जाको राखै सैंया, मार सके न कोय

 चमोली – कहते हैं जाको राखै सैंया, मार सके न कोय 38 साल की मंजु का घर ऋषिगंगा नदी से
बाढ़ का बवंडर इतना भीषण था कि नदी से दो सौ मीटर की ऊंचाई पर मौजूद मंजू का घर भी 

करीब 200 मीटर ऊपर पहाड़ पे था

  इस सैलाब में डूब गया 6  कमरों का घर ध्वस्त हो गया इनमे से एक कमरे में मंजू थी जो उस बवंडर के बीच दो घँटे तक मौत से दो दो हाथ करती रही बाद में लोगों ने घर की दीवार को तोड़कर मंजू को बाहर निकाला

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