स्कूल एवं मदरसों में फलदार पौधों का रोपन कर छात्रों को पर्यावरण ....
ऋषिकेश- परमार्थ निकेतन में मुफ़्ती रईस अहमद कासमी, सदर जमियत उलेमा ये हिन्द (मदरसा अध्यक्ष) देहरादून, मौलाना मोहम्बद जाहिद नाजीन, मदरसा उपाध्यक्ष एवं अन्य इस्लामिक विद्वान पहुंचे उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टर फेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द से विशेष मुलाकात स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मौलाना साहब से मदरसों में विद्यार्थियों से वृक्षारोपण करावाने एंव बच्चों को पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण हेतु प्रेरित करने के विषयों पर चर्चा की। चर्चा के दौरान स्वामी ने कहा अब समय आ गया है कि पर्यावरण को बचाये रखने के लिये सभी को आगे बढ़कर कार्य करना होगा क्योंकि माँ गंगा सहित भारत की अन्य सभी नदियाँ प्रदूषित हो रही है, नदियों को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिये युवाओं को प्रेरित करने की नितांत आवश्यकता है।
मुफ़्ती रईस अहमद कासमी साहब ने पर्यावरण संरक्षण, नदियों की स्वच्छता, सजलता एंव अविरलता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शौचालय निर्माण हेतु गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन द्वारा किये जा रहे कार्यो की भूरि-भूरि प्रशन्सा की। साथ ही विश्व शौचालय काॅलेज का भ्रमण कर जल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की अवधारणा पर काम कर रहे ग्लोबल इण्टर फेथ वाश एलायंस (जीवा) की भावी योजनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा, ’’वृक्षों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करना नितांत आवश्यक है। स्वामी ने बताया कि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के विभिन्न पार्काें, स्कूल एवं मदरसा परिक्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। स्कूल एवं मदरसों में ‘मिड-डे-फ्रूट’ कार्यक्रम के अंतर्गत फलदार पौधों का रोपन कर छात्रों को पर्यावरण से जोड़ने पर कार्य योजना तैयार की जा रही है। स्वामी ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि अगर प्रकृति और
पर्यावरण नहीं बचाया गया तो बच्चों को स्कूल बैंग की जगह आॅक्सीजन सिलेंडर लेकर स्कूल जाना पड़ सकता है। दिल्ली शहर का उदाहरण देते हुए कहा अगर प्रदूषण इसी तरह से बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश में ऐसे हालत हो जाएंगे कि बच्चों को स्कूल जाते वक्त स्कूल बैग की बजाए जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन गैस के छोटे छोटे सिलेंडर व मास्क अपने कंधों पर लटकाने पड़ेेगे़े इस परिस्थिति से निकलने का एकमात्र उपाय है कि अधिक से अधिक पौधें लगायें जायें एवं उनका संरक्षण किया जायें। पेड़ लगाकर ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।’’ मुफ़्ती रईस अहमद कासमी ने कहा कि फलदार, रूद्राक्ष, छायादार व औषधियों के लगभग 10,000 पौधे स्वामी चिदानन्द सरस्वती गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन एवं अपने उलेमा व मौलाना के साथ मिलकर उत्तराखण्ड मदरसों में एंव आस पास के क्षेत्रों में लगायेंगे। उन्होेने कहा कि हम स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में सभी उलेमों एवं अन्य इस्लामिक विद्वानों के साथ मिलकर मदरसों में वृक्षारोपण करने हेतु योजना बना रहे है। स्वामी ने, मुफ़्ती रईस अहमद कासमी साहब, मौलाना मोहम्मद जाहिद नाजीन, हाजी मौलाना साजिद साहब को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया साथ ही सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।
मुफ़्ती रईस अहमद कासमी साहब ने पर्यावरण संरक्षण, नदियों की स्वच्छता, सजलता एंव अविरलता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शौचालय निर्माण हेतु गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन द्वारा किये जा रहे कार्यो की भूरि-भूरि प्रशन्सा की। साथ ही विश्व शौचालय काॅलेज का भ्रमण कर जल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की अवधारणा पर काम कर रहे ग्लोबल इण्टर फेथ वाश एलायंस (जीवा) की भावी योजनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा, ’’वृक्षों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करना नितांत आवश्यक है। स्वामी ने बताया कि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के विभिन्न पार्काें, स्कूल एवं मदरसा परिक्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। स्कूल एवं मदरसों में ‘मिड-डे-फ्रूट’ कार्यक्रम के अंतर्गत फलदार पौधों का रोपन कर छात्रों को पर्यावरण से जोड़ने पर कार्य योजना तैयार की जा रही है। स्वामी ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि अगर प्रकृति और
पर्यावरण नहीं बचाया गया तो बच्चों को स्कूल बैंग की जगह आॅक्सीजन सिलेंडर लेकर स्कूल जाना पड़ सकता है। दिल्ली शहर का उदाहरण देते हुए कहा अगर प्रदूषण इसी तरह से बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश में ऐसे हालत हो जाएंगे कि बच्चों को स्कूल जाते वक्त स्कूल बैग की बजाए जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन गैस के छोटे छोटे सिलेंडर व मास्क अपने कंधों पर लटकाने पड़ेेगे़े इस परिस्थिति से निकलने का एकमात्र उपाय है कि अधिक से अधिक पौधें लगायें जायें एवं उनका संरक्षण किया जायें। पेड़ लगाकर ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।’’ मुफ़्ती रईस अहमद कासमी ने कहा कि फलदार, रूद्राक्ष, छायादार व औषधियों के लगभग 10,000 पौधे स्वामी चिदानन्द सरस्वती गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन एवं अपने उलेमा व मौलाना के साथ मिलकर उत्तराखण्ड मदरसों में एंव आस पास के क्षेत्रों में लगायेंगे। उन्होेने कहा कि हम स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में सभी उलेमों एवं अन्य इस्लामिक विद्वानों के साथ मिलकर मदरसों में वृक्षारोपण करने हेतु योजना बना रहे है। स्वामी ने, मुफ़्ती रईस अहमद कासमी साहब, मौलाना मोहम्मद जाहिद नाजीन, हाजी मौलाना साजिद साहब को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया साथ ही सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।
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