मुख्यमंत्री ने किया समरसता भोजन
देहरादून - भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा द्वारा आयोजित समरसता अभियान के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधायक खजानदास ने भोजन क्या भारतीय जनता पार्टी के आव्हान पर एक दलित चार रोटी के साथ अभियान की शुरुआत हुई भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ द्वारा हर घर से चार रोटी लाई गई और उन्हें रोटियों को इकट्ठा करके सभी ने मिलकर समरसता भोजन किया। भारत रत्न डाॅ.भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर भोजन ग्रहण करने से पहले मुख्यमंत्री वहां आए हुए
भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती समरसता दिवस के रूप में मना रहा है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि‘‘समरसता का अर्थ है सबको एक समान नजर से देखना। और जब हम सबको एक समान नजर से देख पाएंगे, तभी समाज के सभी वर्ग एकजुट हो पाऐंगे। बाबा साहेब का यह सपना था, कि भारत में जातिवाद खत्म हो, सामाजिक समानता के अवसर हों, अधिकारों की रक्षा हो, तब जाकर ही न्यू इंडिया का सपना साकार हो सकता है। हमारे संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को, चाहे वह किसी भी जाति, संप्रदाय या पंथ से हो, समानता का अधिकार प्राप्त है।
मुझे खुशी है कि आज के दौर में हम न्यू इंडिया के निर्माण की तरफ बढ़ रहे हैं, जिस न्यू इंडिया का सपना डॉ. अंबेडकर ने देखा था, जिस न्यू इंडिया में सामाजिक भेदभाव न हो, अधिकारों का हनन न हो, सबके लिए समान अवसर पैदा हों। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का ये स्पष्ट मानना रहा है कि समाज में सभी वर्गों को समान अधिकार प्राप्त हो और गरीब से गरीब व्यक्ति का विकास होना चाहिए। चाहे वंचित वर्ग के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग की बात हो, छात्रवृत्ति की बात हो, इन सरकारी योजनाओं का
एकमात्र उद्देश्य समाज में सबको समान अवसर प्रदान करना है।’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ सबका विकास का एजेंडा इसी का एक संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बाबा साहेब के संघर्षों, त्याग और बलिदान की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बडे महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। बाबा साहेब की स्मृति में पंचतीर्थ का निर्माण किया जा रहा है। यानि उनकी जन्मभूमि से लेकर, अध्ययन भूमि, कर्म भूमि, दीक्षा भूमि और परिनिर्वाण भूमि में डॉ. अंबेडकर की स्मृति में तीर्थों का निर्माण किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती समरसता दिवस के रूप में मना रहा है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि‘‘समरसता का अर्थ है सबको एक समान नजर से देखना। और जब हम सबको एक समान नजर से देख पाएंगे, तभी समाज के सभी वर्ग एकजुट हो पाऐंगे। बाबा साहेब का यह सपना था, कि भारत में जातिवाद खत्म हो, सामाजिक समानता के अवसर हों, अधिकारों की रक्षा हो, तब जाकर ही न्यू इंडिया का सपना साकार हो सकता है। हमारे संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को, चाहे वह किसी भी जाति, संप्रदाय या पंथ से हो, समानता का अधिकार प्राप्त है।
मुझे खुशी है कि आज के दौर में हम न्यू इंडिया के निर्माण की तरफ बढ़ रहे हैं, जिस न्यू इंडिया का सपना डॉ. अंबेडकर ने देखा था, जिस न्यू इंडिया में सामाजिक भेदभाव न हो, अधिकारों का हनन न हो, सबके लिए समान अवसर पैदा हों। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का ये स्पष्ट मानना रहा है कि समाज में सभी वर्गों को समान अधिकार प्राप्त हो और गरीब से गरीब व्यक्ति का विकास होना चाहिए। चाहे वंचित वर्ग के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग की बात हो, छात्रवृत्ति की बात हो, इन सरकारी योजनाओं का
एकमात्र उद्देश्य समाज में सबको समान अवसर प्रदान करना है।’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ सबका विकास का एजेंडा इसी का एक संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बाबा साहेब के संघर्षों, त्याग और बलिदान की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बडे महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। बाबा साहेब की स्मृति में पंचतीर्थ का निर्माण किया जा रहा है। यानि उनकी जन्मभूमि से लेकर, अध्ययन भूमि, कर्म भूमि, दीक्षा भूमि और परिनिर्वाण भूमि में डॉ. अंबेडकर की स्मृति में तीर्थों का निर्माण किया जा रहा है।
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