प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए-कार्यवाह दीक्षित
देहरादून-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने देश मे प्रचलित विभिन्न भाषाओं और बोलियों के संरक्षण और संवर्धन का प्रस्ताव पास किया है। पत्रकार वार्ता में पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह शशिकांत दीक्षित ने बताया कि 09 से 11 मार्च तक नागपुर में हुई बैठक में 1538 प्रतिनिधियों में से 1461 प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें उत्तराखंड प्रान्त से 34 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए शशिकांत दीक्षित ने बताया कि देश में प्रचलित विभिन्न भाषाओं और बोलियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिनिधियों द्वारा जो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया है उसमें विलुप्त हो रही भाषाओं को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से मांग की गई है कि सभी कामकाज में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाए।
प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं में मातृभाषा एक वैकल्पिक भाषा हो और तकनीकी शिक्षा को भी भारतीय भाषाओं में दिया जाना चाहिए। दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आज देश की अनेक भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो चुकी हैं और कई के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। इसलिए देश की विविध भाषाओं एवं बोलियों के संरक्षण व संवर्धन के समुचित प्रयास किया जाना आवश्यक है ।उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा ने सरकारों, स्वैच्छिक संगठनों, जनसंचार माध्यमों, पंथ संप्रदायों के संगठनों, शिक्षण संस्थानों व प्रबुद्धजनों सहित संपूर्ण समाज से आग्रह किया है कि दैनिक जीवन में भारतीय भाषाओं के उपयोग एवं उनके व्याकरण, शब्द चयन, लिपि आदि में परिशुद्धता सुनिश्चित करते हुए उनके संवर्धन का हर संभव प्रयास करें।इस मौके पर उन्होंने संघ शाखाओं में पूरे देश एवं उत्तराखंड प्रान्त में हो रही वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बड़ी संख्या में युवा वर्ग संघ के साथ जुड़ रहा है। इस समय देश में 58 हजार 962 शाखाएं तथा उत्तराखंड प्रान्त में 1303 शाखाएं चल रहीं है। देश भर के 18 से 40 आयु वर्ग के 115729 कार्यकर्ताओं ने 2017 में विभिन्न प्रशिक्षण वर्गों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। पत्रकार वार्ता में आजाद सिंह रावत महानगर संघचालक देहरादून, सुरेन्द्र मित्तल प्रान्त व्यवस्था प्रमुख तथा प्रचार प्रमुख हिमांशु अग्रवाल उपस्थित रहे।
प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं में मातृभाषा एक वैकल्पिक भाषा हो और तकनीकी शिक्षा को भी भारतीय भाषाओं में दिया जाना चाहिए। दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आज देश की अनेक भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो चुकी हैं और कई के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। इसलिए देश की विविध भाषाओं एवं बोलियों के संरक्षण व संवर्धन के समुचित प्रयास किया जाना आवश्यक है ।उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा ने सरकारों, स्वैच्छिक संगठनों, जनसंचार माध्यमों, पंथ संप्रदायों के संगठनों, शिक्षण संस्थानों व प्रबुद्धजनों सहित संपूर्ण समाज से आग्रह किया है कि दैनिक जीवन में भारतीय भाषाओं के उपयोग एवं उनके व्याकरण, शब्द चयन, लिपि आदि में परिशुद्धता सुनिश्चित करते हुए उनके संवर्धन का हर संभव प्रयास करें।इस मौके पर उन्होंने संघ शाखाओं में पूरे देश एवं उत्तराखंड प्रान्त में हो रही वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बड़ी संख्या में युवा वर्ग संघ के साथ जुड़ रहा है। इस समय देश में 58 हजार 962 शाखाएं तथा उत्तराखंड प्रान्त में 1303 शाखाएं चल रहीं है। देश भर के 18 से 40 आयु वर्ग के 115729 कार्यकर्ताओं ने 2017 में विभिन्न प्रशिक्षण वर्गों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। पत्रकार वार्ता में आजाद सिंह रावत महानगर संघचालक देहरादून, सुरेन्द्र मित्तल प्रान्त व्यवस्था प्रमुख तथा प्रचार प्रमुख हिमांशु अग्रवाल उपस्थित रहे।
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