गैरसैंण अब दूर नहीं और कोई मंजूर नहीं
देहरादून: राजधानी गैरसैंण निर्माण अभियान के बैनर के साथ गांधी पार्क से घंटाघर तक मार्च कर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग भी पहाड़ी अंदाज में ढोल दमो के साथ हुई। पिछले 17 सालों से स्थाई राजधानी के लिए तरस रहा उत्तराखंड, अब फिर से उत्तराखंड आंदोलन की ही तरह राजधानी के लिए भी युवाओं में जज्बा जाग गया है। रैली में युवाओं की भागीदारी भी बहुत अधिक रही अपने नारों गैरसैंण अब दूर नहीं और कोई मंजूर नहीं के साथ स्थाई राजधानी के लिए मार्च निकाला गया।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को अब तय करना होगा कि वह स्थाई राजधानी के मामले में जनता को ज्यादा भ्रमित नहीं कर पाएंगे। अब उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा ज़ोर पकड़ने लगा है। गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में देहरादून में भी शनिवार को बड़ा प्रदर्शन हुआ। ‘गैरसैंण राजधानी अभियान’ के तहत सैकड़ों आम लोगों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक जन-जागरण रैली निकाली। गैरसैंण को राजधानी घोषित किए जाने की मांग करते हुए ‘गैरसैंण विरोधी विचार’ का पुतला भी जलाया गया।जन-जागरण रैली में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भागीदारी की। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की थी।
अलग-अलग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं हाथों में पोस्टर और तख़्तियां लेकर शिद्दत के साथ मार्च में जमे रहे। मार्च में राज्य आंदोलनकारियों, सामाजिक संगठनों, महिला संगठनों और पूर्व सैनिकों की भी अच्छी-खासी मौजूदगी रही। सभी ने एकमत से गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जोर दिया। मालूम हो कि उत्तराखंड राज्य गठन के सत्रह सालों बाद भी प्रदेश की राजधानी तय नहीं हो सकी है। राज्य आंदोलन के वक्त से ही गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकारों ने इस मुद्दे को उलझाए रखा। वर्तमान में प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार है
और केंद्र में भी समान दल सत्ता में है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि ऐसे में डबल इंजन वाली सरकार के पास स्थाई राजधानी घोषित न करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए। आज हुई रैली के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि अविलंब गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए। यदि सरकार अभी भी स्थाई राजधानी के सवाल को हल नहीं करती तो प्रदेशभर में विशाल जनांदोलन छेड़ा जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को अब तय करना होगा कि वह स्थाई राजधानी के मामले में जनता को ज्यादा भ्रमित नहीं कर पाएंगे। अब उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा ज़ोर पकड़ने लगा है। गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में देहरादून में भी शनिवार को बड़ा प्रदर्शन हुआ। ‘गैरसैंण राजधानी अभियान’ के तहत सैकड़ों आम लोगों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक जन-जागरण रैली निकाली। गैरसैंण को राजधानी घोषित किए जाने की मांग करते हुए ‘गैरसैंण विरोधी विचार’ का पुतला भी जलाया गया।जन-जागरण रैली में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भागीदारी की। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की थी।
अलग-अलग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं हाथों में पोस्टर और तख़्तियां लेकर शिद्दत के साथ मार्च में जमे रहे। मार्च में राज्य आंदोलनकारियों, सामाजिक संगठनों, महिला संगठनों और पूर्व सैनिकों की भी अच्छी-खासी मौजूदगी रही। सभी ने एकमत से गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जोर दिया। मालूम हो कि उत्तराखंड राज्य गठन के सत्रह सालों बाद भी प्रदेश की राजधानी तय नहीं हो सकी है। राज्य आंदोलन के वक्त से ही गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकारों ने इस मुद्दे को उलझाए रखा। वर्तमान में प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार है
और केंद्र में भी समान दल सत्ता में है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि ऐसे में डबल इंजन वाली सरकार के पास स्थाई राजधानी घोषित न करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए। आज हुई रैली के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि अविलंब गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए। यदि सरकार अभी भी स्थाई राजधानी के सवाल को हल नहीं करती तो प्रदेशभर में विशाल जनांदोलन छेड़ा जाएगा।
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