पीएमजीएसवाई में डीग्रेडेड फाॅरेस्ट भूमि का इस्तेमाल

देहरादून-मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना  की सड़कों के लिए डीग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड चिन्हित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि प्रत्यावर्तन के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण करें। पीएमजीएसवाई में डीग्रेडेड फाॅरेस्ट भूमि का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए इस कार्य के लिए सिविल या अन्य भूमि का चयन न किया जाय। जिस वन भूमि पर पेड़ों की कमी हो रही है, वहां पर वनीकरण का कार्य किया जाएगा।
मुख्य सचिव सचिवालय में पीएमजीएसवाई के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के कार्य में तेजी लाई जाय। बैठक में बताया गया कि 453 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पीएमजीएसवाई के अंतर्गत किया जाना है। इसके लिए 700 हेक्टेयर डीग्रेडेड वन भूमि की जरूरत है। गढ़वाल मंडल में 31 और कुमाऊं मंडल में 23 सड़कें स्वीकृत हुई हैं। कुल 54 सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव ऑनलाइन अपलोड करने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। बताया गया कि फारेस्ट क्लीयरेंस के लिए कुल 378 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 324 प्रस्ताव अपलोड कर दिए गए हैं। 147 प्रस्तावों पर सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल गई है। शेष प्रस्तावों पर कार्यवाही चल रही है।बैठक में सचिव ग्राम्य विकास डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव  राघव लांगर, नोडल अधिकारी वन मनोज चंद्रन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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