उत्तराखंड में तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में असंतुष्ट नेता
ऋषिकेश - उत्तराखंड में असंतुष्ट विभिन्न दलों के नेताओं ने तीसरा मोर्चा गठन करने की तैयारी कर ली है ,जिसमें भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार दिनेश धनै, पूर्व विधायक नरेंद्र नगर ओम गोपाल रावत, ऋषिकेश से संदीप गुप्ता, रुड़की के पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन, कांग्रेस के सहसपुर के दिग्गज आर्येंद्र शर्मा रायपुर विधानसभा से महेंद्र प्रताप नेगी, उत्तरकाशी से सूरत राम नौटियाल, नेगी, मसूरी से राजकुमार जायसवाल, चौबट्टाखाल से कवींद्र
ईष्टवाल, तथा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोविंद अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा ज्योति सजवाण सहित लगभग 150 से भी अधिक दिग्गज प्रदेश के कोने-कोने से आये थे, विभिन्न विधानसभाओं के प्रमुख जनप्रतिनिधि व कई संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। पर्वतीय मार्ग बंद होने के कारण केदारनाथ की पूर्व विधायक का आशा नौटियाल व श्रीनगर के पूर्व विधायक बृजमोहन कोटवाल नहीं पहुंच पाए इसी प्रकार से काशीपुर के पूर्व विधायक के परिवार के सदस्य का दिल्ली में एडमिट अस्पताल में एडमिट होने पर वह नहीं आ पाए तथा इसी प्रकार से भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर अंतरिक्ष सैनी भी से नहीं पहुंच पाए उन्होंने दूरभाष पर अपने समर्थन की पुष्टि की। बैठक की अध्यक्षता पूर्व विधायक रुड़की सुरेश चंद जैन ने की तथा संचालन महेंद्र प्रताप सिंह नेगी ने किया बैठक की भूमिका भाजपा के वरिष्ठ नेता सूरत राम नौटियाल उत्तरकाशी गोविंद अग्रवाल ने किया बैठक में प्रदेश में भाजपा कांग्रेस से अलग एक नया
राजनीतिक दल गठन करने पर विचार किया गया तथा शीघ्र ही दल के नाम की घोषणा पर भी विचार किया गया। आगामी बैठक राजधानी देहरादून में करने पर सहमति बनी। आगामी निकाय चुनाव लोकसभा, पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव में भी मजबूती से प्रत्याशी उतारने पर विचार किया गया। राज्य गठन के 18 वर्षो के बाद भी आंदोलनकारी व शहीदों की शहादत व उनके राजस्थान के उद्देश्य पूरे ना होने पर भी चिंता की गई व उन्हें पूरा करने हेतु जन आंदोलन करने का भी निर्णय लिया गया।बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता का अब भाजपा व कांग्रेस से विश्वास उठ गया है क्योंकि दोनों दल प्रदेश से नहीं बल्कि दिल्ली से संचालित हो रहे हैं । उत्तराखंड के संसाधनों का भी सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में पलायन, बेरोजगारी आपदा जैसी समस्याओं से यहां की जनता त्रस्त है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्रीय दल से ही प्रदेश का हित हो सकता है ।बैठक में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले दावेदारों से अपने-अपने विधानसभाओ में सम्मेलन आयोजित करने पर भी विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि हम किसी राजनीतिक दल से तुलना नहीं करते बल्कि स्वयं ही हम अपना अलग एजेंडा जारी करेंगे
ईष्टवाल, तथा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोविंद अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा ज्योति सजवाण सहित लगभग 150 से भी अधिक दिग्गज प्रदेश के कोने-कोने से आये थे, विभिन्न विधानसभाओं के प्रमुख जनप्रतिनिधि व कई संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। पर्वतीय मार्ग बंद होने के कारण केदारनाथ की पूर्व विधायक का आशा नौटियाल व श्रीनगर के पूर्व विधायक बृजमोहन कोटवाल नहीं पहुंच पाए इसी प्रकार से काशीपुर के पूर्व विधायक के परिवार के सदस्य का दिल्ली में एडमिट अस्पताल में एडमिट होने पर वह नहीं आ पाए तथा इसी प्रकार से भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर अंतरिक्ष सैनी भी से नहीं पहुंच पाए उन्होंने दूरभाष पर अपने समर्थन की पुष्टि की। बैठक की अध्यक्षता पूर्व विधायक रुड़की सुरेश चंद जैन ने की तथा संचालन महेंद्र प्रताप सिंह नेगी ने किया बैठक की भूमिका भाजपा के वरिष्ठ नेता सूरत राम नौटियाल उत्तरकाशी गोविंद अग्रवाल ने किया बैठक में प्रदेश में भाजपा कांग्रेस से अलग एक नया
राजनीतिक दल गठन करने पर विचार किया गया तथा शीघ्र ही दल के नाम की घोषणा पर भी विचार किया गया। आगामी बैठक राजधानी देहरादून में करने पर सहमति बनी। आगामी निकाय चुनाव लोकसभा, पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव में भी मजबूती से प्रत्याशी उतारने पर विचार किया गया। राज्य गठन के 18 वर्षो के बाद भी आंदोलनकारी व शहीदों की शहादत व उनके राजस्थान के उद्देश्य पूरे ना होने पर भी चिंता की गई व उन्हें पूरा करने हेतु जन आंदोलन करने का भी निर्णय लिया गया।बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता का अब भाजपा व कांग्रेस से विश्वास उठ गया है क्योंकि दोनों दल प्रदेश से नहीं बल्कि दिल्ली से संचालित हो रहे हैं । उत्तराखंड के संसाधनों का भी सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में पलायन, बेरोजगारी आपदा जैसी समस्याओं से यहां की जनता त्रस्त है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्रीय दल से ही प्रदेश का हित हो सकता है ।बैठक में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले दावेदारों से अपने-अपने विधानसभाओ में सम्मेलन आयोजित करने पर भी विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि हम किसी राजनीतिक दल से तुलना नहीं करते बल्कि स्वयं ही हम अपना अलग एजेंडा जारी करेंगे
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