधडी के एक अभियोग में जिला सहारनपुर से जेल गया था, जहाँ मेरी मुलाक़ात हाजी इकबाल बाला के बेटे अफजाल और उसके मुंशी वसीम से हुई। वसीम ने मुझे बताया कि उसके चाचा के बेटेे जरीफ के नाम पर विकासनगर में 6 बीघा जमीन है, जो कि हाजी इकबाल बाला की है। जेल में ही मेरी मुलाक़ात महेश त्यागी से हुई, महेश त्यागी गैंग बनाकर फ़र्ज़ी तरीके से लोगों को ज़मीन दिखाकर टोकन के रूपये लेकर फरार हो जाता था, महेश त्यागी ने जेल में मेरी मुलाक़ात मुंतजीर से करवाई थी, जो अक्सर उससे मिलने जेल में आता था। जिसके बाद मुंतजीर और मेरी काफी मित्रता हो गयी थी। जेल से बाहर आने के बाद मैने मुन्तजिर के साथ मिलकर ज़रीफ़ के नाम पर उपरोक्त हाजी इकबाल बाला की 6 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से बेचने की योजना बनाई, जिसके लिए हमको तहसील से उक्त भूमि के सम्बन्ध में जानकारी करनी थी और मुंतजिर को खरीदने वाले व्यक्ति लाने थे। उक्त भूमि से संबंधित कागजात प्राप्त करने हेतु मेरे व मुंतजीर के द्वारा योजना के मुताबिक पहले देहरादून मे ज्वाइंट कमिश्नर इन्कम टैक्स के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तथा उसके पश्चात हमारे द्वारा ज्वाइंट कमिश्नर का फर्जी आई कार्ड बनाया गया । इसके बाद मुंतजीर, सचिन प्रधान नाम के एक व्यक्ति को उक्त जमीन के खरीददार के रूप में लाया तथा मुझे संयुक्त आयकर आयुक्त बताते हुए उससे मेरी मुलाकात कराई। हमारी उक्त जमीन के एवज में सचिन प्रधान ,भारत खारी, एवं सेठ पाल से टोकन के रुपये 50 लाख लेने के सम्बन्ध मंे बात हुई थी। उसके पश्चात मैने संयुक्त आयकर आयुक्त बनकर एसडीएम विकासनगर को फोन कर हाजी इक़बाल की शाहपुर की भूमि के सम्बंध में जांच प्रचिलत होने की बात कहते हुए भूमि सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा तथा मुंतजिर को फर्जी आयकर अधिकारी बनाकर उसका नम्बर एसडीएम विकासनगर को दिया। जिस पर एसडीएम विकासनगर द्वारा मुझे उक्त जमीन की प्रमाणित खाता खतौनी और रजिस्ट्री संबंधित अधिकारियों से दिलवाई गयी थी। उक्त जमीन की रजिस्ट्री मिलने के बाद मेरे द्वारा एक छाया प्रति मुंतजीर को दी गई थी, जिसके द्वारा उक्त जमीन के फर्जी कागजात तैयार किये जाने थे, मुझे गोपनीय रूप से जानकारी प्राप्त हुई थी कि तहसील विकासनगर द्वारा इस सम्बंध में थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया है में गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग रहा था की आपने पकड़ लिया।
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