सोनार सिस्टम से नदी के नीचे नाव की दिशा व स्थिति का पता चला
आंध्रप्रदेश- गोदावरी नदी में चल रहे एस डी आर एफ उत्तराखंड के सयुंक्त अभियान में टीम द्वारा घटना स्थल पर अपने साथ लाये गए अत्याधुनिक उपकरण सोनार सिस्टम के माध्य्म से गोदावरी नदी में डूबी हुई नाव व व्यक्तियों के शवों के खोजबीन का कार्य लगातार किया जा रहा हैं।
नदी के तेज बहाव व उस स्थान पर बनने वाले strong भंवरों (whirlpools) के कारण खोजबीन के कार्य में काफी दिक्कतें उत्पन्न हो रही थी। पर अपने अथक प्रयास के पश्चात सोनार सिस्टम के माध्य्म से प्राप्त नदी के नीचे नाव की छवि, दिशा व स्थिति का पता लगाया। इस बारे में वहाँ पर उपस्थित उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गयी। उनके द्वारा भी नाव की छवि की पहचान की गयी। उनके द्वारा नाव चलाने वालों से भी इस के बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा भी नाव होना बताया गया।वर्तमान समय में गोदावरी नदी की गहराई करीब 200 फ़ीट है। गोदावरी नदी में डूबी हुई नाव को experts द्वारा एंकर कर के उसको हिलाने या खींचने की कोशिश की जा रही है जिससे नाव में फंसे पर्यटकों के शव बाहर आ सके।
नदी के तेज बहाव व उस स्थान पर बनने वाले strong भंवरों (whirlpools) के कारण खोजबीन के कार्य में काफी दिक्कतें उत्पन्न हो रही थी। पर अपने अथक प्रयास के पश्चात सोनार सिस्टम के माध्य्म से प्राप्त नदी के नीचे नाव की छवि, दिशा व स्थिति का पता लगाया। इस बारे में वहाँ पर उपस्थित उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गयी। उनके द्वारा भी नाव की छवि की पहचान की गयी। उनके द्वारा नाव चलाने वालों से भी इस के बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा भी नाव होना बताया गया।वर्तमान समय में गोदावरी नदी की गहराई करीब 200 फ़ीट है। गोदावरी नदी में डूबी हुई नाव को experts द्वारा एंकर कर के उसको हिलाने या खींचने की कोशिश की जा रही है जिससे नाव में फंसे पर्यटकों के शव बाहर आ सके।
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